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April 24, 2025

एयर इंडिया का विमान बुखारेस्ट रवाना, यूक्रेन में फंसे भारतीयों में 188 उत्तराखंड के निवासी

रूस के हमले के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश वापस लाने के प्रयास सरकार की ओर से तेज हो गए हैं। यूक्रेन में फंसे भारतीयों में 151 लोग उत्तराखंड के भी हैं। ऐसे में यहां उनके परिजनों की चिंता बढ़नी स्वाभाविक है।

रूस के हमले के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश वापस लाने के प्रयास सरकार की ओर से तेज हो गए हैं। एअर इंडिया के एक विमान ने रूस के आक्रमण के चलते यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के वास्ते रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट के लिए शनिवार सुबह मुंबई हवाईअड्डे से उड़ान भरी। यूक्रेन में फंसे भारतीयों में 188 लोग उत्तराखंड के भी हैं। ऐसे में यहां उनके परिजनों की चिंता बढ़नी स्वाभाविक है। रूस व यूक्रेन के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए शासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। आज शनिवार को डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि हमें उत्तराखंड के 188 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिली है। विदेश मंत्रालय उन्हें बाहर निकालने के लिए जरूरी इंतजाम कर रहे हैं। उत्तराखंड का हेल्पलाइन नंबर 112 है। वहीं, बीते रोज अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल ने बताया था कि हेल्पलाइन नंबर 112 पर अब तक 151 नागरिकों की फंसे होने की सूचना मिली है। इसमें सबसे अधिक 39 देहरादून जिले के हैं।
बुखारेस्ट से लाएंगे स्वदेश
वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताया कि उड़ान संख्या एआई1943 ने तड़के करीब तीन बजकर 40 मिनट पर मुंबई हवाईअड्डे से उड़ान भरी, जो बुखारेस्ट हवाईअड्डे पर पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि जो भी भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर पहुंच गये हैं। उन्हें भारत सरकार के अधिकारी बुखारेस्ट ले जायेंगे। ताकि उन्हें एअर इंडिया की उड़ानों के जरिए स्वदेश लाया जा सके।
फिलहाल फंसे हैं 20 हजार भारतीय, ज्यादातर विद्यार्थी
एअर इंडिया यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के लिए शनिवार को और उड़ानें संचालित करेगी। गुरुवार को यूक्रेन के अधिकारियों ने यात्री विमानों के परिचालन के लिए अपने देश का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था, इसलिए भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए ये उड़ानें बुखारेस्ट और बुडापेस्ट से परिचालित की जा रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन में फिलहाल करीब 20,000 भारतीय फंसे हुए हैं जिनमें ज्यादातर विद्यार्थी हैं।
पहले लाए गए थे 240 भारतीय
यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने से पहले एअर इंडिया ने 22 फरवरी को यूक्रेन की राजधानी कीव के लिए एक विमान भेजा था जिसमें 240 लोगों को भारत वापस लाया गया था। उसने 24 और 26 फरवरी को दो और उड़ानों के संचालन की योजना बनायी थी लेकिन रूस के 24 फरवरी को आक्रमण शुरू करने और इसके बाद यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण ऐसा नहीं किया जा सका। एअर इंडिया ने शुक्रवार रात को ट्वीट करके बताया कि वह दिल्ली और मुंबई से शनिवार को बी787 विमान बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के लिए परिचालित करेगा।
भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइजरी
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों से उसके अधिकारियों के साथ पूर्व समन्वय के बिना सीमा चौकियों पर नहीं जाने को कहा है। यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने एक और एडवायज़री जारी करते हुए कहा है कि जैसा कि रूस पूर्व सोवियत गणराज्य पर चौतरफा आक्रमण कर रहा है। इस हमले में हजारों भारतीय फंसे हुए हैं और बेताब तरीके से बाहर निकलने का रास्ता तलाश रहे हैं। इसलिए सीमा पर तैनात भारतीय अधिकारियों से समन्वय के बिना सीमा की तरफ़ न निकलें।
जहां हैं वहीं रहना बेहतर
एडवायजरी में कहा गया है कि यूक्रेन के पश्चिमी शहरों में खाने पीने की चीज़ों के साथ जहां है वहां बने रहना ही बेहतर है बजाय इसके कि बिना समन्वय के सीमा पर पहुंच कर कठिनाई उठाएं। एडवायजरी में कहा गया है कि पूर्वी शहर (जैसे खारकीव) में जो भारतीय ख़ास तौर पर जो छात्र हैं, वे अगले निर्देश तक घरों के अंदर ही रहें या जहां पनाह लिए हैं, वहीं रहें।
सीमा चौकियों तक पहुंचने वालों की मदद करना मुश्किल
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने आज सुबह ट्वीट किया कि-विभिन्न सीमा चौकियों पर स्थिति संवेदनशील है और दूतावास हमारे पड़ोसी देशों में हमारे दूतावासों के साथ मिलकर हमारे नागरिकों को निकालने के लिए काम कर रहा है। दूतावास ने कहा कि बिना किसी पूर्व सूचना के सीमा चौकियों तक पहुंचने वाले भारतीय नागरिकों की मदद करना अधिक कठिन हो रहा है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा, भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए पड़ोसी देशों में स्थित भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
अधिकांश हिस्सों में बाजार बंद
यह एडवाइजरी उन खबरों के बीच आई है, जिनमें भारतीयों द्वारा लंबी दूरी तय करके यूक्रेन की सीमा पार कर पड़ोसी देशों में जाने की कोशिश की जा रही है, ताकि वहां से उन्हें सुरक्षित निकाला जा सके।
यूक्रेन भारतीय मेडिकल छात्रों के लिए एक आकर्षक प्वाइंट रहा है क्योंकि वहां मेडिकल शिक्षा की लागत भारत की तुलना में काफी कम है। मौजूदा संकट में वहां कथित तौर पर छात्र आवश्यक संसाधनों के बिना बेसमेंट में छिपे हुए हैं। वहां देश के अधिकांश हिस्सों में बाजार भी बंद हैं।
मार्गों को निर्धारित करने का हो रहा काम
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को कहा कि वह रोमानिया तथा हंगरी से आने वाले मार्गों को निर्धारित करने का काम कर रहा है। दूतावास ने कहा कि वर्तमान में अधिकारियों की टीम उझोरोद के पास चोप-जाहोनी हंगरी सीमा, चेर्नीवत्सी के पास पोरब्ने-सीरेत रोमानियाई सीमा चौकियों पर पहुंच रही है।
दी गई है ये सलाह
साथ ही दूतावास ने कहा कि इन सीमा जांच चौकियों के करीब रह रहे भारतीय नागरिकों, विशेष कर छात्रों को विदेश मंत्रालय के दलों के साथ समन्वय कर व्यवस्थित तरीके से रवाना होने की सलाह दी जाती है। उसने कहा कि एक बार जब ये मार्ग चालू हो जाएंगे तो भारतीय नागरिकों को खुद से यात्रा करने के लिए सीमा जांच चौकियों की ओर बढ़ने की सलाह दी जाएगी।
भारतीय ध्वज को वाहनों में लगाने की सलाह
दूतावास ने भारतीयों को अपना पासपोर्ट, नकदी (प्राथमिक रूप से डॉलर में) अन्य आवश्यक वस्तुएं और कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र सीमा जांच चौकियों पर अपने पास रखने की सलाह दी है। दूतावास ने कहा है कि भारतीय ध्वज का (कागज पर) प्रिंट निकाल लें और यात्रा के दौरान वाहनों तथा बसों पर उन्हें चिपका दें।
कीव से रोमानिया तक 600 किमी का फासला
यूक्रेन की राजधानी कीव और रोमानिया की सीमा के बीच करीब 600 किलोमीटर का फासला है और सड़क मार्ग से यह दूरी तय करने में साढ़े आठ से 11 घंटे लगते हैं। रोमानियाई सीमा जांच चौकी से बुखारेस्ट करीब 500 किलोमीटर की दूरी पर है तथा सड़क मार्ग से उसे तय करने में करीब सात से नौ घंटे लगते हैं। वहीं, कीव और हंगरी की सीमा के बीच करीब 820 किमी की दूरी है और इसे सड़क मार्ग से तय करने में 12-13 घंटे लगते हैं।
उत्तराखंड में जारी किया हेल्पलाइन नंबर
रूस व यूक्रेन के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए उत्तराखंड शासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। शुक्रवार को अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल ने बताया था कि हेल्पलाइन नंबर 112 पर अब तक 151 नागरिकों की फंसे होने की सूचना मिली है। इसमें सबसे अधिक 39 देहरादून जिले के हैं।
इसके अलावा ऊधमसिंह नगर के 20, टिहरी जिले के 10, अल्मोड़ा से एक, चमोली से दो, चंपावत से चार, पिथौरागढ़ से दो उत्तरकाशी से सात, पौड़ी गढ़वाल से 13, हरिद्वार से 26, रुद्रप्रयाग से पांच, नैनीताल से 22 नागरिकों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिली है। अपर सचिव गृह ने अपील की है कि उत्तराखंड के नागरिक जो विभिन्न कार्यों से यूक्रेन में निवासरत हैं, उनके स्वजन चिंतित व भयभीत न हों। अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान न दें। सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
बनाए गए नोडल अधिकारी
अपर सचिव रिधिम अग्रवाल ने इसकी जानकारी दी। बताया कि यूक्रेन में निवासरत उत्तराखंड राज्य के लोगों की सुरक्षा और उनके परिजनों से प्राप्त हो रही सूचनाओं के संकलन के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। इनमें पुलिस उप महानिरीक्षक कानून व्यवस्था पी। रेणुका देवी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इनका मोबाइल नंबर 7579278144 भी जारी किया गया है। साथ ही सहायक नोडल अधिकारी के रूप में पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था प्रमोद कुमार को नामित किया गया है। इनका नंबर 9837788889 जारी किया गया है।
उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारियों से अपेक्षा की गई है कि वे यूक्रेन में निवासरत उत्तराखंड राज्य के नागरिकों के परिजनों से मिल रही सूचनाओं का संकलन कर उत्तराखंड शासन के गृह विभाग को उपलब्ध कराएंगे। साथ ही सोशल मीडिया में अनेक अफवाहों पर नियंत्रण के लिए सोशल मीडिया मॉनिटरिंग यूनिट को सक्रिय बनाएंगे। साथ ही प्रभावित नागरिकों के परिजनों से समन्वय स्थापित करेंगे। वहीं, आज शनिवार को डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि हमें उत्तराखंड के 188 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिली है। विदेश मंत्रालय उन्हें बाहर निकालने के लिए जरूरी इंतजाम कर रहे हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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