कांग्रेस से निष्कासित अग्रवाल दंपती, पूर्व कैबिनेट मंत्री सहित कई बीजेपी में हुए शामिल, जानिए कौन थे- आया राम, गया राम
पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै, अग्रवाल दंपती पीके अग्रवाल और लक्ष्मी कपरुवाण अग्रवाल के साथ ही बड़ी संख्या में कई लोगों ने आज सोमवार पांच फरवरी को बीजेपी की सदस्यता ली। वैसे इन तीनों नेताओं की गिनती आयाराम और गया राम के रूप में होती है। अब आप कहोगे कि आयाराम और गया राम क्या होता है। हम यहां पहले इसका ही अर्थ समझाएंगे। खबर को लिखने में बहुत मेहनत की गई। ऐसे में इसे पढ़ने के बाद शेयर भी जरूर करना। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी का दावा
उत्तराखंड बीजेपी ने दावा किया कि पूर्व कैबिनेट मंत्री समेत कांग्रेस एवं विभिन्न दलों के वरिष्ठ पदाधिकारियों समेत हजारों लोगों ने आज भाजपा की सदस्यता ली है। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि लगातार पार्टी में शामिल होने वालों का सैलाब बताता है कि पीएम मोदी और सीएम धामी के नेतृत्व में समूचा उत्तराखंड भी भाज़पामय हो गया है। इसलिए मोदी जी के चुनावी रथ का राज्य की सभी सीटों पर प्रचंड जीत की हैट्रिक के साथ आगे बढ़ना निश्चित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आया राम गया राम के बारे में
यह शब्द तब गढ़ा गया जब हरियाणा के होडल से विधान सभा के सदस्य गया लाल ने 1967 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए। उसके बाद उन्होंने एक पखवाड़े में तीन बार पार्टियां बदलीं, पहली बार राजनीतिक रूप से दलबदल कर। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस संयुक्त मोर्चे में शामिल हुई, फिर प्रतिवाद करके वापस कांग्रेस में शामिल हो गई। फिर नौ घंटे के भीतर दलबदल कर फिर से संयुक्त मोर्चे में शामिल हो गई। जब गया लाल ने संयुक्त मोर्चा छोड़ दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए, तो कांग्रेस नेता राव बीरेंद्र सिंह, जिन्होंने गया लाल के कांग्रेस में दलबदल की योजना बनाई थी, चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन में गया लाल को लाए और घोषणा की कि-गया राम अब आया राम थे। इससे राजनीतिक दल-बदल, प्रति-दल-बदल, प्रति-प्रति-दल-बदल आदि का सबसे खराब चक्रीय खेल शुरू हो गया, जिसके परिणामस्वरूप अंततः हरियाणा विधान सभा भंग हो गई और राष्ट्रपति शासन लगाया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
1967 के बाद भी, गया लाल लगातार राजनीतिक दल बदलते रहे और 1972 में कई पार्टियों यानी अखिल भारतीय आर्य सभा के तहत हरियाणा में विधान सभा चुनाव लड़े, 1974 में चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व में भारतीय लोक दल में शामिल हुए। जनता पार्टी के रूप में सीट जीती। 1977 में लोकदल के जनता पार्टी में विलय के बाद उम्मीदवार बने। गया लाल बार-बार फ्लोर-क्रॉस करते रहे हैं, जो आया राम गया राम शब्द के निर्माण का स्रोत बने। उनके बेटे उदय भान भी एक राजनेता हैं, जो अक्सर फ्लोर-क्रॉस करते हैं। 1987 में उन्होंने एक उम्मीदवार के रूप में विधान सभा चुनाव जीता। लोक दल (बहुगुणा गुट), 1991 में जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में हार गया। 1996 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में हार गया। 2000 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीतने के बाद इनेलो में शामिल हो गया। 2004 में दल-बदल विरोधी कानून के तहत आरोपों का सामना करना पड़ा और कांग्रेस में शामिल हुए। 2005 में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड के आयाराम गया राम
दिनेश धनै 1986 में गढ़वाल विश्वविद्यालय (एसआरटीसी) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने 1992 में अपने विश्वविद्यालय – एसआरटीसी गढ़वाल विश्वविद्यालय (पुरानी टिहरी) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। इन वर्षों में, उन्होंने 1994 में संयुक्त सचिव, यूपी युवा कांग्रेस (दूसरा कार्यकाल) जैसे कई पदों पर काम किया है। वह 1995 में अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष रहे। इसके बाद 1991 में यूपी युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
2003 में, वह टिहरी नगर पालिका से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए और कांग्रेस और भाजपा दोनों उम्मीदवारों को हराया। उन्होंने 2008 तक वहां सेवा की। अपनी अध्यक्षता के दौरान उन्होंने 2007 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में विधान सभा चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर आए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धनाई 2012 में फिर से उसी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े। विधान सभा में प्रवेश करने का उनका प्रयास कांग्रेस और भाजपा से करीबी अंतर के साथ सफल रहा। उन्होंने दो वर्षों तक गढ़वाल मंडल विकास निगम के अध्यक्ष और राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। 2014 में उन्हें हरीश रावत के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। 2019 में, धनाई ने राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड राज्य से संबंधित मुद्दों का प्रतिनिधित्व करने के इरादे से एक नई राजनीतिक पार्टी उत्तराखंड जन एकता पार्टी के गठन की घोषणा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीके अग्रवाल कभी कांग्रेस, कभी बीजेपी, कभी पूर्व पीएम चंद्रशेखर की पार्टी में रहे। वह चंद्रशेखर की पार्टी से विधानसभा का चुनाव भी लड़े। वह कई बार कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए और वापस कांग्रेस में लौटे। पीके अग्रवाल को उत्तराखंड कांग्रेस ने सम्मान दिया। साथ ही उनकी पत्नी लक्ष्मी कपरुवाण अग्रवाल को भी उत्तराखंड के देहरादून में पछुवादून का अध्यक्ष बनाया। वहीं, पीके अग्रवाल कांग्रेस में प्रदेश महामंत्री थे। साथ ही मीडिया में भी उन्हें जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बावजूद आया राम, गया राम की राजनीति करने वाले पीके अग्रवाल के साथ ही उनकी पत्नी जब कांग्रेस के लिए ही सिरदर्द बन गए तो दोनों को उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उन्हें पदमुक्त कर दिया। साथ ही दोनों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया। एक बार फिर से दोनों बीजेपी में शामिल हो गए। वैसे अग्रवाल बिजनेसमैन हैं। उन्होंने पिछले कुछ सालों में काफी संपत्ति अर्जित की है। ऐसे में उनके बीजेपी में शामिल होने के पीछे ईडी का डर हो या फिर कोई दूसरा कारण। ये तो वही जानते होंगे। हालांकि, पीके अग्रवाल कोई चुनाव नहीं जीते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी ने किया शामिल होने वालों का स्वागत
उत्तराखंड बीजेपी का कहना है कि प्रदेश मुख्यालय में आज पार्टी ज्वाइन करने वालों की तादात इतनी अधिक रही कि कार्यक्रम को तीन पालियों में संपन्न करना पड़ा। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने सभी नवांगुतों का फूल माला और पटका पहनाकर स्वागत किया । अपने संबोधन में उन्होंने पार्टी में शामिल होने वाले सभी राजनैतिक कार्यकर्ताओं को पार्टी का मुखिया होने के नाते उनके मान सम्मान का भरोसा दिलाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी मोदी के मार्गदर्शन एवं कम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में देश की भांति प्रदेश का भी चौमुखी विकास हो रहा है। आज देशवासियों को आगमी 5 वर्षों में भारत के तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने और विकसित देशों में शुमार होने का पूरा भरोसा है। साथ ही वर्तमान नीतियां और हालत बताते हैं कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड के नाम होने वाला है। यही वजह है कि लगातार एक के बाद एक, प्रदेश स्तर पर ज्वाइनिंग अभियानों में विभिन्न पार्टियों के राजनैतिक कार्यकर्ताओं का सैलाब उमड़ रहा है । आज अधिक संख्या के चलते 3 पालियों में ज्वाइनिंग कराना दर्शाता है कि सम्पूर्ण उत्तराखंड भाजपामय बन गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश धन्ने ने कहा कि पीएम मोदी और सीएम धामी के कामों से प्रभावित होकर उनकी सम्पूर्ण जन एकता पार्टी आज यहां है। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश और सीएम धामी के नेतृत्व उत्तराखंड विकास के हाइवे पर दौड़ रहा है। ठीक उसी तरह वह टिहरी को भी प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ जनपद बनाने के कृत संकल्प के साथ हम सभी भाजपा में आए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये भी हुए शामिल
दिनेश धनै के साथ भाजपा में शामिल होने वालों में जिला पंचायत सदस्य सुषमा सजवान, संगीता ज्याडा, कुंती सजवान, पूर्व पंचायत सद्स्य रागिनी भट्ट, मूर्ति सिंह नेगी, देवेंद्र डुमोगा, कृष्ण सिंह रावत, दिनेश मियां, विनोद नेगी, अरविंद खारोला, छात्र संघ अध्यक्षों में योगेश पाल, राजवीर भंडारी, प्रताप गोसाई, विजयपाल रावत, प्रशांत उनियाल, कुशवीर तड़ियाल, रविंद्र रावत, अलंकर सुमन, पूर्व प्रमुख एवं क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधियों में पूर्व प्रमुख आनंदी नेगी, संजय मैठाणी, ज्येष्ठ उप प्रमुख जगमोहन नेगी, पदम सिंह नेगी, नारायण सिंह पवार, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल अतीक अहमद, करम सिंह तोपवाल, संजय सजवान, दीपक राणा, असद अली, गंगाधर चमोली, पार्टी संगठन से नगर अध्यक्ष अध्यक्ष फारुख शेख, देव सिंह पुंडीर, सोमवारी लाल सकलानी, शशि भूषण भट्ट, बलवीर पुंडीर, कृष्णा, मुंबई सिंह गुनसोला अनीता भंडारी, अनीता थपलियाल, दिनेश उनियाल भी बीजेपी में शामिल हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस के ये नेता भी हुई शामिल
वहीं इसके अतिरिक्त कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री एवं मीडिया प्रभारी पीके अग्रवाल (हालांकि मीडिया में उनके बयान नगण्य थे), ज़िला अध्यक्ष पछुवादून लक्ष्मी अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता किरण सिंह, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस सुरेंद्र ठाकुर, प्रदेश सचिव एस विक्रांत प्रजापति, रॉबिन चौधरी समेत बड़ी संख्या में नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने भाजपा को सदायता ली। इस दौरान लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा कि भाजपा के विचारों और मोदी धामी के विकास के कार्यों से प्रभावित होकर हम पुनः पार्टी में आए हैं। संगठन जो भी भूमिका और कार्य हमे सौंपेगी उसे हम सभी पूर्णतया क्षमता से उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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इसी तरह उत्तरकाशी से वरिष्ठ कांग्रेस नेता हेमचंदमोला के साथ अशरफ राणा, मोहनलाल मटवान, कमल लाल, राम दयाल, दलवीर चंद रमोला, जवाहरलाल मटवान घनश्याम लाल, सुनीता रमोला ने पार्टी का दामन थामा । इसके साथ ही यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं श्रीनगर से दो बार विधानसभा चुनाव लड़े मोहन काला ने भी सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ली।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।