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December 19, 2024

सात महीने पूरे होने पर फिर गर्माया किसान आंदोलन, पंचकुला में पुलिस से झड़प, राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन, देहरादून में हुई गिरफ्तारी

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर एक बार फिर से किसान सड़कों पर दिखाई दिए। संयुक्त किसान मोर्चा ने आज देशभर में राजभवन मार्च का ऐलान किया।

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर एक बार फिर से किसान सड़कों पर दिखाई दिए। संयुक्त किसान मोर्चा ने आज देशभर में राजभवन मार्च का ऐलान किया। इसका असर कई राज्यों में देखने को मिला। पंचकुला में इस दौरान किसानों की पुलिस से झड़प भी हुई। लखनऊ और उत्तराखंड में भी प्रदर्शन हुए। देहरादून में राजभवन कूच कर रहे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इस मौके पर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सभी राज्यपालों और उप राज्यपालों को सौंपे गए।किसान मोर्चा ने इस विरोध मार्च का नाम “खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस” ​​रखा है। यह विरोध मार्च देश में आपातकाल लागू होने की 46वीं बरसी के एक दिन बाद आयोजित किया गया है।
पंचकुला में झड़प
हरियाणा के पंचकूला में किसानों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई। चंडीगढ़ में हरियाणा के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के लिए हजारों किसान पंचकूला से निकले थे। रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा रखे थे। गुस्साए किसानों ने बैरिकेड्स उखाड़ फेंके और आगे बढ़ गए। सिर्फ बैरिकेडिंग ही नहीं, किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने सीमेंट की बीम भी लगाई थी।
लखनऊ में भी पुलिस ने रोका  
लखनऊ में भी किसान संगठन जब राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने निकले तो पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर बापू भवन से पहले ही उन्हें रोक दिया।। हालांकि बाद में आधा दर्जन से ज्यादा किसान नेता राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंपकर आए। किसानों ने बताया कि जब तक काले कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक हर 26 तारीख को ऐसे ही प्रदर्शन किया जाएगा।
नहीं झुकेंगे किसान, 43 महीने तक करेंगे आंदोलन
दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ पहुंचे। किसानों के आज के विरोध को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने स्पष्ट कर दिया है कि किसान सरकार के आगे झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अभी लंबा चलेगा। 43 महीने तक किसान आंदोलन करते रहेंगे। ये सरकार तीन साल में ठीक होगी। टिकैत से जब पूछा गया कि आंदोलन में सिर्फ पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ही किसान हिस्सा ले रहे हैं तो उन्होंने कहा पूरे देश का किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की जमीनें बड़ी-बड़ी कंपनियों को देना चाहती है। किसान सरकार के इस मंसूबे को सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के भी किसान सरकार की नीतियों से परेशान हैं। बिहार में मंडियां खत्म कर दी गईं। फसल का उचित दाम किसानों को नहीं मिल पा रहा है। 10-10 एकड़ जमीन वाले किसान मजदूरी करने को मजबूर हैं। सरकार जनता से है। किसान परमानेंट रहेगा। सरकार परमानेंट नहीं रहेगी। अभी कानून वापसी का नारा लगा रहे हैं, क्या चाहते हैं सत्ता वापसी का नारा लगा दें?
विधानसभा चुनाव में करेंगे योगी सरकार का विरोध
इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा था कि यूपी विधानसभा चुनाव में हम योगी सरकार का विरोध करेंगे। जैसे ही ये राजनीतिक रैलियां शुरू करेंगे, हम भी इनके खिलाफ पंचायतें करने लगेंगे। टिकैत ने स्‍पष्‍ट रूप से कहा कि मैं कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा पर किसानों के मुद्दे को लेकर बीजेपी का विरोध करूंगा। हिंदू या मुसलमान नहीं, किसानों के मुद्दे पर चुनाव होगा। गेहूं की खरीद नहीं बढ़ी, गन्ना का रेट नहीं बढ़ा और न ही भुगतान हुआ है। गांव के लोग कोरोना से मरे हैं।

देहरादून में किसानों ने किया राजभवन कूच, पुलिस ने किया गिरफ्तार
उत्तराखंड में संयुक्त किसान मोर्चा के तहत देहरादून में किसान व श्रमिक संगठनों ने राजभवन कूच किया। इस दौरान पुलिस ने आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। कुछ घंटों तक उन्हें पुलिस लाइन में रखा गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर उत्तराखंड किसान सभा, किसान यूनियनों व मजदूर संगठन, सीटू से जुड़े कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुए और प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। इस अवसर पर सीटू से सम्बद्ध आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन और उत्तराखंड भोजन माता यूनियन ने भी ज्ञापन भेजे।

इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक सुरेंद्र सिंह सजवाण, किसान सभा के जिला अध्यक्ष कमरुद्दीन, पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष शिव प्रसाद देवली, सीटू के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, सचिव लेखराज, एसएसल पांगती, हरबीर कुशवाह, कारबारी की ग्राम प्रधान माला गुरुंग, राजेन्द्र पुरोहित, अनंत आकाश, अमर बहादुर शाही, शिवा दुबे, मोनिका आदि उपस्थित थे।
पुलिस से धक्कामुक्की
इसके तुरंत बाद सभी परेड ग्राउंड पहुँचे तथा संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों ने राजभवन कूच किया। कूच प्रेडग्राउंड से शुरू होकर सुभाष रोड, राजपुर रोड, न्यू कैंट रोड होते हुए हाथीबड़कला पहुंचा। जहाँ पर पुलिस द्वारा बैरिकेड्स लगा कर जलूस को रोक दिया गया। इस कारण पुलिस के साथ धक्का मुक्की की गई। प्रदर्शनकारी वही धरने पर बैठ गए और सभा की।

सभा को संयोजक सुरेंद्र सिंह सजवाण, जगतार सिंह बाजवा, उषा तौमर, रघुवीर चौहान, कमरुद्दीन, दलजीत सिंह, उमेद बोरा, राजेन्द्र सिंह, बलबीर सिंह, सीटू के सचिव लेखराज, इंटक के युवा प्रांतीय अध्यक्ष गगन ककड़, धीरज भंडारी, यूथ कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष संग्राम सिंह पुंडीर, इंदु नौडियाल आदि ने संबोधित किया। इसके बाद आंदोलनकारी किसान राज्यपाल से मिलने के लिए अड़ गए। इस पर पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार किया। उन्हे बाद में पुलिस लाइन ले जाया गया और कुछ घण्टो के बाद रिहा किया गया।
किसानों से मिलने पहुंचे प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना
राजभवन कूच के दौरान की गई किसानों की गिरफ्तारी की उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने घोर निंदा की है। गिरफ्तार किए गए किसानों के प्रति समर्थन व्यक्त करने उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना पुलिस लाइन पहुंचे और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की ओर से किसानों को पूर्ण समर्थन का भरोसा दिलाया। धस्माना ने कहा कि देश की मोदी सरकार व राज्य की भाजपा सरकार जिस प्रकार से किसानों की उपेक्षा कर रही है आने वाले समय में देश और प्रदेश का किसान भाजपा को इसका सबक जरूर सिखाएगा।

उन्होंने कहा कि आज जिस तरह के तानाशाही रवैय्ये से मोदी सरकार ने किसान विरोधी कानूनों को बना कर किसानों के खिलाफ साजिश रची है उसे देश का किसान न कभी स्वीकार करेगा। ना ही मोदी सरकार को माफ करेगा। गिरफ्तार किसान नेता सरदार जगतार सिंह बाजवा ने धस्माना को किसानों की सुध लेने के लिए धन्यवाद दिया। इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य सरदार तजेंद्र सिंह, सरदार जगरूप सिंह, महेश जोशी आदि उपस्थित रहे।

आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता भी हुए प्रदर्शन में शामिल
केंद्र सरकार की ओर ले लाए गए 3 कृषि कानूनों के विरोध में देहरादून में किसानों के राजभवन कूच में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया। राजभवन को निकले किसानों के इस कूच में आप प्रवक्ता उमा सिसोदिया, रविन्द्र आनंद समेत कई आप पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। इस दौरान उत्तराखंड में आप प्रवक्ता उमा सिसोदिया ने बताया कि आप पार्टी किसानों की हितैषी है और आंदोलन के शुरू से ही वो किसानों की मांगों को जायज मानते हुए तीनों कृषि कानूनों का विरोध करती है। कहा कि जब तक केन्द्र सरकार इन तीनों कानूनों को वापस नहीं ले लती ,तब तक आप पार्टी किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ खडी है। इस मौके पर धर्मेन्द्र ठाकुर, पंकज अरोरा, राजीव तोमर, सचिन जायसवाल, अर्शलान,नवीन चौहान आदि अन्य आप कार्यकर्ता भी शामिल हुए।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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