मणिपुर के बाद अब दूसरे पूर्वोत्तर राज्यों में भी तनाव, मेघालय में सीएम कार्यालय पर पथराव
पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा और तनाव बढ़ता जा रहा है। मणिपुर में तीन मई से जारी हिंसा के बाद अंडरग्राउंड मिजो नेशनल फ्रंट के मिलिटेंट्स के संगठन पीस अकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज एसोसिएशन (PAMRA) ने एक बयान जारी करके मिजोरम में रहने वाले मैतेई लोगों को राज्य छोड़ने को कहा। इस पर बड़ी संख्या में मिजोरम से मैतेई समुदाय के लोग मिजोरम छोड़ने लगे हैं। डर के कारण मैतेई समुदाय के 40 लोग शनिवार को मिजोरम राज्य छोड़कर मणिपुर की राजधानी इंफाल आ गए हैं। हजारों लोग पलायन को मजबूर हैं। मणिपुर सरकार ने भी कह दिया है कि वो अपने मैतेई लोगों को चार्टर्ड फ्लाइट से इवेक्युएट कराएगी। वहीं, अब मेघालय से भी कुछ अच्छी खबर नहीं आ रही है। मेघालय के शहर तुरा को मेघालय की शीतकालीन राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग सोमवार शाम को उग्र हो गए। इसके बाद अनियंत्रित प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने तुरा में मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा के कार्यालय पर पथराव किया। इस दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय में मौजूद थे। प्रदर्शनकारियों के पथराव के दौरान करीब पांच सुरक्षाकर्मियों को चोटें आईं हैं। सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इस बीच, मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मेघालय के डीजीपी एलआर बिश्नोई ने देर रात कहा कि मुख्यमंत्री कॉरनाड संगमा पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कॉरना़ड संगमा कार्यालय में बैठक कर रहे थे। इस बीच, कुछ लोगों ने पथराव करना शुरू कर दिया। अब स्थिति बिल्कुल सामान्य है। रात में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस बल की एक कंपनी को तैनात कर दिया गया है, जिसमें करीब सौ जवान हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बिश्नोई ने बताया कि हमने भीड़ को उसकाने वालों की पहचान कर ली है। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम गठित की गई है। जल्द ही उन लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, हालात सामान्य होने के बाद मुख्यमंत्री तुरा स्थित अपने आवास में चले गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा तुरा को राज्य की शीतकाली राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर अचिक कॉन्शियस होलिस्टिकली इंटीग्रेटेड क्रिमा (एसीएचआईके) और गारो हिल्स स्टेट मूवमेंट कमेटी (जीएचएसएणसी) के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रहे थे, तभी भीड़ कार्यालय के बाहर जमा हो गई और उसने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज का इस्तेमाल करते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। इस झड़प में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तुरा शहर में तत्काल प्रभाव से रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने घायल कर्मियों के लिए अनुग्रह राशि के रूप में 50,000 रुपये के भुगतान की भी घोषणा की और कहा कि उनके इलाज का खर्च भी राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘आज शाम तुरा में मुख्यमंत्री सचिवालय पर भीड़ के हमले में कम से कम पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस हंगामे के बीच पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तूरा दक्षिण से एनपीपी के विधायक हैं कॉरनाड
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉरना़ड संगमा नेशनल पिपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष हैं। वह दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। वह तुरा दक्षिण सीट से विधायक चुने गए हैं। उल्लेखनीय है कि कॉरनाड संगमा लोकसभा के पूर्व स्पीकर स्व. पी ए संगमा के बेटे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर में तीन मई से जारी है हिंसा
गौरतलब है कि देश का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में 3 मई को एक रैली के बाद इंफाल घाटी के मैतेई और पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच हिंसा भड़क उठी थी। अब तक हिंसा के चलते 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। वही, 50 हजार से ज्यादा लोग अपने घरों से भागकर शरणार्थी शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं। हजारों लोगों के घर एक दूसरे समुदाय के लोगों ने जला दिए। इनमें विधायक और सांसदों के घरों को भी नहीं छोड़ा। मणिपुर में रहने वाले अब तक 12 हजार से ज्यादा कुकी समुदाय के लोगों को मिजोरम राज्य में शरण मिली है। इस बीच 19 जुलाई को मणिपुर का दो महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो वायरल हुआ था। इसे लेकर विपक्ष संसद में भी हमलावर है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।