अयोध्या के बाद बदरीनाथ में भी बीजेपी को झटका, ज्यादातर दल बदलुओं और बाहरी प्रत्याशियों को जनता ने नकारा
अयोध्या के बाद भाजपा अब विधानसभा उपचुनाव में बदरीनाथ सीट भी हार गई। ऐसे में साफ संदेश जाता है कि लोगों को बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी आदि मुद्दों से ही सरोकार है। पाखंड और धर्म के नाम कितनी ही बातें कर लो, अब चुनाव में ये हथकंडे नहीं चलने वाले हैं। इस बार उप चुनाव में ये भी खास बात देखने को मिली कि मतदाताओं ने दल बदलुओं में ज्यादातर लोगों को हार का मजा चखाया। 7 राज्यों की 13 सीटों पर उपचुनाव के नतीजे में कांग्रेस को 4, टीएमसी को 4, भाजपा को 2, आप डीएमके और निर्दलीय ने 1-1 सीटें जीतीं। ऐसे में बीजेपी को दो सीटों पर संतोष करना पड़ा। आज तारीख भी 13 ही है। ऐसे में 13 नंबर बीजेपी के लिए अपशगुन रहा और इंडिया गठबंधन से जुड़े दलों के लिए खुशी वाला दिन रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड में बद्रीनाथ विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक रहे राजेंद्र भंडारी ने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ दी थी। ऐसे में ये सीट खाली हो गई थी। राजेंद्र भंडारी को विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया और मतदाताओं ने उन्हें पूरी तरह से नकार दिया। साथ ही कांग्रेस के प्रत्याशी बुटोला को विजयी बनाया। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार राजेंद्र भंडारी को 5224 वोटों के अंतर से हराया है। वैसे पिछले चुनाव में बदरीनाथ सीट से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को भी हार का सामना करना पड़ा था। ये सीट कांग्रेस के पास थी। कांग्रेस विधायक ने दल बदला और जब वह बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़े तो उन्हें जनता ने नकार दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, हरिद्वार जिले की मंगलौर सीट पर भी कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। भाजपा ने बाहरी प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना को चुनाव मैदान में उतारा था। वह कभी हरियाणा तो कभी यूपी से चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार वह कांग्रेस प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन से मात खा गए। ऐसे में लोगों ने साफ कर दिया कि बदलुओं के साथ ही बाहरी व्यक्तियों की उत्तराखंड में कोई जगह नहीं है। बदरीनाथ सीट पर कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला ने जीत हासिल की। हालांकि, इससे पहले मंगलौर सीट बीएसपी के खाते में थी, लेकिन बसपा के गिरते ग्राफ के चलते अब कांग्रेस की तरफ दलितों का विश्वास बढ़ने लगा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दलबदलुओं को मतदाताओं ने सिरे से नकारा
देश के सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में इस बार बीजेपी को सिर्फ दो सीटों पर संतोष करना पड़ा। सबकी नजरें दलबदलुओं पर रही हैं। 13 सीटों में से ज्यादातर पर उन उम्मीदवारों को टिकट दिया गया, जिन्होंने किसी दल का साथ छोड़कर दूसरे दल में जाने को चुना। हालांकि, चुनावी नतीजे उनके पक्ष में नहीं रहे हैं। हिमाचल प्रदेश से लेकर पंजाब तक दल बदलने वाले नेताओं को उपचुनाव में कामयाबी नहीं मिल पाई है। बीजेपी ने सबसे ज्यादा दलबदलू नेताओं को टिकट दिया था। वैसे दलबदलुओं को लोकसभा चुनाव के दौरान भी मतदाताओं ने बड़ी संख्या में नकार दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पंजाब में बीजेपी में आए दलबदलु को नकारा
पंजाब की बात करें तो यहां सिर्फ एक सीट पर चुनाव हुआ। जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को जीत मिली है। यहां से AAP के मोहिंदर भगत ने बीजेपी प्रत्याशी शीतल अंगुराल को 37325 हजार वोटों से हराया। शीतल अंगुराल इसी सीट से AAP विधायक थे और लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। बीजेपी ने उन्हें फिर से इस सीट से मैदान में उतारा। उधर बीजेपी छोड़कर AAP में आने वाले मोहिंदर भगत को यहां जीत मिली। हालांकि, वह भी दलबदलु थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हिमाचल में दलबदलुओं का हाल
हिमाचल प्रदेश में हुए उपचुनाव पर सबकी नजरें थीं। यहां पर दलबदलुओं को लेकर सबसे ज्यादा बयानबाजी की गई। यहां पर देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ सीट पर उपचुनाव हुए। होशियार सिंह देहरा से, आशीष शर्मा हमीरपुर से और केएल ठाकुर नालागढ़ से निर्दलीय विधायक थे। 22 मार्च को इन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दिया और ये सीटें खाली हो गईं। तीनों ही नेता बाद में बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी ने तीनों को उपचुनाव में फिर से उनकी सीटों से उतारा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरा सीट पर होशियार सिंह को हार मिली है। उन्हें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी और कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश ठाकुर ने हराया है। हमीरपुर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार आशीष शर्मा को जीत हासिल हुई है। वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के डॉ पुष्पेंद्र वर्मा को करीबी मुकाबले में 1571 वोटों से हराया। उधर नालागढ़ सीट पर केएल ठाकुर को हार का मुंह देखना पड़ा। कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा को यहां जीत मिली है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एमपी में दलबदल करने वाला प्रत्याशी जीता
मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ। 2023 में कांग्रेस विधायक रहे कमलेश शाह ने पार्टी से इस्तीफा दिया और बीजेपी का दामन थामा। उनके इस्तीफे से सीट खाली हुई थी। बीजेपी ने कमलेश शाह को ही टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस की तरफ से धीरेन शाह मैदान में उतारा गया। छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने जीत का परचम लहरा दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देखें राज्यवार परिणाम की टेली
बिहार की रूपौली सीट पर हुआ चुनाव काफी हाई-प्रोफाइल रहा है। यहां से बीमा भारती विधायक थीं, जो पहले जेडीयू में थीं। मगर मार्च में उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया और फिर आरजेडी में शामिल हो गईं। इसके बाद यहां पर उपचुनाव करवाए गए। आरजेडी ने यहां से बीमा भारती को टिकट दिया। एनडीए की ओर से जदयू ने कलाधर मंडल को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, लोजपा (रामविलास) से बागी होकर शंकर सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। बिहार की रुपौली सीट पर 12 राउंड की वोटिंग हो गई है और निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह 8204 वोटों से आगे थे। उनकी जीत लगभग तय है। दूसरे नंबर पर जेडीयू के कलाधर मंडल हैं, जबिक बीमा भारती तीसरे स्थान पर हैं। यहां भी दलबदलु प्रत्याशी को जनता ने नकार दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पश्चिम बंगाल में टीएमसी का कब्जा
पश्चिम बंगाल में चार सीटों पर उपचुनाव हुए। पश्चिम बंगाल में उपचुनाव में TMC का शानदार प्रदर्शन देखा गया है। यहा पार्टी ने चारों विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कर ली है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।