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April 24, 2025

499 साल बाद होली में बन रहे ये योग, प्रभावशाली लोग रहें सचेत, राशि के मुताबिक करें रंगों का चयनः आचार्य चंडी प्रसाद घिल्डियाल

इस बार 499 साल बाद होली के दिन ध्रुव नाम का योग पड़ रहा है। ये योग आमजन के लिए शुभ हो सकता है, लेकिन प्रभावशील लोगों के लिए सावधान रहने के संकेत दे रहा है।

इस बार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 28 मार्च रविवार को सायंकाल 6:28 से रात्रि 8:55 तक है। इस बार 499 साल बाद होली के दिन ध्रुव नाम का योग पड़ रहा है। ये योग आमजन के लिए शुभ हो सकता है, लेकिन प्रभावशील लोगों के लिए सावधान रहने के संकेत दे रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार होली का पर्व (रंगों की होली) 29 मार्च को फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाएगा। साथ ही पाठकों से अनुरोध है कि रसायनिक रंगों का प्रयोग न करें। हर्बल रंगों को ही इस्तेमाल करें। कोरोना के लिहाज से ज्यादा भीड़ न जुटाएं।
उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि ज्योतिष के अनुसार 499 साल के बाद होली का पवित्र त्यौहार ध्रुव नाम के विशेष योग में मनाया जाएगा। बताया कि इससे पहले सन 1521 में होली के दिन यह विशेष योग बना था। इसके साथ ही इस वर्ष होली पर्व पर सर्वार्थसिद्धि और सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग भी बन रहे हैं। जो जनता के लिए तो बहुत शुभ हैं, लेकिन प्रभावशाली लोगों को बहुत सावधानी से रहना होगा। अन्यथा छोटी-छोटी बातों पर उनकी बदनामी होगी।
होलाष्टक 22 मार्च से प्रारंभ हो चुका है। जो 28 मार्च को समाप्त हो रहा है। दौरान शादी विवाह के अलावा गृह प्रवेश मुंडन जैसे अन्य मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। परंतु मंत्र और यंत्रों की सिद्धि के लिए यह समय सर्वोत्तम माना जाता है। पूर्णमासी तिथि 28 मार्च को दोपहर 3:00 बज कर 27 मिनट से आरंभ हो जाएगी
ध्रुव योग का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में कुंडली विज्ञान के मर्मज्ञ डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि होली के दिन चंद्रमा कन्या राशि में भ्रमण करेगा। साथ ही मकर राशि में देव गुरु बृहस्पति और शनि देव विराजमान रहेंगे। दैत्य गुरु शुक्र और ग्रहों के राजा सूर्य की युति मीन राशि में रहेगी। वहीं मंगल और राहु वृष राशि में जबकि बुध कुंभ राशि में और मोक्ष का कारक केतु मंगल के स्वामित्व वाली वृश्चिक राशि में भ्रमण करेगा। इस प्रकार की जब ग्रह स्थिति होती है तो इसे ध्रुव नाम का योग कहते हैं। जिसका ज्योतिष शास्त्र में बहुत बड़ा महत्व है।
होली के त्यौहार का पौराणिक महत्व
हिरण्यकश्यप काफी बलशाली असुर था उसकी बहन का नाम होलिका था। जिसे ब्रह्मा जी से ऐसा दुपट्टा प्राप्त हुआ था कि यदि वह उसको सिर में रखकर अग्नि में भी प्रवेश कर दे तो अग्नि उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। अपने पुत्र प्रह्लाद की विष्णु भक्ति से परेशान हिरण्यकश्यप ने जलती हुई अग्नि में होलिका की गोद में प्रह्लाद को इस आशय से बिठाया कि होलिका का कुछ नहीं बिगड़ेगा और प्रह्लाद जलकर भस्म हो जाएगा। परंतु भगवान के भक्तों पर संकट देखकर ब्रह्माजी ने को अपने द्वारा दिया हुआ वरदान वापस ले लिया। भक्त प्रह्लाद का कुछ नहीं बिगड़ा, परंतु होलिका जलकर भस्म हो गई। तब से ही इस त्यौहार को मनाया जाता है
राशि के अनुसार इस प्रकार करें रंगों का चुनाव
मेष राशि- मंगल के स्वामित्व वाली इस राशि के लोग लाल और गुलाबी रंग से होली खेले तो बहुत शुभ रहेगा।
वृष राशि- सफेद चंदन एवं फूलों से होली खेलने से आयु वृद्धि होगी।
मिथुन राशि- बैंगनी और गुलाबी रंग से होली खेलने से विद्या बुद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी।
कर्क राशि– चंद्रमा के स्वामित्व वाली इस राशि के लोग सफेद चंदन दूध सफेद फूलों से होली खेले तो भाग्य उदय होगा।
सिंह राशि- सूर्य के स्वामित्व वाली इस राशि के लोग लाल रंग के गुलाल से और गुड़हल के फूलों से होली खेलें तो रोगों से मुक्ति मिलेगी।
कन्या राशि– युवराज बुध के स्वामित्व वाली इस राशि के लोग सफेद फूल दूध और दही से होली खेले तो राजकीय कार्यों में सफलता मिलेगी।
तुला राशि– दैत्य गुरु शुक्र के स्वामित्व वाली इस राशि के लोग सफेद चंदन चावल और दही से होली खेले तो संतान प्राप्ति होगी और संतान से सुखद समाचार प्राप्त होंगे।
वृश्चिक राशि– धरतीपुत्र मंगल के स्वामित्व वाली इस राशि के लोग लाल गुलाल से होली खेलें तो आरोग्यता प्राप्त होगी।
धनु राशि– देव गुरु बृहस्पति के स्वामित्व वाली इस राशि के लोग पीले रंग पीले फूलों से होली खेले तो राजकीय पद प्राप्त होगा।
मकर राशि– न्याय के देवता शनि ग्रह के स्वामित्व वाली इस राशि के लोग काले वस्त्र पहन कर काले रंग से और पीले रंग से होली खेले तो धन प्राप्ति होगी।
कुंभ राशि– शनि देव की मूल त्रिकोण राशि के लोग काले रंग लाल फूलों से होली खेलेंगे तो सभी प्रकार के कार्य सिद्ध होंगे।
मीन राशि– देव गुरु बृहस्पति के स्वामित्व वाली इस राशि के जातक पीले फूल पीले रंग गुलाबी रंग से होली खेलेंगे तो राजकीय पद की प्राप्ति होगी।
आचार्य का परिचय
नाम-आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल
पब्लिक सर्विस कमीशन उत्तराखंड से चयनित प्रवक्ता संस्कृत।
निवास स्थान- धर्मपुर चौक के पास अजबपुर रोड पर मोथरोवाला टेंपो स्टैंड 56 / 1 धर्मपुर देहरादून, उत्तराखंड।
मोबाइल नंबर-9411153845
उपलब्धियां
वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग में प्रथम गवर्नर अवार्ड से सम्मानित वर्ष 2016 में। सटीक भविष्यवाणी पर उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार ने दी उत्तराखंड ज्योतिष रत्न की मानद उपाधि। त्रिवेंद्र सरकार ने दिया ज्योतिष विभूषण सम्मान। वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा की सबसे पहले भविष्यवाणी की थी। इसलिए 2015 से 2018 तक लगातार एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त हुआ। ज्योतिष में इस वर्ष 5 सितंबर 2020 को प्रथम वर्चुअल टीचर्स राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त किया। वर्ष 2019 में अमर उजाला की ओर से आयोजित ज्योतिष महासम्मेलन में ग्राफिक एरा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया ज्योतिष वैज्ञानिक सम्मान। ज्योतिष रत्न डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल की अधिकांश भविष्यवाणियां सटीक साबित हो रही हैं।

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मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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