Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

July 4, 2025

मुजफ्फरनगर गोलीकांड के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए फिर लामबंद हुए अधिवक्ता, मुजफ्फरनगर बार एसोसिएशन का भी लेंगे सहयोग

एक बार फिर मुजफ्फरनगर में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों पर हुए गोलीकांड को लेकर अधिवक्ता एकजुट होकर पैरवी का मन बना रहे हैं। अबकी बार मुजफ्फरनगर बार एसोसिएशन का भी सहयोग लिया जाएगा।

एक बार फिर मुजफ्फरनगर में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों पर हुए गोलीकांड को लेकर अधिवक्ता एकजुट होकर पैरवी का मन बना रहे हैं। अबकी बार मुजफ्फरनगर बार एसोसिएशन का भी सहयोग लिया जाएगा। इस संबंध में उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलकारी अधिवक्ता संघ नैनीताल एवं अन्य राज्य आन्दोलनकारी संगठन ने प्रेस वार्ता कर जानकारी दी। नैनीताल में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया गया कि विगत 26 वर्षों से मुज्जफरनगर रामपुर तिराहे में हुए जघन्य हत्याकाण्ड, दुष्कर्म, व महिला उत्पीड़न से संबंधित मामलों में गांधीवादी तरीके से देश के विभिन्न न्यायालयों में न्याय पाने के लिए प्रयत्नशील है।
प्रेस वार्ता में कहा गया है कि मुज्जफरनगर के रामपुर तिराहा कांड की भिन्नता यह है कि जलियावाला बाग कांड के समय भारतीय संविधान नहीं था, जबकि मुजफ्फरनगर कांड के समय भारतीय संविधान अस्तित्व में था। भारतीय संविधान में नये राज्य के गठन का प्रावधान है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने अपने निर्णय में अनुच्छेद 19वी को विधि सम्मत माना है तथा निर्णय के पैरा 33 एव 34 में प्रशासन द्वारा किये गये अपराधों को मानवाधिकार मानते हुए तत्कालीन सरकार को हर्जाना अदा करने के आदेश पारित किये है। आज भी उत्तर प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में उत्तराखण्ड से सम्बन्धित अपराधिक याद लम्बित है।
शुक्रवार को नैनीताल में मल्लीताल स्थित होटल में संगठन के अध्यक्ष अधिवक्ता रमन शाह, पूर्व सांसद डॉ महेंद्र पाल, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एमसी पंत ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि पिछले 26 वर्षों में राज्य आंदोलन के नाम पर एक भी वाद दर्ज नहीं है। 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव द्वारा तत्कालीन राज्यमंत्री कामत एवं सिब्ते रजी की अध्यक्षता में कमेटी में कमेटी बनाई थी, जिसमें 200 से भी अधिक संगठन शामिल हुए। इसके बाद राज्य बन था। राज्य प्राप्ति के लिए 43 आंदोलनकारियों द्वारा शहादत दी। रामपुर तिराहा में सात आंदोलनकारी बहिनों के साथ दुष्कर्म भी हुआ।
उन्होंने बताया कि अब आंदोलनकारी संगठन रामपुर तिराहा कांड के दोषियों को सजा दिलाने को फिर से एकजुट हो रहे हैं। इन संगठनों द्वारा 31 मई को नैनीताल में संवैधानिक विचार मंथन का आयोजन कर रहे हैं। इसमें इस न्यायिक लड़ाई को तेज करने की रणनीति बनाई जाएगी। इस विचार मंथन में मुजफ्फरनगर बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है।
उन्होंने कहा कि इस कांड के आरोपी 2019 में मुजफ्फरनगर के तत्कालीन डीएम अनंत कुमार सिंह रिटायर हो गए हैं। तत्कालीन प्रशासन द्वारा आन्दोलनकारियों के हाजरी माफ गवाह व सीओ मुजफ्फरनगर के गनर सुभाष गिरी की 1996 में बाम्बे देहरादून एक्सप्रेस में गाजियाबाद के निकट हत्या करवा दी। संवैधानिक मंथन के लिए राज्य आंदोलन में सक्रिय व जेल गए आंदोलनकारियों को आमंत्रित किया गया है।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

Cum să