अधिवक्ता शिवा वर्मा ने 500 बस वाहन स्वामियों को दिलाया न्याय

देहरादून के अधिवक्ता शिवा वर्मा ने उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेशों का पालन नहीं होने और देहरादून के बस वाहन स्वामियों के उत्पीड़न के मामले में दमदार पैरवी कर उन्हें न्याय दिलाया है। इससे करीब 500 बस स्वामियों को राहत मिली है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महानगर सिटी बस सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल की ओर से दी गई जानकारी से मुताबिक, उच्च न्यायालय नैनीताल के वर्ष 2014 के आदेश का आरटीओ देहरादून द्वारा टेंपो, विक्रमों पर फुटकर सावरियां चढ़ाने व उतराने को रोकने का पालन नहीं किया जा रहा था। इस पर सिटी बस वाहन स्वामी एवं देहरादून जिले की समस्त स्टेज कैरिज की ओर से छह दिन की हड़ताल दिनांक 18 जुलाई 2024 से लेकर 23 जुलाई 2024 तक की गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि हड़ताल के क्रम में तत्कालीन आरटीओ देहरादून सुधांशु गर्ग के साथ सिटी बस अध्यक्ष के साथ समझौता हुआ। इसके बावजूद आरटीए की बैठक के दौरान आरटीओ परिसर पहुंचे बस स्वामियों की मौके पर बसों में ₹5000 जुर्माना लगाया गया और परिसर से बाहर खड़ी बसों पर 2500 रुपये जुर्माना लगा दिया गया था। जुर्माना नहीं देने पर लाइसेंस सस्पेंड की कार्रवाई की जानी थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि आरटीए देहरादून के गलत निर्णय के खिलाफ सिटी बस वाहन स्वामियों ने परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील याचिका डाली गई। ये याचिकाअनुज कुमार चंदेल की तरफ से डाली गई थी। इसकी दमदार पैरवी युवा अधिवक्ता शिवा वर्मा ने की। उन्होंने न्यायालय को अवगत कराया कि जो निर्णय आरटीए की ओर से लिया गया था, वह विधि सम्मत नहीं था और धारा 86 के अंतर्गत जिस प्रकार आरटीए देहरादून की ओर से बस संचालकों पर कार्रवाई की गई वह कदापि विधि अनुकूल नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
साथ ही वर्मा ने माननीय न्यायालय को अवगत कराया की जो शर्तें परमिट की दी गई है, उनका किसी भी स्तर पर उल्लंघन नहीं किया गया। इसलिए बस संचालकों के ऊपर जो आदेश थोपा गया, वह निराधार एवं विधि विरुद्ध है। उक्त याचिका में की गई दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत न्यायालय ने अपने आदेश में आरटीए की ओर से वाहन स्वामियों पर जुर्माना करने के निर्णय को गलत ठहराया। साथ ही सिटी बस वाहन स्वामियों के पक्ष में फैसला सुनाया। फैसले से तमाम सिटी बस यूनियन वाहन स्वामी द्वारा मिठाई वितरण कर खुशी मनाई गई। साथ ही अधिवक्ता शिव वर्मा को इस जीत के लिए बधाई परीक्षित की और न्यायपालिका का धन्यवाद जताया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।