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November 22, 2024

एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात एटीएस ने मुंबई में हिरासत में लिया, अहमदाबाद के लिए हुई रवाना

महाराष्‍ट्र की राजधानी मुंबई में गुजरात एटीएस ने बड़ी कार्रवाई की है। गुजरात एटीएस ने एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिया है। उन्‍हें पहले मुंबई के सांताक्रूज पुलिस स्टेशन ले गई।

महाराष्‍ट्र की राजधानी मुंबई में गुजरात एटीएस ने बड़ी कार्रवाई की है। गुजरात एटीएस ने एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिया है। उन्‍हें पहले मुंबई के सांताक्रूज पुलिस स्टेशन ले गई। यहां पर कुछ देर रुकने के बाद एटीएस तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर अहमदाबाद के ल‍िए रवाना हो गई। गुजरात एटीएस की यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की ओर से 2002 के गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य लोगों को विशेष जांच दल (SIT) से क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने के एक द‍िन हुई है।
गुजरात एटीएस की दो टीमें शन‍िवार को तीस्ता सीतलवाड़ के मुंबई स्थित घर पर पहुंचीं। गुजरात दंगों में सीतलवाड़ के एनजीओ की भूमिका पर भी सुप्रीम कोर्ट ने और जांच की जरूरत बताई थी। सूत्रों ने बताया कि एटीएस ने तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ अहमदाबाद शहर की क्राइम ब्रांच में एक एफआईआर दर्ज की। गुजरात एटीएस के एक सूत्र ने कहा क‍ि अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की ओर से दर्ज एफआईआर के सिलसिले में तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात एटीएस ने मुंबई से ह‍िरासत में ल‍िया है। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि सीतलवाड़ को गुजरात पुलिस ने उनके सांताक्रूज स्थित आवास से ह‍िरासत में ल‍िया था। उन्होंने कहा कि हमने उनकी ओर से मांगी गई सहायता प्रदान की।
एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा दंगों के मामलों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को एसआईटी की ओर से दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। सीतलवाड़ के एनजीओ ने जकिया जाफरी की कानूनी लड़ाई के दौरान उनका समर्थन किया था। जाफरी के पति एहसान जाफरी दंगों के दौरान मारे गए थे।
इन धाराओं में मामला दर्ज किया गया केस
1. 468 IPC – धोखाधड़ी के लिए के लिए जाली कागजातों का इस्तेमाल करना
2. 471 IPC – जानबूझकर जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक रिकॉर्ड गढ़कर असली के तौर पर इस्तेमाल करना
3. 194 IPC – मृत्यु से दंडनीय अपराध के लिए दोषसिद्ध कराने के आशय से झूठे सबूत देना या गढ़ना
4. 211 IPC – नुकसान करने के लिए झूठा आरोप लगाना
5. 218 IPC – लोक सेवक होते हुए रिकॉर्ड की गलत रचना करना जिससे किसी व्यक्ति का नुकसान हो सके
6. 120 B – आपराधिक साजिश रचना
सीतलवाड़ उस केस की सह याचिकाकर्ता हैं,जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में क्लीनचिट को चुनौती दी गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी गई है। कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी, जो दंगों में मार दिए गए थे, उनकी विधवा जकिया जाफरी इसमे मुख्य याचिकाकर्ता थीं। गुजरात ATS ने तीस्ता को हिरासत में लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है। शुक्रवार के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी व अन्य पर पर सवाल उठाए थे। 514 पेजों में याचिका के नाम पर जाकिया परोक्ष रूप से विचाराधीन मामलों में अदालतों के फैसलों पर भी सवाल उठा रही थी।
पीएम मोदी (2002 दंगों के वक्त गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री) को कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआईटी की ओर से क्लीनचिट दी गई थी, जिसे कोर्ट ने बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला “मेरिट से अलग” था और जाहिर है, गलत इरादों के तहत दायर किया गया था। न्यायाधीशों ने कहा, “प्रक्रिया के इस तरह के दुरुपयोग में शामिल सभी लोगों को कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए और कानून के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए।
गुजरात दंगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गृह मंत्री अमित शाह का एक इंटरव्यू भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कुछ मीडिया संगठनों, एनजीओ और राजनीतिक दलों की साठगांठ से जानबूझकर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया गया है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का हवाला दिया है। पुलिस ने जो शिकायत दर्ज की है, इसमें जकिया जाफरी और तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख भी किया है।

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