बगैर टोपी और पार्टी के झंडे के बागवानों के प्रदर्शन में शामिल हुए आप कार्यकर्ता

इस दौरान आम आदमी पार्टी के किसान विंग के प्रदेशाध्यक्ष अनिंदर सिंह नौटी ने कहा कि बागवानों के विरोध प्रदर्शन से डरकर मुख्यमंत्री और बागवानी मंत्री सचिवालय छोड़कर भाग गए हैं। किसान-बागवान विरोधी सरकार में बागवानों का सामना करने की हिम्मत ही नहीं है। सरकार को पता था कि बागवान अपनी मांगों को लेकर आ रहे हैं तो बात सुनने के लिए मुख्यमंत्री और बागवानी मंत्री को होना चाहिए था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शिमला में सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए अनिंदर सिंह नौटी ने कहा कि भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण बागवान परेशान है। यह किसानों बागवानों के लिए जीवन मरण का सवाल है। किसानों-बागवानों की समस्या की जड़ केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार है। केंद्र की भाजपा सरकार किसानों के खिलाफ तीन काले कानून लेकर आई थी। जिसके विरोध में किसानों ने दिल्ली में लंबे समय तक विरोध दर्ज किया। भाजपा सरकार की नजरों में किसानों और गरीबों की जान की कोई कीमत नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि 700 किसानों के मरने के बाद मोदी सरकार ने तीन काले कानून वापस लिए। उससे पहले सरकार ने किसानों की कोई बात नहीं सुनी। यही हाल हिमाचल की भाजपा सरकार कर रही है। हिमाचल में भी किसानों और बागवानों को अपने हकों के लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना पड़ रहा है, लेकिन किसान विरोधी सरकार किसानों की समस्याओं को हल नहीं कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अनिंदर सिंह नौटी ने कहा कि हिमाचल के किसान बागवान लंबे समय से अन्याय झेल रहे हैं। अब बागवान अन्याय के खिलाफ और अपने हकों के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। यह डबल इंजन की सरकार जीएसटी को लेकर बहाना बना रही है। वहीं सेब पर आयात शुल्क को डबल करने का वादा प्रधानमंत्री ने पालमपुर और शिमला में हिमाचल की जनता से किया था लेकिन वह भी आज तक पूरा नहीं किया। इसके विपरीत बागवानों को बर्बाद करने के लिए जीएसटी की दरें बढ़ा दीं हैं। जिससे साबित होता है कि भाजपा किसान बागवान विरोधी है। अनिंदर सिंह नौटी ने कहा कि जब तक किसानों को न्याय नहीं मिलता तब तक हक के लिए आंदोलन लगातार जारी रहेगा।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।