आप ने फ्री बिजली के मुद्दे को बनाया चुनावी हथियार, कर्नल बोले-खुश होंगा महिला सहित हर परिवार
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में फ्री बिजली को चुनावी हथियार बना चुकी है। इस मुद्दे के सहारे पार्टी अब चुनावी नैया को पार करने की तैयारी कर रही है।
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में फ्री बिजली को चुनावी हथियार बना चुकी है। इस मुद्दे के सहारे पार्टी अब चुनावी नैया को पार करने की तैयारी कर रही है। तभी तो अब हर दिन आप नेताओं के बयानों में बिजली मुद्दा ही छा रहा है। शिक्षा, बेरोजगारी, स्वास्थ्य, महंगाई आदि पर क्या योजना है, अभी इसमें पार्टी ने कुछ साफ नहीं किया है। शनिवार को बिजली के मुद्दे को लेकर आप कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास कूच किया तो रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उत्तराखंड में आप की सरकार बनते ही 300 यूनिट फ्री बिजली देने की घोषणा के लिए देहरादून आए और प्रैस वार्ता करके चले गए।कुछ भी हो, लेकिन ये उन्होंने भी स्पष्ट नहीं किया कि इस घाटे से निपटने के लिए पैसा कहां से आएगा। सिर्फ इतना कहा कि भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे। फिलहाल उत्तराखंड के खर्चे कर्ज लेकर पूरे होते हैं। अब आप के पास क्या जादू है कि घाटे को पूरा करके बिजली भी फ्री उपलब्ध करा दें, इसका शायद उनके पास भी कोई प्लान नहीं है। क्योंकि दिल्ली से उत्तराखंड की तुलना करना गलत है। दिल्ली मेट्रो सिटी है। वहां राजस्व के रूप में सरकार की मोटी कमाई होती है। यदि एक मद में घाटा हो जाए तो दूसरे मद से पूरा हो जाता है। वहीं, उत्तराखंड के खर्चे केंद्र की दरियादिली पर निर्भर हैं।
सोमवार को प्रैस वार्ता में आप नेताओं ने दावा किया कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हर परिवार को 300 यूनिट फ्री बिजली की गारंटी के बाद सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। बीजेपी कांग्रेस दोनों ही पार्टियां बैकफुट पर आ गई हैं।आप के वरिष्ठ नेता कर्नल कोठियाल और आप उपाध्यक्ष दीपक बाली ने आज प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए 300 यूनिट मुफ्त बिजली हर माह घोषणा पर बात की।
इस दौरान आप के कर्नल (अ.प्रा.) अजय कोठियाल ने दावा आप का मुफ्त बिजली देने की गारंटी के पीछे पूरा होमवर्क है। ये आप की ओर से उत्तराखंड के लिए बनाया गया एक ऐसा मॉडल है ,जो पूरी तरह से कैलकुलेट किया गया है। उन्होंने कहा पूरे होमवर्क के बाद ये फैसला लिया गया कि हर परिवार को प्रतिमाह 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। ये एक लॉजिकल मैथामैटिकल कॉल है, जिसके माध्यम से सरकार के बजट में जनता के हितों को लेकर ध्यान दिया जाना है। सरकार का जो वार्षिक बजट है, उसी बजट में से बिजली के बजट को अलग करके ही उत्तराखंड की जनता को 300 यूनिट बिजली आप पार्टी की सरकार मुफ्त देगी। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ घोषणा नहीं है, बल्कि वो हकीकत है जो सरकार बनते ही सबसे पहले पूरी की जाएगी।
घर घर जाकर करेंगे जागरूक
उन्होंने आगे बताया कि इसको लेकर आप पार्टी के कार्यकर्ता घर घर जाकर आप पार्टी की नीतियो से लोगों को अवगत कराएंगे और बताएंगे कि कैसे उनको प्रत्येक माह 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। उन्होंने कहा कि, बिजली मुफ्त देना आप पार्टी के लिए कोई नई चुनौती नही है। इसके लिए सरकारी सिस्टम को दुरुस्त करना पडेगा और इसमें जनता की भागेदारी अति आवश्यक है। क्योंकि जिस प्रदेश में नदियों की संपदा हो, जिस प्रदेश में बिजली का उत्पादन होता हो, वहां तो सभी को बिजली मुफ्त मिलनी ही चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में ये तभी मुनासिब हो पाया जब सरकार इसके लिए दृढ संकल्पित थी और अधिकारियों ने वैसे ही काम किया जैसा उनको निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा कि, बीजेपी सिर्फ जुमलेबाजी कर रही है और जिस सरकार के अधिकारी सिर्फ बिजली की दरें बढाना जानते हैं, वो आखिर कैसे बिजली सस्ती देने की प्लानिंग कर पाएंगे।
आप प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक बाली ने भी बीजेपी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्षं किम प्रमाणम। जो करके दिखाने वाले होते हैं उन्हें प्रमाण की आवश्यकता नही होती है। केजरीवाल ने जो वादे उत्तराखंड की जनता से किए वो हर हाल में सरकार बनने पर पूरे होंगे। उन्होंने कहा कि, बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों को चुनाव नजदीक आते ही अब बिजली मुफ्त देने की याद आ रही है। आखिर इससे पहले क्यों दोनों ही पार्टियों ने इस बारे में विचार नहीं किया।
उन्होंने कहा कि, घर के बजट का सबसे ज्यादा प्रभाव महिलाओं पर पडता है और कोविड के बाद से तो कई परिवारों का रोजगार छिन चुका है। सरकार की ये जिम्मेदारी बनती है कि उन परिवारों को मुफ्त बिजली देकर राहत दे, लेकिन यहां की सरकार सिर्फ घोषणाओं तक ही सीमित है। उन्होंने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल के उत्तराखंड दौरे के बाद दोनों ही पार्टियों के नेताओं की बयानबाजी ये दर्शा रही है कि दोनों में ही अब बौखलाहट बढ चुकी है। दोनों ही दलों को अपनी सियासी जमीन खिसकती दिख रही है। जो कल तक आप पार्टी को दिल्ली की पार्टी करार दे रहे थे, आज वो ही दिल्ली मॉडल को अपनाने की घोषणाएं कर रहे हैं। जिससे ये जाहिर है कि आप पार्टी का ग्राफ लगातार बढता जा रहा है और विरोधियों की चिंता बढ रही है।





