उत्तरकाशी टनल हादसे को लेकर आम आदमी पार्टी ने दी प्रतिक्रिया, कहा-पिछली घटनाओं से सबक लेने की जरूरत
उत्तरकाशी में टनल हादसे को लेकर विपक्षी दलों में सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार को पिछली घटनाओं से सबक लेने की जरूरत थी। गौरतलब है कि उत्तरकाशी में सिलक्यारा से पोल गांव तक करीब 4.5 किमी लंबी ये सुरंग बनाई जा रही है। सिलक्यारा की ओर सुरंग के द्वार से 200 मीटर की दूरी पर टनल में भूस्खलन हुआ। ऐसे में सुरंग में करीब 38 से 40 लोग भीतर फंसे हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसे लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि दीपावली के दिन उत्तरकाशी जिले में यमनोत्री मार्ग पर सिल्क्यरा – डंडालगाँव में निर्माणधीन टनल पर हुए भू-धसाव के कारण बड़ी संख्या में मजदूरों की जान संकट में हैं। टनल के 200 मीटर अन्दर हुए भूधसाव में फसें मजदूरों को बाहर कब तक निकाला जाएगा, यह बताना मुश्किल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है, जब इस तरह का भू-धसाव हुआ है। इससे पहले रैणी गाँव में टनल के अन्दर हादसा हुआ। जोशीमठ भूधंसाव में जिस तरह से दरारे आई, चंबा टनल की दरारों की खबर से लेकर ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए बनायी जा रही अनेक टनल के निर्मार्ण के दौरान भू-धसाव और उनके ऊपर बसे गाँव में दरारों की ख़बरों से सबक लेने की जरूरत थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि उत्तराखंड जोन 4, जोन 5 का अति संवेदनशील क्षेत्र हैं। यहाँ पर पहाड़ियाँ नई होने के कारण काफी कमजोर हैं। इसलिए किसी भी टनल को बनाने से पहले उस भूभाग का बृहद भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया जाना अत्यंत आवश्यक है। लगता है कि निर्मार्ण कंपनियों को सहूलियत देने के नाम पर उत्तराखंड सरकार उनका कार्य अनुभव देखे बिना कार्यों का आवंटन कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि सिल्क्यारा टनल के निर्माण के लिए जिस कंपनी से मूल विभाग का अनुबंध हुवा था, उसने यह काम किसी दूसरी कंपनी को दे दिया हैं। इस टनल में भूधसाव की खबरे पहले से भी सुनाई दे रही थी, जिसको निर्माण कंपनी ने अनदेखा किया। इसी का परिणाम है कि बड़े भू धंसाव से अब सिल्क्यारा में तीन दर्जन से अधिक मजदूरों की जान पर बनी हुई हैं। जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि मैं सभी मजदूरों की सुरक्षित वापसी की कामना करता हूं। साथ ही राहत और बचाव के काम पर कोई शिकायत या सवाल नहीं करता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि सरकार से आग्रह है कि कि उत्तराखंड के अन्दर रेलवे और सड़क परिवहन के लिए प्रस्तावित सुरंगों जिनकी संख्या 58 के लगभग बाताई जा रही है, इनके निर्माण से पहले प्रत्येक टनल का व्यापक भूगर्भीय सर्वेक्षण करवाया जाए। साथ ही उपयुक्त पाए जाने के बाद ही निर्माण किया जाए। अन्यथा विकास की अंधाधुंध दौड़ में पूरा उत्तराखंड तहस नहस हो जायेगा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।