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August 23, 2025

सैनिकों के साथ ही गोर्खा समाज को साधने में जुटी आप, कर्नल कोठियाल ने कहा-जो मरने से नहीं डरता वो गोर्खा

उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के नेता कर्नल (अ.प्रा.) अजय कोठियाल ने पूर्व सैनिकों के साथ ही गोरखा समाज को भी साधने का प्रयास शुरू कर दिया है। उन्होंने गोर्खाली सुधार समाज में जाकर पूर्व सैनिकों और गोरखा समाज से भेंट की। उनके सवालों का जवाब दिया।

उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के नेता कर्नल (अ.प्रा.) अजय कोठियाल ने पूर्व सैनिकों के साथ ही गोर्खा समाज को भी साधने का प्रयास शुरू कर दिया है। उन्होंने गोर्खाली सुधार समाज में जाकर पूर्व सैनिकों और गोर्खा समाज से भेंट की। उनके सवालों का जवाब दिया। आप की नीतियों को बताया। कहा कि अब उत्तराखंड में परिवर्तन की आवश्यकता है। ताकी प्रदेश का विकास हो। सिर्फ वायदों और भाषणों से अब काम नहीं चलेगा।
आज आप वरिष्ट नेता कर्नल कोठियाल को गोर्खाली सुधार सभा में आमंत्रित किया गया। वो गोरखा वीर गाथा प्रेणणा स्थल पर पहुंचे और पूर्व फौजियों समेत गोर्खा समाज से मिले। इस दौरान कर्नल कोठियाल ने वहां मौजूद लोगों से सीधे बात करते हुए उनके सवालों के जवाब दिए और गोर्खा समाज के कई लोगों से मिले।
कर्नल कोठियाल ने उनको विश्वास दिलाया कि वो सबके साथ मिलकर सभी के विचारों को गहराई से समझ कर उत्तराखंड नवनिर्माण की नई गाथा लिखेंगे। गोर्खा समाज के बारे में कर्नल ने कहा कि-अगर कोई कहता कि उसको मरने से डर नही लगता है तो या तो वो झूठ बोल रहा है या फिर गोर्खा है।
इसके बाद कर्नल कोठियाल ने ये कहकर गढ़वाल राइफल का इतिहास बताया कि शुरू में गढ़वाली कौम 2/3 गौरखा राइफल में भर्ती होती थी। बाद में 2/3 गोर्खा रेजिमेंट से रॉयल गढ़वाल राइफल बनी।जो आज जांबाजी के लिए गढ़वाल रेजिमेंट के नाम से जानी जाती है। इस दौरान कर्नल का स्वागत करने के लिए गोरखा समाज से इस कार्यक्रम में गोर्खाली सुधार सभा के अधयक्ष पीएस थापा, पूर्व अध्यक्ष ब्रिगेडियर (से.नि.) पीएस गुरंग, कमला थापा, आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता श्याम बोरा और गोर्खाली सुधार सभा के मीडिया प्रभारी प्रभा शाह समेत कई लोग मौजूद रहे।
खत्म नहीं हुआ कोरोना, मास्क भी है जरूरी
कोरोना के मामले भले ही कम हुए हैं, लेकिन तीसरी लहर की आशंका के चलते अभी भी नियमों का पालन करना जरूरी है। गोरखा समाज के कार्यक्रम में लोग मास्क से प्रति इस तरह लापरवाह नजर आए, जैसे कोरोना समाप्त हो चुका है। वहीं, इसी बात को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंता जता रहे हैं कि यदि हमने नियमों का पालन नहीं किया तो तीसरी लहर जल्द आ जाएगी। शिक्षित समाज ही विभिन्न आयोजनों में ऐसी गलतियां कर रहा है। चाहे नेता हों, शिक्षक हों, पत्रकार हों या फिर धार्मिक, सामाजिक और व्यापारिक संगठन से जुड़े लोग। सभी से अपील की जाती है कि शारीरिक दूरी, मास्क का ध्यान जरूर रखें। जब तक पूरे देश की आबादी को टीका नहीं लग जाता, तक तक नियमों का पालन जरूरी है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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