आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने किया जोशीमठ का दौरा, पीड़ित पक्ष के धरने में हुए शामिल, किया साथ खड़े रहने का वादा
आम आदमी पार्टी का एक शिष्टमंडल प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट के नेतृत्व में आज जोशीमठ के आपदा पीड़ितों से मिला। इस मौके पर आप नेताओं ने पीड़ितों के साथ खड़े रहने का वादा किया। वहां पीड़ितों से मिलने के साथ ही आप नेता तहसील प्रांगण में चल रहे धरने में शामिल हुए। वहां पर लोगों से बातचीत करने के साथ-साथ उनको भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया। इसके बाद आदि शंकराचार्य की ओर से बनाये गए ज्योर्तिमठ का भी दौरा किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)जोत सिंह बिष्ट जोशीमठ के उन 68 परिवारों के कई लोगों से भी मिले, जिनके घर खाली कराए गए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने एक कमरे में एक परिवार को रखा है। जिसमें 5 से 7 लोग एक ही कमरे में रह रहे हैं। यह व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। जोशीमठ शहर में जिस तरह से देखने को मिला, उससे आभास हो रहा है कि शहर को या शहर के बड़े हिस्से को अन्यत्र बसाना पड़ेगा। सरकार का लोगों को बसाने का फॉर्मूला क्या होगा, इस पर स्थिती स्पष्ट न होने के करण लोग असमंजस मे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि लोगों का कहना है कि शहर के अंदर आने वाली दरारों का कारण तपोवन विष्णु गाड़ जल विद्युत परियोजना की टनल है। ऐसे में उन्हें उनकी संपत्ति का मुआवजा दिया जाए। गाँव के लोग केवल मकान की जगह नहीं चाहते, बल्कि खेती बाड़ी की जगह के साथ उनको पशुपालन का पैसा दिया जाय। इन कार्यक्रम को करने में केंद्र और राज्य सरकार दोनों को मिलकर रोडमैप तैयार करना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि अभी तक भूगर्भ सर्वेक्षण की जितनी रिपोर्ट हैं और राज्य सरकार ने जो अपना पक्ष रखा, उसमें एनटीपीसी को क्लीन चिट दी जा रही है। इस तरह से जोशीमठ के प्रभावित परिवारों को पुनर्स्थापित करने उनकी संपत्ति का मुआवजा देने के बजाय राहत देने का फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है। जो कि लोगों के साथ अन्याय है। सरकार के इस कदम का आम आदमी पार्टी विरोध करती है। जोशीमठ को नए सिरे से बसाने की जरूरत है। यह लड़ाई स्थानीय लोग लड़ रहे हैं। हमारे जोशीमठ और चमोली जिले के आम आदमी पार्टी के साथी उस आंदोलन में हमेशा भागीदारी निभा रहे हैं। हम भी उसके कानून पक्ष को देखने की कोशिश कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि जोशीमठ की बर्बादी का कारण राज्य सरकार हो, या पूर्व की कांग्रेस की सरकार। दोनों की घोर लापरवाही का परिणाम है। सरकार एनटीपीसी के पक्ष में खड़ी है और जनता के पक्ष को नकारा जा रहा है। उसी का परिणाम है कि आज जोशीमठ की बर्बादी के चिह्न दिख रहे हैं, लेकिन चमोली जिले में 12 से अधिक जल विद्युत परियोजनों की सुरंगों के कारण ऊपर बसे अनेक गांवों की बसावत भी खतरों में है। इनकी सुरक्षा कैसे होगी यह दूसरा बड़ा प्रश्न है। हम इस लड़ाई को अपने स्तर पर लड़ने के साथ साथ अपनी समाधान निकलने तक खड़े रहेंगे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




