सांसद फूलनदेवी की हत्या के दोषी शेर सिंह राणा की बनेगी बायोपिक, फिल्म में देखेंगे विद्युत जमाल, जानिए कौन है ये शेरसिंह
विद्युत जामवाल 'शेर सिंह राणा' के बायोपिक में नजर आएंगे। विनोद भानुशाली की इस फिल्म का निर्देशन नारायण सिंह करेंगे। शेर सिंह राणा एक धारदार थ्रिलर फिल्म होगी, जिसमें एक अनरियल व्यक्ति की वास्तविक कहानी को दिखाया जाएगा जो एक कट्टर राजपूत थे।

शेर सिंह राणा’ की टीम का हिस्सा बन विद्युत जामवाल काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि ‘शेर सिंह राणा’ मेरी पहली बायोपिक है। मुझे लगता है कि नियति ने सारे पहलुओं को जोड़ा और निडर शेर सिंह राणा की भूमिका मुझ तक पहुंचाई है। फ़िल्म की कास्टिंग के बारे में बात करते हुए नारायण सिंह ने कहा, “जब आप शेर सिंह राणा की कहानियां सुनेंगे तो आप जानेंगे कि उनका जीवन और उनके अनुभव बहुत ही रोमांचक और साजिशों से भरी हुई थी। विद्युत जामवाल ने एक्शन की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। इस फिल्म में वे एक ऐसा किरदार निभाते हुए नजर आएंगे, जिसे उन्होंने पहले कभी नहीं किया होगा। यह एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है, जिसका एकमात्र ध्येय अपने राष्ट्र के लिए कुछ करना था।
निर्माता विनोद भानुशाली कहते हैं कि शेर सिंह राणा एक ऐसी कहानी पर प्रकाश डालेगा, जिसने सालों पहले भारत में हलचल मचा दिया था। इस फिल्म के जरिए दर्शक विद्युत को पहले कभी न देखे गए किरदार में देखेंगे और स्क्रीन पर जो विजन लाएंगे। वह निश्चित रूप से मनोरंजक होने वाला है।
शेर सिंह ने 2001 में की थी फूलन देवी की हत्या
शेर सिंह राणा का जन्म 17 मई 1976 को रुड़की में हुआ था। देहरादून के डीएपी पीजी कालेज में शेर सिंह राणा ने छात्रसंघ का चुनाव भी लड़ा था। तब चुनाव से कुछ दिन पहले नाटकीय तरीके से राणा का अपहरण हुआ था। खुद ही वह एक नदी के किनारे बेहोश मिले थे। तब पुलिस ने कहा था कि उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी है। चुनाव जीतने के लिए नाटक रचा। इसके बाद देहरादून में बैंक के बाहर गार्ड को गोली मारकर कैश लूटने के मामले में उनका नाम भी सामने आया था। फिर इसके बाद उसने 25 जुलाई, 2001 को समाजवादी पार्टी की सांसद फूलन देवी की हत्या कर दी थी। फूलन देवी की हत्या के वक्त फूलन देवी की बहन मुन्नी ने बयान दिया था कि राणा ने ही गोलियां चलाई थीं, लेकिन ट्रायल के दौरान 2007 में मुन्नी ने बयान बदला और कहा कि राणा को इस हत्याकांड में फंसाया गया और वास्तव में हत्या सांसद के पति उमेद सिंह ने करवाई थी। शेर सिंह राणा ने राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी नाम से राजनीतिक दल बनाया है। इस पार्टी में मुन्नी देवी भी शामिल हो चुकी हैं।
हो चुका था तिहाड़ जेल से फरार
फूलनदेवी हत्याकांड के बाद भी शेर सिंह राणा देहरादून में उत्तराखंड प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के लिए पहुंचा था। जहां उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। यही नहीं, फूलनदेवी हत्याकांड के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद शेर सिंह राणा एक बार फरार भी हो चुका था। तब उसने दावा किया था कि वह अफगानिस्तान के कंधार गया और वहां से पृथ्वीराज चौहान की समाधि की मिट्टी लेकर आया है। इस दौरान वह काफी समय तक पुलिस के हाथों से बचता रहा, लेकिन टीवी चैनलों में नजर आता रहा।
2016 में मिली थी शेर सिंह को जमानत
वहीं राणा ने कहा था कि 1981 में फूलन द्वारा की गई 22 ठाकुरों की हत्या का बदला लेने के लिए उसने फूलन को मारा। जिसके बाद 2014 में दिल्ली की अदालत ने राणा को उम्रकैद सुनाई थी, लेकिन 2016 में उसे ज़मानत पर छोड़ दिया गया। इसके बाद शेर सिंह राणा ने राजनीति में कदम रखा। राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी का गठन किया, लेकिन राणा को राजनीतिक सफलता नहीं मिल पाई।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।