उत्तराखंड में पुलिस पदक बांट रहा था एक बाबू, ऑडियो हुआ वायरल, किया गया निलंबित, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में पुलिस पदक दिलाने के नाम पर एक बाबू पर वसूली के आरोप लगे हैं। उसका ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो उसके खिलाफ जांच बैठा दी गई। साथ ही उसे निलंबित कर दिया गया है। ऐसा प्रकरण सामने आने पर ये भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस मैडल का कार्मिक सपना देखते हैं, उसे लेकर भी सौदेबाजी की जा सकती है।
मामला एसडीआरएफ का है। जानकारी के अनुसार, पुलिस पदक के लिए उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से कर्मचारियों से आवेदन मांगे गए थे। हर साल स्वाधीनता दिवस के मौके पर उत्कृष्ट और विशिष्ट सेवा के लिए ये पदक दिए जाते हैं। पुलिस मुख्यालय मैं तैनात एसडीआरएफ के एएसआइ प्रमोद कुमार ने अपने परिचित पुलिस कर्मचारी को फोन कर पदक दिलाने के नाम पर खर्चा पानी करने को कहा। उसकी बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया और उच्चाधिकारियों तक पहुंच गया।
पुलिस मुख्यालय की ओर से जब इसकी जांच करवाई गई तो ऑडियो तीन-चार दिन पुरानी निकली। एसडीआरएफ के कमांडेंट नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है, उसके खिलाफ जांच शुरू करवा दी गई है। इससे पहले पुलिस मुख्यालय की ओर से एक सिपाही का अवार्ड निरस्त किया जा चुका है।
जुलाई महीने में हरिद्वार पुलिस ने ड्रग तस्कर से मिलीभगत के आरोप में कुछ पुलिसकर्मियों को डीआईजी गढ़वाल के निर्देश पर हरिद्वार से दूसरे जिलों में भेजा गया। इनमें एक सिपाही हेमंत का तबादला रुद्रप्रयाग किया गया था। इसी बीच जब पुलिस मुख्यालय से सराहनीय सेवा सम्मान के लिए आवेदन मांगे गए तो हरिद्वार पुलिस ने हेमंत के नाम की सिफारिश भी अवार्ड के लिए कर दी। इंटरनेट मीडिया में जब यह मामला उठा तो पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के निर्देश पर सिपाही का पदक निरस्त कर दिया गया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।