मतदाता जागरूकता अभियान के लिए भूपेन्द्र डोंगरियाल की गढ़वाली कविता- वोट दीणकु जरूर जावा
वोट दीणकु जरूर जावा
दाना-सयाना,दीदी-भुलि,
टक लगै सूणि ल्यावा।
यो हमरु चुनौ कु पर्व च,
वोट दीणकु जरूर जावा।
याद रख्यां मतदान दिवस,
उन्नीस अप्रैल शुक्रवार।
वोट दीणकु जरूर जयां,
वोट देकि बनलि सरकार।
मतदान तुमरु अधिकार च
देश थैं तुम पर गर्व च।
मतदान केन्द्र जरूर जयां,
यो देश कु महापर्व च।। (कविता जारी, अगले पैरे में देखें)
अँगुली पर स्यै लगैकि
वोट दियाँ बटन दबै कि।
काम-धंधा त सदनी कार,
जुगराज रैयां मतदान कैकि।
जागरूक छौ,तैयार रौ,
जो दूर छीं वो घौर औ।
यो हमरु चुनौ कु पर्व च,
वोट देकि सरकार बणों।
दाना-सयाना,दीदी-भुलि,
टक लगै सूणि ल्यावा।
यो हमरु चुनौ कु पर्व च,
वोट दीणकु जरूर जावा।
कवि का परिचय
भूपेन्द्र डोंगरियाल
ग्राम- बल्यूली, जनपद-अल्मोड़ा, उत्तराखंड।
वर्तमान पता- आईटीआई कैम्पस, निरंजनपुर, देहरादून।
भूपेन्द्र डोंगरियाल उत्तराखण्ड राज्य सरकार के सेवायोजन एवं प्रशिक्षण अनुभाग में अनुदेशक के पद पर कार्यरत हैं। वर्जिन साहित्यपीठ के सौजन्य से अभी तक उनकी कई ई बुक्स प्रकाशित हो चुकी हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।