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November 21, 2024

सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बांड पर सुनवाई, सीजेआई ने कहा- बॉंड नंबर सहित सारी जानकारी का करे एसबीआई खुलासा

चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को फिर से फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि हम जो जानकारी आपसे चाहते हैं वो आप अभी तक नहीं दे पाएं है। हमने आपसे जो भी जानकारी मांगी है, उसे देने के लिए आप बाध्य हैं। आपको हर जानकारी विस्तार से देनी होगी। हर जानकारी तीन दिन में सार्वजनिक करने के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए। साथ ही गुरुवार 21 मार्च की शाम पांच बजे एसबीआई सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देगा कि उसने सारी जानकारी निर्वाचन आयोग को दे दी है।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की संवैधानिक पीठ ने आगे कहा है कि SBI को बॉन्ड नंबर देना होगा। साथ ही बॉन्ड से जुड़ी हर जानकारी भी कोर्ट को देनी होगी। कोर्ट ने आगे कहा कि SBI हलफनामा देकर बताए कि उसने कोई जानकारी नहीं छिपाई है। इसपर SBI ने कहा है कि हम चुनावी बॉन्ड नंबर देंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में पिछली बार जब इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुनवाई हुई थी, तो अदालत ने बॉन्ड के यूनिक नंबर का खुलासा नहीं करने को लेकर एसबीआई से सवाल किया था। अदालत ने कहा था कि एसबीआई को यूनिक नंबर का खुलासा करना चाहिए, क्योंकि वह ऐसा करने के लिए बाध्य है। यूनिक नंबर के जरिए ये पता चला सकता है कि किस राजनीतिक दल को चंदा दिया गया और चंदा देने वाला शख्स/कंपनी कौन थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एसबीआई की तरफ से पेश हुए वकील हरीश साल्वे से कहा कि हमने पूरा ब्यौरा देने को कहा था, लेकिन एसबीआई ने चुनिंदा जानकारी दी है। वह ऐसा नहीं कर सकती है। इस पर साल्वे ने कहा कि हम सारी जानकारी देने को तैयार हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप हर बात के लिए हमारे आदेश का इंतजार नहीं कर सकते कि कोर्ट जो कहेगा, वही हम करेंगे। आपको आदेश समझना चाहिए था। इस पर हरीश साल्वे ने कहा कि एसबीआई के बारे में गलत छवि बनाई जा रही है। हम साफ करना चाहते हैं कि आदेश में क्या लिखा था। हमने समझा कि बॉन्ड की तारीख, बॉन्ड खरीदने वाले का नाम, राशि और कैश करवाने वाले का ब्यौरा देने के लिए कहा गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुनवाई के दौरान साल्वे ने कहा कि चूंकि राजनीतिक पार्टियों को चुनाव आयोग को बताना था कि उन्हें किसने कितना चंदा दिया और यह जानकारी सील लिफाफे में कोर्ट को भी दी गई थी। इसलिए यह जानकारी सामने आ ही जानी थी. उन्होंने कहा कि अगर बॉन्ड नंबर देना है, तो हम दे ही देंगे। इसमें हमें कोई समस्या नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश
दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्तों में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड जारी किए हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। एसबीआई चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान है। पूर्व में चुनावी बॉंड को असंवैधानिक करार देकर सुप्रीम कोर्ट इस व्यवस्था को समाप्त कर चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एसबीआई ने सौंपा था डेटा
एसबीआई ने मंगलवार शाम को उन संस्थाओं का विवरण चुनाव आयोग को सौंपा था, जिन्होंने चुनावी बॉन्ड खरीदे थे और राजनीतिक दलों ने उन्हें भुनाया था। शीर्ष अदालत के आदेश के मुताबिक, निर्वाचन आयोग को 15 मार्च शाम पांच बजे तक बैंक द्वारा साझा की गई जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी थी।
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