ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का दूसरा दिन, भविष्य सुधारेंगी नई संचार तकनीकें

देहरादून में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन विशेषज्ञों ने संचार तकनीकों के प्रौद्योगिक विकास पर मंथन किया। यह दो दिवसीय सम्मेलन इंटेलिजेंस कंप्यूटिंग एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजीस पर आयोजित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन में बिरला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी रांची के डॉ. संजय कुमार ने कहा कि संचार तकनीकों की सीमाएं घट रही हैं। आने वाले समय में 6G तकनीक के जरिए संचार में सुनने व देखने के साथ ही छूने, सूंघने और स्वाद लेने की शारीरिक क्षमताओं का भी इस्तेमाल करना संभव हो जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के डॉ. कुमार वैभव श्रीवास्तव ने कहा कि वायरलेस सिस्टम में माइमो एंटीना का उपयोग उच्च डाटा दर, सिग्नल गुणवत्ता और बेहतर कवरेज प्राप्त करने के लिए किया जाता है। उन्होंने माइमो एंटीना की कार्य प्रणाली पर भी विस्तार से जानकारी दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन में भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु के डॉ. सुमित कुमार मंडल ने स्लाइड्स के जरिए मशीन लर्निंग एप्लीकेशन के लिए ऊर्जा कुशल 2.5d आर्किटेक्चर पर व्याख्यान दिया। वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका के हर्ष शर्मा ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर डाटा संचालित डिजाइन, फ्लोरेट् चिपसेट्स और न्यूरल नेटवर्क पर प्रकाश डाला। सम्मेलन के दूसरे दिन आज 60 से ज्यादा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का भी आयोजन किया गया। ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन के डॉ. निकोला मार्चेटी ने कहा कि नई तकनीकों जैसे कि ड्रोन, इंटरनेट ऑफ एवरीथिंग, प्रभावशाली परिवहन प्रणालियों और अन्य न्यूनतम तकनीक से भविष्य में जटिल संचार की चुनौतियों से निपटना आसान हो जाएगा। यह तकनीकें भविष्य में संचार के परिदृश्य में बड़े बदलाव करेंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन का आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के साथ मिलकर किया। सम्मेलन में एचओडी डॉ. इरफ़ानुल हसन के साथ डॉ. अभय शर्मा, डॉ. मृदुल गुप्ता और डॉ. चांदनी तिवारी भी मौजूद रही।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।