जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए उत्तराखंड बीजेपी ने सरकार को दिया ये सुझाव
उत्तराखंड भाजपा ने सरकार से जोशीमठ के प्रभावित परिवारों को उनके स्वामित्व या शहर के नजदीकी भूमि पर स्थापित किए जाने का सुझाव दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने लोगों से भरोसा रखने की अपील करते हुए कहा कि वहां भवन निर्माण में आकार को लेकर आधुनिक तकनीक एवं सुरक्षा के सभी मानकों का पालन किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून स्थित पार्टी मुख्यालय में इस विषय पर मीडिया से बातचीत में महेंद्र भट्ट ने कहा कि सरकार ने जिन 1200 भवनों को डेंजर जोन में शामिल किया है, वहां किसी भी तरह के निर्माण का जोखिम नहीं उठाया जा सकता है। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि सरकार और संगठन दोनों चाहते हैं कि पुनर्वास स्थानीय लोगों की भावनाओं एवं इच्छा के अनुसार किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इसके लिए दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। पहला कि जिनके पास वहां जमीन है, उन्हे वहां निर्माण कर विस्थापित किया जाए। वहीं, जिनके पास भूमि नही है, उन्हे आसपास ही जमीन की व्यवस्था कर बसाया जाए। उन्होंने कहा, इस संबंध में पार्टी अपनी राय से सरकार को अवगत करा चुकी है। हमें पूर्ण विश्वास है जनता की भावनाओं का पूरा पूरा ख्याल रखा जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
साथ ही उन्होंने कहा कि वहां जो भी निर्माण हो उसको लेकर आधुनिक तकनीक और सभी वैज्ञानिक पहलुओं का ध्यान रखा जाएगा। मुख्यमंत्री धामी पहले ही भूमि धरिता सर्वेक्षण की बात कह चुके हैं। लिहाजा हम भी चाहते है कि वहां कम ऊंचाई वाले निर्माण हों, फैब्रिक या इसी तरह के हल्के भार वाले डिजाइनों वाली निर्माण तकनीक का उपयोग हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस रूप में आई आपदा
गौरतलब है कि जनवरी 2023 में उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई थी। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई थी। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडराने लगा। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में प्रभावित परिवारों को उनके घर खाली कराए गए। बाद में आपदा प्रभावित जोशीमठ में सरकार द्वारा कराई गई सर्वे के बाद वैज्ञानिकों ने आधे से अधिक नगर को हाई रिस्क पर रखा। लगभग 1200 से अधिक भवनों को चिह्नित कर विस्थापन की बात कही गई।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।