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November 7, 2024

इन दिनों विभागों की समीक्षा में जुटे हैं सीएम धामी, आज की परिवहन विभाग और आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग की समीक्षा

इन दिनों उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विभागों की समीक्षा कर रहे हैं। आज उन्होंने परिवहन विभाग के साथ ही आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग की समीक्षा की। परिवाहन विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने यातायात नियमों के प्रति जन जागरूकता के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में पुराने वाहनों के स्थान पर नये वाहनों की व्यवस्था हो। बस स्टेशनों पर यात्रियों के लिये बेहतर व्यवस्था की जाए। साथ ही उन्होंने राज्य के प्रमुख स्थलों से अयोध्या के लिये बसें संचालित करने के निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में सीएम धामी ने कहा कि बस स्टेशनों को स्वच्छ और आधुनिक सुख-सुविधाओं से युक्त बनाया जाए। दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में क्रैश बैरियर और सड़कों के किनारे पौधरोपण किये जाएं। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वाहनों की फिटनेस टेस्टिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। वाहन चालकों के प्रशिक्षण और मेडिकल की भी सुमुचित व्यवस्था की जाए। यातायात नियमों के प्रति लोगों को निरन्तर जागरूक किया जाए। रोडवेज की बसों के माध्यम से सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं का प्रचार भी किया जाए। जन सुरक्षा की दृष्टि से पर्वतीय क्षेत्रों में पुराने वाहनों की जगह पर नये वाहनों की व्यवस्था की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही। राज्य में जो भी नये बस स्टेशन बनाये जा रहे हैं, उनमें यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ बनाया जाए। सभी बस स्टेशनों पर स्वच्छता, पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या के लिए देहराूदन, हल्द्वानी और हरिद्वार से बस सेवा को संचालित किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि वाहनों पर नम्बर प्लेट स्पष्ट दिखे, नम्बर प्लेट से छेड़खानी करने वालों पर सख्त कारवाई भी की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड परिवहन निगम की स्थिति में पिछले दो वित्तीय वर्ष में लगातार सुधार आया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में निगम को 29.06 करोड़ रूपये का फायदा हुआ, जबकि इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 27 करोड़ रूपये का फायदा हुआ है। परिवहन विभाग के राजस्व प्राप्ति में भी पिछले दो वित्तीय वर्ष में लगातार वृद्धि हुई है। 2021-22 में 20.86 प्रतिशत और 2022-23 में 34.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस वित्तीय वर्ष में भी अभी तक गत वर्ष की तुलना में 11.20 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है। परिवहन विभाग में ऑनलाईन सुविधाएं बढ़ने से प्रर्वतन संबंधी कार्यवाही में भी तेजी आई है। उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में व्हीकल टेस्टिंग सेंटर के निर्माण के लिए धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अल्मोड़ा में आईएसबीटी का निर्माण कार्य पूर्ण होने वाला है। परिवहन विभाग द्वारा 58 सेवाएं ऑनलाईन दी जा रही हैं। लाइसेंस सबंधी सभी सेवाएं ऑनलाईन की गई है। पंजीयन से संबंधित 20 सेवाएं और परमिट से संबंधित 08 सेवाएं ऑनलाईन दी जा रही हैं। प्रवर्तन कार्यों को सुदृढ़ करने के लिए राज्य में 10 चिन्हित स्थानों पर ए.एन.पी.आर कैमरे लगाये गये हैं, जबकि 17 स्थानों पर और लगाये जा रहे हैं। 09 इन्टरसेप्टर वाहनों और 30 बाईक स्क्वैड की तैनाती की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

सड़क सुरक्षा की दृष्टि से 66811 वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाये गये हैं। 2023 में 35515 वाहनों पर वी.एल.टी.डी स्थापित किये गये हैं। परिवहन विभाग द्वारा देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार एवं कोटद्वार में ऑटोमेटिड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनाया गया है। काशीपुर, अल्मोड़ा , उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, रूड़की हल्द्वानी और रामनगर में ऑटोमेटिड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की कार्यवाही गतिमान है। इन्वेस्टर समिट में परिवहन विभाग के साथ 3513 करोड़ के 22 एम.ओ.यू हुए हैं। जिन्हें उच्च मध्यम और निम्न प्राथमिकता के साथ चिन्हित कर धरातल पर उतारने की कार्यवाही की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर अवस्थापना अनुश्रवण समिति के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव राधा रतूडी, सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव परिवहन अरविन्द सिंह ह्यांकी, उत्तराखंड परिवहन निगम के एमडी डॉ. आनंद श्रीवास्तव, परिवहन विभाग और परिवहन निगम के अधिकारी उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग की समीक्षा में दिए ये निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड को आयुष और वेलनेस के क्षेत्र में प्रमुख डेस्टिेनेशन बनाने के प्रभावी कार्ययोजना के साथ कार्य किये जाएं। उत्तराखण्ड को विश्व का सर्वश्रेष्ठ योग गंतव्य बनाने के लिए नई योग नीति शीघ्र लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पंचकर्मा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं। राज्य में जड़ी बूटियों के उत्पादन को और बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए आयुष विभाग उद्यान और वन निगम से समन्वय कर संग्रह और विपणन की उचित व्यवस्था की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने आम नागरिकों तक आयुष चिकित्सा की उपलब्धता पर ध्यान दिये जाने की जरूरत बताते हुये कहा कि आयुष के क्षेत्र में निजी भागीदारी के साथ गुणवत्ता युक्त आयुष चिकित्सालयों की स्थापना पर भी ध्यान दिया जाय। आयुष के क्षेत्र को बढावा देने के लिये जडी़ बूटी कृषकों के उत्पादों के विपणन के लिये उचित प्लेटफार्म की व्यवस्था बनाने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये। स्कूली छात्रों को आयुष संबंधी जानकारी दिये जाने के लिये आयुर्विधा कार्यक्रमों के संचालन में तेजी लाये जाने के प्रयासों की जरूरत बताते हुये उन्होंने सभी स्कूलों में इसकी व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने तथा आयुष नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में भी शीघ्रता के निर्देश दिये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

मुख्यमंत्री ने आयुष के क्षेत्र में बेहतर कार्य संचालन के लिये वेलनेस केन्द्रों की स्थापना, आयुष सेवाओं के प्रमाणीकरण तथा आयुष चिकित्सकों एवं फार्मशिस्टों को प्रसिद्ध आयुष विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा। इससे आयुष चिकित्सा को जनता से जोडने में मदद मिलेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में आयुष नीति लागू की गई है। इसमें वेलनेस, स्वास्थ्य, आयुष उत्पादन, आयुष शिक्षा और शोध एवं औषधीय पादपों की खेती से संबंधित प्राविधान किये गये हैं। नीति में उच्च गुणवत्ता युक्त आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के उत्पादन को प्रोत्साहन किये जाने, गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिसेज (जीएपी) के अंतरराष्ट्रीय मानक का पालन किये जाने की अनिवार्यता, ड्रोन आधारित नवीनतम तकनीक का प्रयोग, पीपीपी मोड पर कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, औषधीय पादपों के विक्रेताओं (कृषकों, स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं) तथा क्रेताओं (औषध-निर्माताओं) को एक मंच पर लाए जाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म की स्थापना, औषधीय पादपों के लिए ‘एश्योर्ड बाय-बैक’ योजना, राज्य में अग्रणी निर्माताओं एवं प्रतिष्ठित विपणन एजेंसी के सहयोग से उत्तराखंड में उगाए जाने वाले प्रमुख औषधीय पादपों की ब्रांडिंग के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश शामिल किये गये हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आयुष नीति में नवीनतम एमएसएमई नीति तथा मेगा औद्योगिक व निवेश नीति आयुष विनिर्माण इकाइयों पर भी लागू की गई है। सभी आयुष विनिर्माण इकाइयों के लिए 10 प्रतिशत तक अतिरिक्त पूंजीगत सहायता, आयुष उत्पादों की गुणवत्ता मूल्यांकन के लिए राज्य के 2-3 महत्वपूर्ण स्थानों पर सामान्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना को प्रोत्साहन, आयुष उत्पादों हेतु आयुष प्रीमियम मार्क/आयुष स्टैंडर्ड मार्क प्राप्त किया जाना अनिवार्य किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस नीति में आगामी 5 वर्षों में एनएबीएच से प्रत्यायन प्राप्त करने वाले प्रत्येक आयुष चिकित्सालय/आयुष हेल्थकेयर क्लिनिक को एनएबीएच से प्रत्यायन प्राप्त करने हेतु निर्धारित शुल्क की प्रतिपूर्ति, आयुष टेलीकंसल्टेशन ऐप प्रारंभ किए जाने की योजना शामिल की गई है। आयुष के क्षेत्र में राज्य पर्यटन नीति, 2023 के माध्यम से वेलनेस रिसोर्ट, आयुर्वेद / योग/ नेचुरोपैथी रिसोर्ट को 50 प्रतिशत तक की पूंजीगत सहायता तथा श्रेणी बी और श्रेणी सी क्षेत्रों में स्थापित होने वाले वेलनेस केंद्र, आयुर्वेद / योग/ नेचुरोपैथी रिसोर्ट को 5 प्रतिशत की अतिरिक्त पूंजीगत सहायता उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आयुष शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आयुष कॉलेजों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से निर्धारित मानकों को पूर्ण करने वाले आयुष कॉलेजों को 15 लाख तक की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि प्रदान किये जाने का प्राविधान किया गया है। बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण समिति के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं आयुष विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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