सिलक्यारा टनल हादसे के दोषियों के खिलाफ यदि नहीं हुई कार्रवाई तो खटखटाएंगे हाई कोर्ट का दरवाजाः सूर्यकांत धस्माना

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आज एक बार फिर सिलक्यारा टनल हादसे के मामले में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय व उत्तराखंड सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इस हादसे की जिम्मेदार नवयुग कम्पनी को बचाने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय व राज्य की भाजपा सरकार लगातार षड्यंत्र रच रही है। रैट होल माइनर्स के सम्मान के बहाने एक बार फिर नवयुग कम्पनी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि प्रदेश सरकार सिलक्यारा हादसे के सबसे बड़े कारण और लापरवाही को प्रपंच रच कर असल मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है। आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए धस्माना ने कहा कि सिलक्यारा रेस्क्यू आपरेशन के नायकों रैट होल माइनर्स को सम्मान करने की याद राज्य सरकार को आज तब आई, जब हादसे के एक माह होने जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि रैट माइनर्स को सम्मानित करने वाला कार्यक्रम एक बार फजीहत का कारण बन गया था, जब रैट होल माइनर्स ने पचास हज़ार रुपये के चेक यह कहते हुए लौटा दिए कि उनको पैसा नहीं, बल्कि सरकारी नौकरी चाहिए। धस्माना ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि अभी तक केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय व राज्य सरकार इस बात का जवाब नहीं दे पाए कि दिवाली की छुट्टी के दिन बिना किसी विशेषज्ञ बिना इंजीनियर बिना सुपरवाईजर 41 मजदूर किस के निर्देश पर टनल में काम कर रहे थे। यह भी आज तक निर्माण एजेंसी नहीं बता पाई हैं कि साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग बिना किसी आपातकालीन निकासी व स्वीकृत एस्केप पैसेज के कैसे सुरंग बनाई जा रही थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि क्योंकि नवयुग कम्पनी की पहुंच सरकार के बड़े लोगों तक है, इसलिए कम्पनी के विरुद्ध आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। अपनी सबसे बड़ी लापरवाही व असफलता को बड़ी कामयाबी साबित करने के लिए सरकार अपनी ही पीठ थपथपा रही है। धस्माना ने कहा कि अगर सरकार सिलक्यारा टनल हादसे पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी तो वे इस मामले को उच्च न्यायालय पीआईएल के माध्यम से ले जाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरु किया गया। टनल के अंदर फंसने वाले मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के थे। चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है। 24 नवंबर से मशीन से खुदाई ठप हो गई थी। इसके बाद हाथ से खुदाई की गई और मंगलवार 28 नवंबर की रात रेस्क्यू के 17वें दिन श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया। हाथ से खुदाई को ही रैट माइनिंग कहा जाता है।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।