सिलक्यारा टनल में रेस्क्यू ने राष्ट्रीय स्तर पर खोल दी आपदा प्रबंधन की पोलः यशपाल आर्य
उत्तराखंड में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा टनल के मामले ने प्रदेश के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी आपदा प्रबंधन की पोल खोल कर रख दी है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह से देश के लोग और विपक्ष नैतिक रूप से इस संकट की घड़ी में सरकार और आपदा प्रबंधन में लगी एजेंसियों के साथ खड़े थे। अब सब्र का बांध टूट रहा है। सरकार को बचाव कार्य करने के साथ जबाबदेही भी तय करनी होगी। उन्होंने कहा कि देश के 41 लोगों की बहुमूल्य जानों के साथ किसी को भी प्रयोग करने की इजाजत नही होनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि 41 लोगों की बहुमूल्य जानें सप्ताह भर से संकट में फंसी हैं। अभी भी बचाव के नाम पर हर दिन नए प्रयोग ही किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को साफ करना चाहिए कि लगभग पांच किलोमीटर लंबी इस टनल के निर्माण के मूल प्रोजेक्ट में मलबा निकालने व बचाव के लिए एडिट टनल व एस्केप टनल का प्राविधान था भी या नहीं ? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि अगर प्रोजेक्ट में ये प्राविधान था और कंपनी बिना एडिट टनल व एस्केप टनल के काम कर रही थी, तो कंपनी पर सुसंगत धाराओं में आपराधिक मुकदमा भी दर्ज करना चाहिए। यदि प्रोजेक्ट रिपोर्ट में ये महत्वपूर्ण प्राविधान नहीं किये थे तो निर्माण करने वाले बिभाग पर भी आपराधिक मुकदमा दर्ज करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि इस बड़ी परियोजना के निर्माण में मानकों और सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित करने में निश्चित रूप से अवहेलना हुई है। इसलिए अब दुर्घटना होने के बाद विकल्पों को तलाशा जा रहा है। परियोजना को शुरू करते समय भूगर्भीय सर्वेक्षण के बाद सबसे पहले सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित किया जाना चाहिए था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि देश भर में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में राज्य के विभागों की तुलना में बहुत ही महंगी दरों पर बेहद घटिया काम लापरवाही के साथ हो रहा है। इसलिए सिलक्यारा जैसी स्थितियां पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को बेहद संवेदनशील टनल निर्माण के कार्य में लगी सरकारी कंपनी और जमीन पर काम कर रही पेटी कंपनी के टनल निर्माण के क्षेत्र के अनुभव को भी जनता के सामने रखना चाहिए। प्रारंभिक सूचनाओं से ये सिद्ध होता है कि यह दुर्घटना लापरवाही और अनुभवहीनता का नतीजा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिलक्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।