देखें वीडियोः अयोध्या में सरयू के घाटों पर दिए जलाने का बना विश्व रिकॉर्ड, फिर तेल एकत्र करने में जुटी भीड़
ये मेरा इंडिया है। यहां 81 करोड़ लोग मुफ्त के राशन पर निर्भर हैं, लेकिन धर्म के नाम पर करोड़ों रुपया पानी में बहा दिया जाता है। हो सकता है ऐसा करने से लोगों का पेट भर जाता हो। क्योंकि छोटी दिवाली के मौके पर अयोध्या दीपोत्सव 2023 में दीये जलाने का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। सरयू नदी के किनारे 51 घाटों पर कुल 24 लाख दीप जलाए गए। इसके साथ ही 22 लाख 23 हजार दीप एकसाथ जलाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। साथ ही 84 लाख रुपए की कीमत के ग्रीन पटाखे चलाए गए। रामनगरी में 24 लाख दीपों को जलाने के लिए 1 लाख 5 हजार लीटर सरसों तेल का इस्तेमाल किया गया। यानि कुछ देर के कार्यक्रम में करोड़ों रुपये खर्च हो गए। दीपकों की गिनती के लिए 2 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दीपोत्सव के अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सरयू के तट पर पहुंचे और उन्होंने पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया। आपको बता दें कि इस बार अयोध्या में 24 लाख दीपक जलाकर रिकॉर्ड बनाया गया। इस दौरान अकेले राम की पैड़ी के 51 घाटों पर 22 लाख 23 हजार दीपक एक साथ जलाए गए। शाम 5.30 बजे ही दीप प्रज्ज्वलित करने का काम शुरू कर दिया गया था। शाम 6.30 बजे तक लगभग सभी घाटों के दीये जल गए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दीपक जलाने के बाद जैसे ही कार्यक्रम समाप्त हुआ, तो घाटों में ऐसी भीड़ उमड़ गई, जो उन 81 करोड़ लोगों में शामिल है, जो फ्री के राशन पर निर्भर है। यानि देश की संपन्नता के प्रतीक दिपकों के जलने के कुछ ही देर बाद दियों से तेल एकत्र करने में भीड़ जुट गई। किसी की स्वयंसेवक की उन पर नजर पड़ती तो भी में शामिल बच्चे बचने के लिए दौड़ लगा देते। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सपा प्रमुख ने डाली पोस्ट
समाजवादी पार्टी के प्रमुख एवं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) में वीडियो पोस्ट डाली। इसमें उन्होंने लिखा कि दिव्यता के बीच दरिद्रता…। जहाँ ग़रीबी दीयों से तेल ले जाने के लिए मजबूर करे, वहाँ उत्सव का प्रकाश धुंधला हो जाता है। हमारी तो यही कामना है कि एक ऐसा पर्व भी आये, जिसमें सिर्फ़ घाट नहीं, हर ग़रीब का घर भी जगमगाए। (अगले पैरे में वीडियो देखिए)
देखें वीडियो
दिव्यता के बीच दरिद्रता… जहाँ ग़रीबी दीयों से तेल ले जाने के लिए मजबूर करे, वहाँ उत्सव का प्रकाश धुंधला हो जाता है।
हमारी तो यही कामना है कि एक ऐसा पर्व भी आये, जिसमें सिर्फ़ घाट नहीं, हर ग़रीब का घर भी जगमगाए। pic.twitter.com/hNS8w9z96B
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 11, 2023
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।