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September 21, 2024

एमपी में सिंधिया समर्थकों में खलबली, एक का टिकट कटा, कई साथ छोड़कर भाग रहे कांग्रेस में

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मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। बीजेपी ने प्रयाशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची से ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों में खलबली मच गई है। कारण ये है कि कांग्रेस छोड़कर सिंधिया के साथ बीजेपी में जाने वाले एक पूर्व विधायक का पत्ता कट गया। वहीं, सिंधिया के कई समर्थकनों ने बीजेपी छोड़कर अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस की राह पकड़ ली है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आधा दर्जन समर्थकों ने थाम लिया कांग्रेस का हाथ
सिंधिया भाजपा में शामिल होने के बाद राज्यसभा सदस्य बने और वर्तमान में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हैं। उनके साथ जितने विधायक भाजपा में शामिल हुए थे, सभी को उप चुनाव में भाजपा ने टिकट दिया। जीतने वाले आधा दर्जन से अधिक नेता वर्तमान में मंत्री हैं, उप चुनाव हारने वालों को निगम-मंडल में अध्यक्ष बनाकर नवाजा गया है। बावजूद इसके सिंधिया के बाकी समर्थक विधानसभा चुनाव पास आते ही एक-एक कर पार्टी छोड़कर अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस में शामिल होते जा रहे हैं। बताया जाता है कि अभी तक जिन आधा दर्जन सिंधिया समर्थकों ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है, वे विधानसभा टिकट की आस में भाजपा में आए थे। लेकिन भाजपा में वर्तमान परिदृश्य में वे खुद को टिकट के दावेदारों से कहीं दूर देख रहे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बीजेपी की पहली लिस्ट में सिंधिया समर्थक रणवीर जाटव का टिकट कटा
एमपी में बीजेपी ने 39 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। इनमें से ज्यादातर वे सीटें हैं, जहां वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं। 39 नामों में ग्वालियर चम्बल अंचल की 34 में से छह सीटें शामिल है। पहली सूची में पहला झटका कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी की ताजपोशी कराने वाले सिंधिया समर्थकों को लगना शुरू हुआ। गोहद सुरक्षित सीट से रणवीर जाटव का टिकट काटकर बीजेपी ने अपने नेता लाल सिंह आर्य को ही मैदान में उतारने का ऐलान किया। 2018 में यहां से आर्य को ही हराकर कांग्रेस के रणवीर जाटव जीते थे, लेकिन जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में विद्रोह हुआ तो विधायक पद से इस्तीफा देने वालों में रणवीर जाटव भी शामिल थे। उप चुनाव में वे बीजेपी के टिकट पर लड़े लेकिन हार गए। इसके बावजूद सरकार ने उन्हें हस्त शिल्प विकास निगम का चेयरमैन बनाकर केबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया लेकिन अब उनका टिकट काट दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सिंधिया समर्थकों में बेचैनी
रणवीर जाटव का टिकट कटते ही सिंधिया समर्थक नेताओं में हड़कंप मच गया है। इसकी वजह सिर्फ रणवीर का टिकट काटना ही नही है, बल्कि बाकी लोगों के नाम घोषित होना भी है। पार्टी ने उप चुनाव हार चुके एदल सिंह का नाम तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके साथ ही उप चुनाव हार चुके ग्वालियर पूर्व से मुन्नालाल गोयल, डबरा से पूर्व मंत्री इमरती देवी, मुरेना से रघुराज कंसाना, दिमनी से गिर्राज दंडोतिया और करेरा से जसवंत जाटव के नाम घोषित न कर होल्ड कर दिए। ये सब विधायक पद छोड़कर सिन्धिया के साथ बीजेपी में आये लेकिन उप चुनाव हार गए। अब इन सबको भी रणवीर की तरह अपना टिकट कटने की तलवार लटकते दिख रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जनाधार वाले नेता छोड़ रहे साथ
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ा झटका लगा है। नीमच से बीजेपी प्रदेशकार्य समिति सदस्य और सिंधिया समर्थक समंदर पटेल ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस की सदस्यता ले ली। वे 850 वाहनों के काफिले के साथ कांग्रेस में शामिल होने भोपाल पहुंचे। इस दौरान काफिले की सभी गाड़ियों पर कांग्रेस के झंडे लगे हुए थे। गाड़ियों पर कांग्रेस जिंदाबाद लिखा हुआ था। समंदर पटेल उस वक्त बीजेपी में शामिल हुए थे, जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी। कांग्रेस में शामिल होने पर समंदर पटेल ने कहा कि बीजेपी में उन्हे न तो सम्मान मिला और न ही कोई मंच। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

खुद नहीं जीते, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी को हराने में निभाई भूमिका
मालवा क्षेत्र के नीमच जिले के जावद विधानसभा क्षेत्र से आने वाले समंदर पटेल 2018 में विधानसभा का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा था, लेकिन वह जीत नहीं सके थे। समंदर ने 33 हजार वोट लेकर कांग्रेस की उम्मीदवार को हराने में अहम भूमिका निभाई थी। नीमच के जावत से वर्तमान में एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा विधायक हैं। समंदर इस बार भाजपा से टिकट के दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट मिलना संभव नहीं दिख तो उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बैजनाथ यादव
गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र से सिंधिया लगातार चार बार सांसद रहे हैं और यह क्षेत्र महल का गढ़ माना जाता है। बैजनाथ यादव जनाधार वाले नेता हैं और गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र में यादव मतदाताओं की भी अच्छी खासी संख्या भी है। वह ज्योतिराज सिंधिया के करीबी रहे हैं। बैजनाथ सिंह यादव माधवराव सिंधिया के समय से महल के करीबी रहे हैं। उन्होंने अपनी पत्नी कमला यादव को शिवपुरी जिला पंचायत अध्यक्ष भी बनवाया था। बीते जून महीने में चार सौ वाहनों के काफिले के साथ भोपाल पहुंचकर प्रदर्शन किया और वह कांग्रेस में शामिल हो गए। भाजपा छोडऩे से बड़ी संख्या में यादव मतदाता कांग्रेस से जुड़ सकते हैं, कांग्रेस में शामिल कराने में अरुण यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जयपाल सिंह यादव
जयपाल सिंह यादव चंदेरी से चुनाव लड़ चुके हैं वह सिंधिया के भाजपा ज्वाइन करने के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे केंद्रीय मंत्री सिंधिया के खास माने जाने वाले जयपाल सिंह यादव भी यादव समाज में अच्छी पाठ रखते हैं युवाओं में भी उनके समर्थकों की अच्छी खासी संख्या है लेकिन कुछ दिनों पहले भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यदुराज सिंह यादव
चंदेरी विधानसभा क्षेत्र में यादुराज सिंह यादव की अच्छी पकड़ है। वह संगठन गढने में माहिर माने जाते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया जब गुना संसदीय सीट से चुनाव लड़ते थे तो वह अशोकनगर में युदाराज सिंह उनके चुनाव की कमान संभालते थे। यह भी जयपाल सिंह यादव के साथ कांग्रेस में शामिल हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुकेश गुप्ता और गगन दीक्षित भी कांग्रेस में
शिवपुरी जिले में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष के पद पर रहे राकेश गुप्ता भी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस में थे और चुनाव लड़ते थे तो राकेश गुप्ता शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में सिंधिया के लोकसभा चुनाव का मैनेजमेंट देते थे। वहीं रायसेन में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक गगन दीक्षित ने भी पार्टी छोड़ दी है। गगन दीक्षित सिंधिया फैंस क्लब के जिला अध्यक्ष रहे हैं। इनके साथ सांची जनपद पंचायत के अध्यक्ष अर्चना पूर्ति ने भी कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है दोनों सिंधिया समर्थक हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धाकड़ ने भी छोड़ी पार्टी
धाकड़ समाज में अच्छी पकड़ रखने वाले रघुराज सिंह धाकड़ ने भी भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कोलारस से आने वाले रघुराज सिंह धाकड़ करीब 20 वर्ष से राजनीति में सक्रिय हैं। कोलारस विधानसभा क्षेत्र में धाकड़ मतदाताओं की संख्या भी करीब 25 हजार है। ऐसे में धाकड़ के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शमिल होने से यहां का भी समीकरण गड़बड़ा सकत है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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