अन्तर्राष्ट्रीय स्तनपान सप्ताह पर एम्स में लगाई पोस्टर प्रदर्शनी, कार्यशाला में दिया गया डैमोस्ट्रेशन
अन्तर्राष्ट्रीय स्तनपान सप्ताह पर एम्स ऋषिकेश में जनजागरूकता के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। साथ ही पोस्टर प्रदर्शनी और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से महिलाओं को स्तनपान करवाने के लिए विभिन्न लाभप्रद जानकारियां दी गईं। प्रत्येक वर्ष अगस्त के पहले सप्ताह में माताओं और शिशुओं के लिए स्तनपान के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व स्तनपान दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश के नियोनेटोलॉजी विभाग तथा कॉलेज ऑफ नर्सिंग के संयुक्त तत्वाधान में स्तनपान की महत्ता और इसके लाभ के संबंध में विभिन्न जन-जागरूकता के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सप्ताहव्यापी कार्यक्रमों के अन्तिम दिन संस्थान के मिनी ऑडिटोरियम में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत करते हुए कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने कहा कि नवजात बच्चे के लिए मां का दूध न केवल स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर होता है अपितु मां के दूध में रोगों के लड़ने की भी भरपूर क्षमता होती है। उन्होंने कहा कि नवजात शिशु के सम्पूर्ण शारीरिक विकास के लिए मां का दूध बहुत जरूरी है। उन्होंने नवजात शिशु के लिए शुरुआती चार सप्ताह की देख-रेख को बहुत महत्वपूर्ण बताया। कहा कि नवजात शिशु की इस दौरान की गई पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल ही उसे शारीरिक दृष्टि से भविष्य के लिए तैयार करती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नियोनेटोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. श्रीपर्णा बासु ने स्तनपान की महत्ता बताई और कहा कि मां की स्वस्थता और नवजात के सम्पूर्ण विकास के लिए स्तनपान बहुत जरूरी है। स्तनपान एवं मां के दूध के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने संस्थान में मिल्क बैंक और माताओं के लिए विश्राम कक्ष की आवश्यकता बताई। स्तनपान सप्ताह कार्यक्रम के विभिन्न अवसरों पर स्त्री रोग वार्ड में सीनियर नर्सिंग ऑफिसर बिन्दुजा बॉस के नेतृत्व में स्तनपान की भ्रांतियां विषय पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक अन्य कार्यक्रम के दौरान पीजी स्टूडेन्ट्स और नर्सिंग स्टूडेन्ट्स के मध्य नवजात शिशुओं की देखभाल विषय पर क्विज का आयोजन और पोस्टर प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। जिसमें अस्पताल के विभिन्न वर्गों के कार्मिकों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर नियोनेटोलॉजी विभाग के असिस्टेन्ट प्रोफेसर डा. सुमन चौरसिया ने बताया कि इस वर्ष विश्व स्तनपान दिवस आइए स्तनपान कराएं और कार्यस्थल स्तर पर इसे बढ़ावा दें, (लेट्स मेक ब्रेस्टफीडिंग एण्ड वर्क, वर्क) थीम पर आयोजित किया गया था। संस्थान में कार्यरत फीमेल फेकल्टी मेंबर, नर्सिंग स्टाफ और अन्य महिला कर्मचारियों के लिए संस्थान की ओर से स्तनपान को बढ़ावा देने हेतु मूवी का भी प्रसारण किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम के दौरान कालेज ऑफ नर्सिंग की प्रभारी प्रिंसिपल डा. जेवियर वेलियर, नियोनेटोलॉजी विभाग के डा. पूनम सिंह, डा. मयंक प्रियदर्शी, डा. सुमन चौरसिया, नर्सिंग कॉलेज की एसो. प्रोफेसर रूपिन्द्र देओल, एनएस कैप्टन कल्पना मीणा, डीएनएस वन्दना, एएनएस शिनोय आशीष, एसएनओ सुमन कंवर, एनओ ईरा दयाल, सहित रेजिडेंट्स, नर्सिंग ऑफिसर्स मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
एम्स ऋषिकेश के डिपार्टमेंट ऑफ एनिस्थिसिया के तत्वावधान में स्पाइन इंडोस्कोपी एंड एडवांस पेन इंटर्वेंशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें देशभर से जुटे विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया, इस दौरान उन्होंने व्याख्यानमाला और डैमोस्ट्रेशन के माध्यम से प्रतिभागियों को विषय संबंधी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डिपार्टमेंट ऑफ एनिस्थिसिया डिविजन ऑफ पेन के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने क्रोनिक पेन व योगा विषय में प्रकाश डाला। कार्यशाला में देश के विभिन्न मेडिकल संस्थानों के पेन विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला की शुरुआत करते हुए एनिस्थिसिया विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डा. वाईएस पयाल ने संबंधित विषय पर प्रकाश डाला। आयोजन समिति के सचिव डा.अजीत कुमार ने प्रतिभागियों को क्रोनिक पेन के बाबत जानकारी दी। पहले दिन केडेवरिक वर्कशॉप में एंडोस्कोपी, डेसेक्टोमी, काइफो प्लास्टी, भाटिब्रो प्लास्टी, इंस्ट्राथिकल ड्रग डिलिवरी सिस्टम एंड न्यूरो मॉड्यूलेशन का प्रदर्शन किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर विशेषज्ञों ने अनेक तरह के क्रोनिक पेन के विषय पर व्याख्यानमाला प्रस्तुत की, जिनमें इंडियन सोसायटी ऑफ पेन क्लिनिशियन के सचिव डा. अनुराग अग्रवाल ने काइफो प्लास्टी व भाटिब्रो प्लास्टी, डा. रविशंकर ने न्यूरो मॉड्यूलेशन, डा. मनीष राज ने स्पाइन इंडोस्कोपी तथा एम्स दिल्ली के डा. पुनीत खन्ना ने इंस्ट्राथिकल ड्रग डिलिवरी सिस्टम फॉर क्रोनिक पेन मैनेजमेंट विषय पर व्याख्यान दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वर्कशॉप में डा. नीतिका गोयल, डॉ. अंकिता केबी, डॉ. नेहा कटोर, डॉ. समृद्धि नंदा, डॉ. आचका जुबरी आदि विशेषज्ञों ने भी विचार रखे। जबकि दूसरे दिन लाइव डैमोस्ट्रेशन में स्पाइन इंडोस्कोपी का लाइव प्रदर्शन किया गया,जिसमें डॉ. अनुराग अग्रवाल व डॉ. सुशील जायसवाल का विशेष योगदान रहा। आयोजन सचिव डॉ. अजीत कुमार व डॉ. प्रवीन तलवार ने कार्यशाला में देशभर से कार्यशाला में शिरकत करने वाले विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यशाला में संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल व प्रभारी डीन एकेडमिक प्रो. शैलेंद्र हांडू के अलावा बांग्लादेश से डॉ.मोहम्मद नूर आलम, नेपाल से डॉ. जयप्रकाश ठाकुर व अभिषेक कुमार मोडनवाल ने विशेषरूप से प्रतिभाग किया। आयोजन में एनाटॉमी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ब्रिजेंद्र सिंह, प्रो. कमर आजम, डॉ. रजनीश अरोड़ा, डॉ. गिरीश सिंह, डॉ. मुकेश सिंघला, डा. भास्कर सरकार, डा. सुशील जायसवाल, डॉ. चंद्रशेखर सिंह आदि ने सहयोग प्रदान किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर डिपार्टमेंट ऑफ एनिस्थिसिया के डॉ. अजय कुमार, डॉ. प्रवीन तलवार, डॉ. प्रियंका गुप्ता, डॉ.मृदुल धर के अलावा पेन डीएम के प्रशिक्षु सीनियर रेजिडेंट्स डॉ. गौरव पुरोहित, डॉ. सोनल गोयल, डॉ. आदित्यपाल माहेश्वर, डॉ. वैभव भंडारी, डॉ.शिवम भंडारी, डॉ. शिवम गुप्ता, डॉ. प्रदीप अत्तार, डॉ. अभिलाष साघंकर, डॉ.सुखदेव गुप्ता, डॉ. मनसा कंठा, डॉ. सीरत चिराया, डॉ. श्रीधर आदि मौजूद थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।