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November 14, 2024

ऐसे बज रहा भारत का डंका, पीएम मोदी से सवाल पूछने वाली पत्रकार पर ऑनलाइन हमले, व्हाइट हाउस ने की निंदा

हाल ही में पीएम मोदी अमेरिका और मिश्र के दौरे पर गए थे। अमेरिका में एक महिला पत्रकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में लोकतंत्र को लेकर सवाल पूछा। इसका जवाब भी प्रधानमंत्री मोदी ने दे दिया। बात यहीं खत्म हो जानी थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। भारत में बीजेपी के नेता और आईटी सेल के लोग इस महिला पत्रकार को ऑनलाइन ट्रोल करने लगे। जहां एक तरफ प्रचारित किया जा रहा है कि भारत का विदेशों में डंका बज रहा है, लेकिन ऐसे ऑनलाइन हमलों के बाद ट्रोल आर्मी भारत की छवि को कैसे नुकसान पहुंचा रही है, इसका ताजा उदाहरण सामने आया है। अमेरिकी पत्रकार को ट्रोल किए जाने की व्हाइट हाउस ने की निंदा की। साथ ही कहा कि ये लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। यही नहीं, अब तो भारत के नेता पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर भी हमले कर रहे हैं, जबकि कुछ साल पहले तक पीएम मोदी ओबामा को अपना जिगरी दोस्त बताते रहे हैं। वह कहते रहे कि मैं बराक से तू करके बात करता हूं, वहीं, अब बीजेपी के मंत्री और नेता बराक के खिलाफ बयान दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने मुस्लिम देशों पर बम गिराए।  इसकी विदेश मंत्रालय आलोचना नहीं कर रहा है। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बराक ओबामा पर हमलावर है। वहीं, ओबामा ने अकेले भारताीय मुसलमानों के संदर्भ में ही आलोचना नहीं की, उन्होंने अमेरिका में यहुदियों पर हमले को लेकर भी ट्विट किया। यही नहीं, मुस्लिम विरोधी दंगों को लेकर पीएम मोदी के बीजा पर अमेरिका में जो बैन लगाया गया था, उसे बराक ओबामा ने ही हटाया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ संयुक्त प्रेस कॉनफ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछने पर सोशल मीडिया पर एक अमेरिकी पत्रकार पर हो रहे हमलों की निंदा की है और इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की संवाददाता सबरीना सिद्दीकी ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में सवाल करते हुए पूछा था कि उनकी सरकार इस दिशा में सुधार के लिए क्या कदम उठाने पर विचार कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

संयुक्त प्रेस कॉनफ्रेंस के एक दिन बाद मीडिया को पीएम मोदी से सवाल पूछने के लिए सोशल मीडिया पर कोसा जाने लगा और कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि वह पूर्व नियोजित तरीके से सवाल पूछ रही थीं। कुछ ने तो महिला पत्रकार को पाकिस्तानी इस्लामिस्ट कहा। रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी ने एक प्रश्न के उत्तर में सोमवार को कहा, हमें उनके उत्पीड़न की खबरें मिली हैं। यह अस्वीकार्य है। और हम किसी भी परिस्थिति में कहीं भी पत्रकारों के किसी भी तरह के उत्पीड़न की कड़ी निंदा करते हैं। यह लोकतंत्र के उन सिद्धांतों के लिहाज से अनैतिकतापूर्ण है, जो पिछले सप्ताह राजकीय यात्रा के दौरान प्रदर्शित किए गए।  यह अस्वीकार्य है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वॉल स्ट्रीट जर्नल की सबरीना ने पूछा ये सवाल
वॉल स्ट्रीट जर्नल की सबरीना ने पीएम मोदी से पूछा कि भारत खुद को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहता है, लेकिन कई मानवाधिकार संस्थाओं का कहना है कि आपकी सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया है। आलोचकों का मुंह बंद किया है। आप वाइट हाउस के ईस्ट रूम में हैं, जहां कई विश्व नेताओं ने लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लिया। मुस्लिम समुदाय और दूसरे अल्पसंख्यकों की रक्षा और फ्री स्पीच की रक्षा के लिए आप और आपकी सरकार क्या करेंगे? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पीएम मोदी ने दिया था ये जवाब
पीएम नरेंद्र मोदी ने जवाब में कहा कि मुझे वास्तव में आश्चर्य होता है, जब लोग ऐसा कहते हैं। भारत तो लोकतंत्र है ही। जैसा कि राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, भारत और अमेरिका, दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है। लोकतंत्र हमारी रगों में है। हम लोकतंत्र जीते हैं। हमारे पूर्वजों ने इस बात को शब्दों में ढाला है। ये हमारा संविधान है। हमारी सरकार लोकतंत्र के मूल्यों को ध्यान में रखकर बनाए गए संविधान पर ही चलती है। हमने सिद्ध किया है कि लोकतंत्र अच्छे नतीजे दे सकता है। हमारे यहां, जाति, उम्र, लिंग आदि पर भेदभाव की बिल्कुल भी जगह नहीं है। जब आप लोकतंत्र की बात करते हैं, अगर मानव मूल्य न हों, मानवता न हो, मानवाधिकार न हों, तब उस सरकार को लोकतंत्र कहा ही नहीं जा सकता। हालांकि, पीएम मोदी का जवाब ठीक वैसा ही था, जैसा कि आजादी के बाद से भारत के हर राजनायक देते आए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब आप लोकतंत्र को स्वीकार करते हैं, उसे जीते हैं, तो भेदभाव की कोई जगह नहीं होती। भारत सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास, इस मूलभूत सिद्धांत पर चलता है। भारत में जनता को जो लाभ मिलते हैं, वो उन सभी के लिए हैं, जो उसके हकदार हैं। इसीलिए भारत के मूल्यों में कोई भेदभाव नहीं है। न धर्म के आधार पर, न जाति, उम्र या भूभाग के आधार पर। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हो रही है चौतरफा निंदा
किर्बी के बयान के बाद, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव केरीन ज्यां-पियरे ने माइक लेते हुए कहा कि हम निश्चित रूप से किसी भी पत्रकार को डराने-धमकाने या परेशान करने के किसी भी प्रयास की निंदा करते हैं, जो सिर्फ अपना काम करने की कोशिश कर रहा है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरीन ज्यां-पियरे ने कहा कि हम व्हाइट हाउस में इस प्रशासन के तहत प्रेस की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसीलिए हमने पिछले सप्ताह संवाददाता सम्मेलन रखा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

क्या प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने प्रेस की आजादी और मानवाधिकार जैसे विषयों पर बातचीत की थी? इस प्रश्न के जवाब में ज्यां-पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन किसी वैश्विक नेता या किसी राष्ट्र प्रमुख से मानवाधिकारों के मुद्दे पर बातचीत से कभी संकोच नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि दोनों नेताओं द्वारा, न केवल राष्ट्रपति (बाइडन), बल्कि प्रधानमंत्री (मोदी) द्वारा भी संवाद करना आप सभी के लिए और सवाल पूछने वाले पत्रकारों के लिए भी महत्वपूर्ण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रेस की आजादी लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण
इस बीच दक्षिण एशियाई पत्रकार संघ (एसएजेए) ने सिद्दीकी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपशब्दों के इस्तेमाल की निंदा करते हुए महिला पत्रकार के प्रति समर्थन जताया है। संगठन ने कहा कि प्रेस की आजादी किसी भी लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है और प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गुरुवार की प्रेस वार्ता उनके नौ साल के कार्यकाल में पहली बार थी जब मोदी ने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए थे। मोदी से अपने सवाल के लिए सोशल मीडिया पर हमले के बाद, सिद्दीकी ने दो तस्वीरों के साथ एक ट्वीट किया। एक में उनके पिता भारत को 2011 क्रिकेट विश्व कप जीतते हुए देख रहे थे, और दूसरे में उनकी तस्वीर थी। दोनों फोटो में वह टीम इंडिया की क्रिकेट जर्सी पहने नजर आ रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने अपनी पोस्ट को कैप्शन दिया कि चूंकि कुछ लोगों ने मेरी व्यक्तिगत पृष्ठभूमि को मुद्दा बनाने के लिए चुना है, इसलिए पूरी तस्वीर प्रदान करना ही सही लगता है। कभी-कभी पहचान जितनी दिखती है उससे कहीं अधिक जटिल होती है। सिद्दीकी के पिता का जन्म भारत में हुआ था लेकिन उनका पालन-पोषण पाकिस्तान में हुआ, जबकि उनकी मां पाकिस्तानी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सिद्दीकी के खिलाफ पहला हमला भाजपा के सूचना सेल के प्रमुख अमित मालवीय की ओर से हुआ। उन्होंने ट्वीट किया कि सिद्दीकी का सवाल ‘प्रेरित’ था और उन्हें मोदी द्वारा ‘उचित उत्तर’ दिया गया, जो उनके अनुसार, ‘टूलकिट गिरोह’ के लिए एक ‘झटका’ था। अपमानजनक वाक्यांश का उपयोग उन लोगों के लिए किया जाता है, जिन्होंने मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव सहित विभिन्न मुद्दों पर भाजपा और मोदी से सवाल किया है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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