मई दिवस पर भूपेन्द्र डोंगरियाल की कविता-मजदूर हूँ
मजदूर हूँ
झंझावतों में गम्भीर हूँ,
मैं शरारतों से दूर हूँ।
मुस्कराने से चूक गया,
मेहनतकश मजदूर हूँ।
दौलत की जेब खाली,
देखी नहीं खुशहाली।
टूटता गया भूख से,
जिन्दगी भर कंगाली।
पोपले मुँह में मीठे शब्द,
कटु सत्य सा मशहूर हूँ।
मुस्कराने से चूक गया,
मेहनतकश मजदूर हूँ।
तेरा बेटा हूँ माँ भारती,
नए भारत का हूँ सारथी।
करता अमीरों की चाकरी,
भजता उनके भजन-आरती।
ये शब्द ध्वनि गूँजती क्यों,
मैं गरीबी में भी मशहूर हूँ।
मुस्कराने से चूक गया,
मेहनतकश मजदूर हूँ।
अंधेरों में टिमटिमाता हूँ,
अच्छे-बुरे को आजमाता हूँ।
जेठ के सूरज सा,
मैं हरदम तमतमाता हूँ।
कौड़ी की कीमत का,
मेहनती कोहिनूर हूँ।
मुस्कराने से चूक गया,
मेहनतकश मजदूर हूँ।
कवि का परिचय
नाम- भूपेन्द्र डोंगरियाल
जन्म स्थान- ग्राम- बल्यूली, जनपद-अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड।
वर्तमान पता- आईटीआई कैम्पस, निरंजनपुर, देहरादून।
भूपेन्द्र डोंगरियाल उत्तराखण्ड राज्य सरकार के सेवायोजन एवं प्रशिक्षण अनुभाग में अनुदेशक के पद पर कार्यरत हैं। वर्जिन साहित्यपीठ के सौजन्य से अभी तक उनकी पाँच ई बुक्स प्रकाशित हो चुकी हैं।
मोबाइल नम्बर-
8755078998
8218370117

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।