राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ भारत सरकार ने 98 वर्षीय वैद्य विनय शर्मा को लाईफ टाईम अचीवमेट अवार्ड से किया सम्मानित
उत्तराखंड राज्य निवासी एवं आयुर्वेद जगत के जाने माने 98 वर्षीय वैद्य विनय शर्मा को उनके जन्म दिवस के शुअवसर पर डालनवाला स्थित समर वैली स्कूल में आयोजित कार्याक्रम में राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ भारत सरकार की ओर से लाईफ टाईम अचीवमेट अवार्ड से सम्मानित किया। उन्हें ये पुरस्कार नेशनल कमीशन फॉर इण्डियन सिस्टम ऑफ मेडिसन, नई दिल्ली एवं चेयरमैन एथिक्स एण्ड रजिट्रेशन बोर्ड के एग्जीक्यूटिव मैम्बर डॉ. राकेश शर्मा के साथ ही राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ आयुष मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली एवं सलाहकार आयुष मंत्रालय भारत सरकार डा. कोस्तुभ
डॉ. उपाध्याय ने आयुर्वेद जगत में ऐतिहासिक कार्य के लिए दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस ऐतिहासिक अवसर पर डा. उपाध्याय ने विनय शर्मा के आयुर्वेद के क्षेत्र में किये गये कार्यो एवं रचित पुस्तक पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 50 के दशक में गुरू शिष्य परम्परा में सीखी हुई चिकित्सा वैद्य शर्मा ने आयुर्वेद के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान प्रदान किया। इसको सम्पूर्ण आयुर्वेद जगत सदैव अविस्मरणीय रखेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डा. राकेश शर्मा ने वैद्य विनय शर्मा जी के जीवन पर आधारित पुस्तक का विमोचन करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि अपने जीवन में आयुर्वेद का पालन करने वाले ऐसे मनिषियों का जीवन सदैव निःरोग रहा। समाज में वसुदैव कुटुम्ब की भावना का पालन कर आयुर्वेद के क्षेत्र में समाज सेवा कर उजियारा फैलाने का काम किया। जिससे आज के युग में आयुर्वेद पर ऐतिहासिक कार्य किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मान समरोह कार्याक्रम में शिवालिक इंन्सटीट्युट ऑफ आयुर्वेद एण्ड रिसर्च के निदेशक डा. सतेन्द्र कुमार, डा. राजीव शर्मा, दुर्गा वर्मा, रमा सभरवाल, प्राचार्या डा. सिमरन, पूर्व निदेशक डा. पूजा भारद्वाज, भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के अध्यक्ष डा. जेएन नौटियाल, डा. प्रदीप भारद्वाज एवं कई गणमान्य व्यक्ति मोजूद रहे ।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।