Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 24, 2025

चाऊमीन की ठेली लगाकर करोड़ों के मालिक बने बीजेपी नेता एवं दून के मेयर, उठे सवाल तो दी ये सफाई

इन दिनों उत्तराखंड में सोशल मीडिया में दून के मेयर सुनील उनियाल गामा चर्चा में बने हैं। चर्चा इसलिए भी जोर पकड़ने लगी है कि भला एक व्यक्ति चाऊमिन की ठेली लगाने के साथ ही पान का खोखा चलाकर कैसे करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन सकता है। क्योंकि मेयर बनने के बाद उनकी संपत्ति में दस गुना ज्यादा इजाफा होने की बात कही जा रही है। गामा नवंबर 2018 में हुए नगर निगम देहरादून के चुनाव जीतकर मेयर बने थे। अब चर्चा है कि मेयर बनने के बाद उनकी संपत्ति में दस गुना से ज्यादा इजाफा हुआ है। वह करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन गए हैं। इसे लेकर कांग्रेस ने भी सवाल उठाए और ईडी व सीबीआई जांच की मांग तक करने लगी। वहीं, मेयर गामा की ओर से भी अपनी संपत्ति को लेकर सफाई आई है। उन्होंने इस संपत्ति को अपनी मेहनत का परिणाम बताया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राजनीति में लगते हैं आरोप, लेकिन क्या इनकी होगी जांच
वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि राजनीति में इस तरह के आरोप लगते रहते हैं। दूध का धुला कोई नहीं है। यदि पक्ष और विपक्ष के नेताओं की जांच करा ली जाए तो हर दल में तेजी से बढ़ रही संपत्ति के मालिकों की लंबी सूची मिल जाएगी। अब सवाल ये उठता है कि जिसने भी संपत्ति अर्जित की, तो क्या उसने उसका लेखा जोखा आयकर विभाग में दिया या नहीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

महत्वपूर्ण बात ये है कि यदि वह लीगल तरीके से चल रहे हैं तो इसमें किसी को क्या परेशानी है। इससे बावजूद यदि उन्होंने अपनी संपत्ति को लेकर आयकर विभाग आदि में सही जानकारी नहीं दी तो सवाल उठने लाजमी हैं। तब सवाल है कि ईडी और सीबीआइ को ऐसे मामलों की जांच करने की जरूरत महसूस क्यों नहीं हुई। यदि देहरादून में ही हम संपत्ति की बात करें तो देहरादून के मेयर की संपत्ति से कई गुना ज्यादा तेजी से संपत्ति बढ़ने के मामले सामने आ सकते हैं। इनमें सत्ताधारी दल से जुड़ लोगों के साथ ही मुख्य विपक्षी दल के नेता भी हो सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है पूरा मामला
बता दें कि आरटीआई एक्टिविस्ट व अधिवक्ता विकेश सिंह नेगी ने मेयर पर लोक सेवक पद का दुरुप्रयोग करते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था। आरोप था कि मेयर बनने के बाद उन्होंने पांच करोड़ 32 लाख रुपये की 11 संपत्तियां खरीदीं, जिनका बाजार मूल्य 20 करोड़ से अधिक है। आरटीआई एक्टिविस्ट के आरोपों के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी मेयर और सरकार से जवाब मांगा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

क्या जांच करेगी सरकार: करन माहरा
मेयर सुनील उनियाल गामा पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों पर कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया है कि क्या वह मेयर पर लगे आरोपों के खिलाफ जांच बैठाएगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि जिस प्रकार से मेयर की संपत्ति पिछले चार साल में तेजी से बढ़ी है, वह आश्चर्य की बात है। पिछले दो-तीन दिन से मेयर सुनील उनियाल गामा के प्रपत्र धूम रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि इसमें मेयर की संपत्ति से संबंधित ब्योरा दिया गया है। कहा कि आश्चर्य की बात है कि पिछले चार साल में मेयर की संपत्ति में 10 गुना बढ़ोतरी हो गई है। कहा कि आरटीआई में खुलासा हुआ है कि मेयर बनने के बाद उन्होंने पांच करोड़ 32 लाख की संपत्ति खरीदी है। जिनका बाजार मूल्य 20 करोड़ रुपये है। लेकिन इस मामले में सरकार मौन बैठी हुई है। उन्होंने कहा कि मेयर को इस मामले में जवाब देना चाहिए। इस मामले में वह मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे। साथ ही कहा कि जांच पूरी होने तक मेयर को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

मेहनत से जोड़ी ये संपत्ति
मेयर सुनील उनियाल गामा ने सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पान का खोखा चलाया, चाऊमीन बेची, वीडियोग्राफी का काम किया। वीडियो लाइब्रेरी चलाई और ठेकेदारी भी की। करीब 15 तरह के काम करने के बाद उन्होंने संपत्ति जोड़ी और उन्हें बेचकर अब इतनी संपत्ति अर्जित की है। उन्होंने कहा कि मैंने 18 साल की उम्र से काम शुरू किया। इसके बाद 2012 तक कुछ संपत्तियां ली। ठेकेदारी अच्छी चलती थी, लेकिन नगर निगम बनने के बाद मैंने निकाय में ठेकेदारी छोड़ दी। मेयर बनने के बाद मैंने अपने तमाम लाइसेंस भी निरस्त करवा दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चुनाव घोषणापत्र में दी थी सही जानकारी
मेयर गामा ने कहा कि 2012 के बाद मैंने कुछ संपत्तियां खरीदी। 2017 में अपने चुनावी घोषणा पत्र में ढाई करोड़ तक की संपत्तियां दिखाई थी। उनमें से मैंने अपनी कई संपत्तियां बेची और संपत्तियों की दरें बढ़ी। जिसका केवल मुझे ही नहीं सबको फायदा हुआ। जब कुछ संपत्तियां बेची हैं, तो कुछ खरीदी भी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दरबार साहिब से जमीन लीज पर दिया ये तर्क
मेयर पर पद का इस्तेमाल कर दरबार साहिब से जमीन लीज पर लेने के आरोप भी लगे हैं। इस पर मेयर ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2012 में दरबार साहिब में जमीन लीज पर देने के लिए आवेदन किया था। इसे मेयर बनने के बाद से जोड़ा जाना गलत है। कहा कि श्री गुरु राम राय से जुड़ी संपत्तियों का वाद कोर्ट में चल रहा है। उन्हें टैक्स जमा करने के लिए लगातार नोटिस दिए जा रहे हैं। मिलीभगत का आरोप निराधार है। उन्होंने कहा कि कई लोग कह रहे हैं कि मेयर गामा का पेट्रोल पंप है। उन्होंने साफ किया कि उनका कोई पेट्रोल पंप नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एक करोड़ 25 लाख का लोन
मेयर गामा ने कहा कि उनके नाम पर कोई बैनामी संपत्ति नहीं है। उन्होंने सभी संपत्तियों का खुलासा इनकम टैक्स में किया है। जिनका वह टैक्स भी चुकाते हैं। कहा कि उन पर एक करोड़ 25 लाख का बैंक लोन भी है।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page