बिजली के बाद अब पानी से भी पूरा करेंगे बजट का घाटा, एक अप्रैल से बढ़ेंगे पानी के रेट, लोगों पर महंगाई का चाबुक
उत्तराखंड में बजट के घाटे को पूरा करने की कसरत में जुटी है। इसके लिए आमजन पर महंगाई का चाबुक लगना तय है। एक अप्रैल से बिजली के रेट बढ़ना प्रस्तावित है। बिजली दरों में 12 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है। इसकी हम लोकलाक्ष्य में खबर दे चुके हैं। अब खबर ये है कि एक अप्रैल से ही पेयजल के रेट भी बढ़ने जा रहे हैं। ये वृद्धि भी 15 फीसद तक की जा सकती है। हालांकि, यदि हम आपूर्ति की बात करें तो पूरी सर्दियों भर बिजली की कई कई घंटों कटौती से लोग जूझते रहे। वर्तमान में भी राजधानी में बार बार बिजली गुल की जा रही है। उद्यमी परेशान हैं। स्थानीय निवासी एवं समाजसेवी जगमोहन मेहंदीरत्ता के मुताबिक देहरादून में नेशविला रोड, ओंकार रोड में तो एक दिन पहले 24 घंटे के बाद बिजली आई। वहीं, राजधानी देहरादून में पेयजल आपूर्ति को लेकर हाल ही में कांग्रेस जल संस्थान में प्रदर्शन कर चुकी है। आरोप है कि कहीं पानी नहीं आ रहा है और कहीं गंदे पानी की आपूर्ति हो रही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसलिए बढ़ाए जा रहे हैं रेट
हाल ही में 17 मार्च को उत्तराखंड सरकार ने ग्रीष्मकालीन विधानसभा गैरसैंण में वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया गया और इसे पारित किया गया। सरकार ने पिछले साल की तुलना में 18 फीसद की वृद्धि के साथ 77407 करोड़ का बजट पेश किया। इसके लिए 24744.31 करोड़ रुपए सरकार अपने संसाधनों से जुटाएगी। फिर सवाल उठता है कि बाकी 52663 करोड रुपए सरकार कहां से जुटाएगी। इसका उल्लेख बजट में स्पष्ट रूप से नहीं किया गया है। या तो सरकार अपने बाकी कामों को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज ले कर के फिर उत्तराखंड को कर्ज में डूबाने का काम करेगी। या फिर, बिजली, पानी सहित अन्य मदों से राजस्व बढ़ाकर कुछ घाटे को पाटने का काम किया जाएगा। इसी कड़ी में अब बिजली और पानी के रेट तो बढ़ाने का निर्णय हो चुका है। बाकी अभी महंगाई का चाबुक सरकार और किस मद पर चलाती है, ये आगे देखने वाली बात है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक अप्रैल से पानी के चुकानी होगी अधिक राशि
एक अप्रैल से उत्तराखंड में पीने का पानी भी नौ से 15 फीसदी तक महंगा होगा। इस लिहाज से लोगों को हलक तर करने के लिए 150 से लेकर 200 रुपये तक अधिक चुकाने पड़ेंगे। शासन की व्यवस्था के तहत हर साल एक अप्रैल से पानी के बिल में वृद्धि की जाती है। शहरी क्षेत्रों में पानी का बिल हाउस टैक्स के आधार पर तय होता है। यहां बिल में हर वर्ष 15 फीसदी के करीब बढ़ोतरी होती है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में घरों में लगे नलों की संख्या के आधार पर बिल और उसमें बढ़ोतरी का निर्धारण किया जाता है। दो नल होने पर बिल में नौ फीसदी और दो से अधिक नल होने पर 15 फीसदी तक की वृद्धि की जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जल संस्थान हर तीन माह में पानी के बिल जारी करता है। वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में तीन महीने में 1385 रुपये का बिल चुकाना पड़ रहा है। इस लिहाज से हर महीने 461 रुपये लोगों को चुकाना पड़ता है। लेकिन, एक अप्रैल से लोगों को प्रति बिल पर 150 से 200 रुपये तक अधिक चुकाने पड़ेंगे। अभी तक जल संस्थान औसत के हिसाब बिल तय करता है। क्योंकि, कई जगह पानी के मीटर नहीं लगे हैं। अब देहरादून में मेंहूवाला क्लस्टर योजना के तहत आने वाले क्षेत्रों के साथ ही कई अन्य क्षेत्रों में पानी के मीटर लग गए हैं। लोगों को मीटर की रीडिंग के आधार पर बिल देना पड़ेगा। दूसरी ओर मीटर का भी 16 रुपये अतिरिक्त चुकाना पड़ेगा। इन क्षेत्रों में अधिक बिल चुकाना पड़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हालांकि, इस संबंध में जल संस्थान का कहना है कि पानी के बिल में हर साल नौ से 15 फीसदी तक की वृद्धि होती है। यह शासन स्तर पर निर्धारित होता है। इस वर्ष भी एक अप्रैल से शासन के निर्देशों के अनुरूप पानी के बिल में बढ़ोतरी होगी। इससे उपभोक्ताओं पर ज्यादा भार नहीं पड़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक अप्रैल से बढ़ेगी बिजली की दर
उत्तराखंड में एक अप्रैल से बिजली दरों में 12 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने इस पर मुहर लगा दी है। आयोग 23 मार्च को बढ़ी हुई दरें जारी कर देगा। इस बढ़ोतरी से प्रदेश के 27 लाख 50 हजार 872 उपभोक्ता प्रभावित होंगे। इस साल यूपीसीएल ने नियामक आयोग के सामने बिजली दरों में 16.96 प्रतिशत, यूजेवीएनएल ने करीब 2.43 प्रतिशत, और पिटकुल ने 9.27 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव नियामक आयोग के समक्ष रखा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आयोग ने इन सभी प्रस्तावों पर प्रदेशभर में जनसुनवाई कर हितधारकों और तीनों ऊर्जा निगमों की बातें सुनीं। अब आयोग ने बोर्ड की बैठक कर सभी के प्रस्तावों पर मंथन किया है। सूत्रों के मुताबिक, नियामक आयोग ने यूपीसीएल के टैरिफ में करीब 12 फीसदी बढ़ोतरी का निर्णय लिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पिछले साल भी तीन बार बढ़ाए गए थे बिजली के रेट
गौरतलब है कि पिछले साल 2022 में बिजली की दरों में तीन बार वृद्धि की गई थी। पिछले साल उत्तराखंड में एक साल में 26 पैसे से लेकर 1.11 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली के दर में तीन बार बढ़ोत्तरी की गई थी। एक अप्रैल से बिजली की दरों में 2.68 फीसद की वृद्धि हुई। सितंबर में 3.85 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के बाद अक्टूबर में सात पैसे प्रति यूनिट बढ़ाए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)