राजभवन कूच की बजाय अब 13 मार्च को गैरसैंण में होगा कांग्रेस का प्रदर्शन, बीजेपी ने बताया औचित्यहीन
अडानी समूह में भारतीय जीवन बीमा निगम, भारतीय स्टेट बैं और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ओर से निवेश करने के विरोध में अखिल भारतीय कांग्रेस के आह्वान पर उत्तराखंड कांग्रेस सिलसिलेवार आंदोलन कर रही है। इसके तहत उत्तराखंड में 13 मार्च को राजभवन कूच का कार्यक्रम तय था। अब 13 मार्च से ही उत्तराखंड विधानसभा का ग्रीष्मकालीन सत्र गैरसैंण में आयोजित हो रहा है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने राजभवन कूच के कार्यक्रम को विधानसभा घेराव में तब्दील किया है। ऐसे में बीजेपी ने कांग्रेस के प्रदर्शन को औचित्यहीन करार दिया। साथ ही कांग्रेस को गैरसैंण विरोधी बताया। हालांकि, जब उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार थी, तब विधानसभा सत्र के पहले दिन बीजेपी भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करती थी। अब वही कांग्रेस कर रही है तो बीजेपी इसे हजम नहीं कर पा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस का विस घेराव औचित्यहीन और गैरसैंण विरोधी: चौहान
उत्तराखंड भाजपा ने कांग्रेस के 13 मार्च को गैरसैंण में प्रस्तावित विधानसभा घेराव को औचित्यहीन ठहराते हुए जनभावना व गैरसैंण विरोधी बताया है। पार्टी प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अंकिता मर्डर, भर्ती प्रक्रिया एवं अडाणी प्रकरण के नाम पर वे राजनैतिक घेराव करना चाहते हैं, जबकि इन तमाम विषयों पर किये गए धामी सरकार के प्रयासों पर न्यायालय और जनता दोनो पहले ही अपनी मुहर लगा चुके हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिशाहीन और मुद्दाविहीन कांग्रेस का विधानसभा घेराव, हारी हुई लड़ाई लड़ने जैसा है। क्योंकि अंकिता प्रकरण और भर्ती प्रक्रिया में अब तक की जांच पर हाईकोर्ट ने भी संतुष्टि जताते हुए सीबीआई जांच से इनकार कर दिया है। उसपर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद अधिक विश्वसनीयता के लिए हाईकोर्ट के जज की निगरानी में नियुक्ति प्रकरणों में एसआईटी जांच हो रही है। साथ ही नकल की संभावनाओं पर पूर्ण विराम लगाने के लिए देश का सबसे सख्त कानून लाया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यहां सबसे महत्वपूर्ण है कि प्रदेश की जनता सरकार इन तमाम कदमों का संतुष्ट होकर स्वागत कर रही है। जहां तक बात रही अडाणी मुद्दे की तो, पहली बात सभी जानते हैं बाजार के उतार चढ़ाव का सरकारों से कोई संबंध नही होता है। वहीं दूसरी और महत्वपूर्ण बात है सुप्रीम कोर्ट का न्यायधीशों, टॉप बैंकर, सेबी एक्सपर्टों की कमेटी बनाकर दो महीने में इस पूरे प्रकरण की जांचकर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चौहान ने कटाक्ष किया कि जब कांग्रेस द्वारा उठाये जा रहे इन आरोपों की हवा निकल गयी है तो सवाल उठता है कि वे बजट सत्र के पहले दिन किस मकसद से हंगामा करना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए पूछा क्या कांग्रेस का मकसद बजट सत्र के दौरान सड़कों पर व्यवधान कर गैरसैंण में सत्र आयोजन का विरोध है। क्योंकि अब सदन में विषय उठाने का मौका है तो वे सड़कों पर उतर रहे हैं और जब जनता के मुद्दों पर उनके मध्य रहना था तो वे बिना उत्तराखंड वाली भारत जोड़ो यात्रा में सेल्फी खिंचवाने में मशगूल थे। लिहाज़ा कांग्रेस की कोशिशें बेकार हैं। क्योंकि जनता पहले ही उनकी ऐसी राजनीति को सिरे से नकार चुकी है।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।