सर्वदलीय बैठक में बेरोजगारों पर बर्बर लाठीचार्ज और झूठे मुकदमों की निन्दा, ये प्रस्ताव पारित
उत्तराखंड में आंदोलनरत बेरोजगार संघ के प्रदर्शन के दौरान पुलिस के लाठीचार्च की हर तरफ निंदा हो रही है। देहरादून में परेड मैदान स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय में हुई सर्वदलीय एवं सामाजिक संगठनों की बैठक की अध्यक्षता पूर्व आईएएस अधिकारी एस एस पांगती की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इसमें लाठीचार्ज की निंदा के साथ ही कई मांगों के प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक का संचालन सपा के वरिष्ठ नेता डा. एसएन सचान ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं मांगे
1-बेरोजगारों पर बर्बर लाठीचार्ज के दोषी एसएसपी देहरादून दलीप सिंह कुंवर को तत्काल प्रभाव से हटाकर उनके खिलाफ समुचित कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए। बेरोजगारों पर झूठे मुकदमें वापस लिए जाएं। गिरफ्तार आन्दोलकारियों को बिना शर्त रिहा किया जाए।
2-बेरोजगारों पर बर्बर लाठीचार्ज के दोषियों को दण्डित किया जाए। तथा अशोभनीय व्यवहार के लिए एसडीएम सदर दुर्गापाल के व्यवहार की जांच की जाए। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
3-हाल ही में नियुक्त कर्मचारी चयन आयोग (uksssc) के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए। उनकी सम्पत्ति की उच्चस्तरीय जांच की जाए।
4- बेरोजगारों को अविलंब नियुक्ति दी जाए।
5- भर्तियों में धाधंलियों की सीबीआई जांच की जाए।
6-जोशीमठ आपदा पीड़ितों की समुचित सहायता सुनिश्चित की जाए।
7-मुख्यमंत्रीजी वार्ता के लिए तत्काल समय सुनिश्चित करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहे उपस्थित
बैठक में सीपीएम के राज्यसचिव राजेंद्र सिंह नेगी, सीपीआई के राज्यसचिव जगदीश कुलियाल, सीपीआइ माले गढ़वाल सचिव इन्द्रेश मैखुरी, सपा के प्रदेश अध्यक्ष अतुल शर्मा, राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी के अध्यक्ष नवनीत गुसांई, उत्तराखंड क्रांति दल के लताफ़त हुसैन, उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक, अर्धसैनिक सयुंक्त मोर्चा के महामंत्री पीसी थपलियाल, पीपुल्स फोरम के अध्यक्ष जयकृत कण्डवाल, जनसंवाद के महामंत्री सतीश धौलाखण्डी, सीपीएम के जिलासचिव राजेंद्र पुरोहित, देहरादून सचिव अनन्त आकाश, सर्वोदय मण्डल के हरबीर कुशवाहा, यशवीर आर्य, एटक के महामंत्री अशोक शर्मा, सीटू राज्य सचिव लेखराज, एसएफआई राज्यसचिव हिमांशु चौहान, महिला समिति की उपाध्यक्ष इन्दु नौडियाल, परम्परागत वन निवासी नूर मौहम्मद ने विचार व्यक्त किये। बैठक में वालेश बवानिया, महिपाल यादव, ज्ञानचन्द यादव, एस एस रजवार आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
उत्तराखंड में भर्ती धांधली के विरोध में गुरुवार को प्रदेशभर में युवाओं ने गुरुवार नौ फरवरी को लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया था। राजधानी देहरादून में सड़कों पर उतरी आक्रोशित युवाओं की भारी भीड़ के चलते कई जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया था। प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए युवाओं ने कहा कि नकलरोधी कानून आने के बाद ही कोई भी भर्ती परीक्षा कराई जाए। बाद में पुलिस ने युवाओं को जबरन मौके से हटाना शुरू किया। इस दौरान दोनों पक्ष में तीखी नोकझोंक भी हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद हजारों बेरोजगारों पर अंततः पुलिस ने लाठी भांज दी। भारी पथराव के बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा। कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए। मुख्य सड़क पर भगदड़ व अफरा तफरी मच गई। लाठी की मार से बचने के लिए बेरोजगारों ने गांधी पार्क, दुकानों गलियों की ओर रुख किया। काफी देर तक प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी से पुलिसकर्मी भी जान बचाते देखे गए। इस दौरान पुलिस के साथ ही कई प्रदर्शनकारी भी घायल हुए। साथ ही कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उधर, सूत्रों का कहना है कि कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस बल पर पथराव किया। पथराव होते ही पुलिस ने बचाव में लाठियां भांज दी। लाठीचार्ज में प्रदर्शनकरियों के चोटिल होने की भी खबर है। गुरुवार की दोपहर ही प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस नेता व चकराता के विधायक प्रीतम सिंह के वाहन का भी घेराव किया। इससे पूर्व, बुधवार की देर रात पुलिस ने बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार व अन्य लोगों को बलपूर्वक व लाठी चलाकर गांधी पार्क से उठा लिया था। इसके बाद गुरुवार की सुबह हुए प्रदर्शन से तनाव बढ़ गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दोनों ही आयोग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सीबीआई जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में की जाए। इसके अलावा नकल करने वाले और नकल करवाने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाएं। सुरेश सिंह ने बताया कि पटवारी की परीक्षा 12 फरवरी को होनी है। संभव है कि इस परीक्षा में भी धांधली की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दावों पर खरी नहीं उतर रही सरकार
गौरतलब है कि वर्ष 2021 में जुलाई माह में उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही पुष्कर सिंह धामी की सीएम के पद पर ताजपोशी की गई थी। सीएम की शपथ लेते ही सीएम धामी ने कहा था कि वह जो भी घोषणा करेंगे, उसे छह माह के भीतर पूरा करके दिखाएंगे। यदि वह शिलान्यास करेंगे तो अपने उसी कार्यकाल में उसे पूरा करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शपथ लेते ही सीएम ने सबसे पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगले चुनाव से पहले छह माह के भीतर प्रदेश में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 22 हजार पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएंगी। तब प्रदेश के युवाओं को सरकार से आस बंधी थी, लेकिन ये घोषणा कोरी साबित हुई और किसी भी विभाग में नियुक्ति नहीं हुई। फिर वह दोबारा मार्च 2022 में सीएम बने और इसके बाद कई परीक्षाओं में भर्ती घोटाला सामने आया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा घोटाले में तो करीब 50 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में विधानसभा में बैकडोर से नियुक्ति के साथ ही अन्य कई नियुक्तियों में घोटाले की बात सामने आई। ऐसे में अधिनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओं को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए और पटवारी व लेखपाल की परीक्षा होने के बाद रद्द कर दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भर्ती परीक्षा को लेकर ऐसे सामने आए घोटाले
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 43 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। ऐसे में कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता भी है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।