गृह मंत्री अमित शाह से सीएम धामी ने की मुलाकात, जोशीमठ को लेकर रखी अपनी बात, मांगी केंद्रीय सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ पुराने भू-स्खलन के मोटी परत के मलबे के ऊपर बसा है। यद्यपि भू-स्खलन, भवनों में दरारों का इतिहास पुराना है, परन्तु दो जनवरी 2023 की रात से भवनों में मोटी दरारें दृष्टिगोचर हुई। साथ ही जेपी प्लान्ट के नीचे 500 एलपीएम की नई धारा फूटने की शिकायत प्राप्त हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि अभी तक क्षेत्र का 25 प्रतिशत भू-भाग भू-धंसाव से प्रभावित है, जिसकी अनुमानित जनसंख्या लगभग 25000 है। पालिका क्षेत्र में दर्ज भवन लगभग 4500 हैं। उसमें से 849 भवनों में चौड़ी दरारें परिलक्षित हो चुकी हैं। अस्थायी रूप से विस्थापित परिवार 250 हैं। सर्वे गतिमान है एवं उक्त प्रभावित परिवार तथा भवन निरन्तर बढ़ रहे हैं। पुनर्वास के लिए पांच स्थल चिह्नित किये गये है, जिनका भू-गर्भीय परीक्षण किया जा रहा है। जोशीमठ के कुल 09 वार्ड में से 04 वार्ड पूर्णरूपेण प्रभावित हैं जबकि 08 केन्द्रीय तकनीकी संस्थान प्रभावित क्षेत्र में वैज्ञानिक परीक्षण कर रहे है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया कि 16 से 22 अगस्त 2022 के मध्य MULTI DISCIPLINARY COMMITTEE (USDMA, GSI, IIT, Roorkee, CBRI, Roorkee, WIHG) ने क्षेत्र का स्थलीय सर्वेक्षण किया था। साथ ही भू-धंसाव के कारण एवं उपाय इंगित किये गये थे। ही सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग की ओर से पांच से सात जनवरी 2023 के मध्य MULTI DISCIPLINARY COMMITTEE (USDMA, GSI, IIT, Roorkee, CBRI, Roorkee, WIHG) के माध्यम से स्थलीय निरीक्षण किया था। कतिपय Concrete recommendation किये हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 जनवरी 2023 पीएमओ भारत सरकार की ओर से कैबिनेट सचिव, NDMA तथा USDMA के अन्य केन्द्रीय विभागों के साथ एक समीक्षा बैठक आहूत की गई। तथा 09 जनवरी 2023 को MHA, GOI की High Powered Team एवं NDMA के समस्त सदस्यों द्वारा देहरादून में वस्तुस्थिति की समीक्षा एवं जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी तथा गढ़वाल आयुक्त एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जोशीमठ क्षेत्र में कैम्प किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने बताया कि विभिन्न केन्द्र्रीय तकनीकी संस्थानों से विचार विमर्शोंपरान्त प्रारम्भिक रूप से अवगत कराया गया है कि क्षेत्र में वृहद् पुनर्निर्माण की आवश्यकता होगी जिसका FINAL ESTIMATION तकनीकी परीक्षण समाप्त होने के उपरान्त प्राप्त होगा। उन्होंने ने प्रभावित क्षेत्रों के लिये तात्कालिक राहत शिविरों की व्यवस्था, Prefabricated Transit Shelter, स्थायी पुनर्वास, नवीन स्थल विकास, आवास निर्माण, मूलभूत सुविधायें यथाः स्कूल, कालेज, drainage, sewerage आदि, जोशीमठ का पुर्ननिर्माण, विस्तृत तकनीकी जांच, भू-स्खलन की रोकथाम, सम्पूर्ण जल निकासी व्यवस्था, शहर में सीवर लाईन की व्यवस्था, समस्त घरों का सीवर लाईन से जुड़ाव आदि मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिये मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से केंद्रीय सहायता के लिये अनुरोध किया। केंद्रीय गृहमंत्री ने जोशीमठ के भू-धंसाव क्षेत्र के प्रभावितों की आवश्यक मदद का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया।
इस रूप में आई आपदा
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई थी। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में प्रभावित परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दे दिया गया था। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार ने कहा था कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 5000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। साथ ही प्रभावितों को फौरी सहायता के रूप में डेढ़ लाख रुपये दिए जा रहे हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।