केंद्र सरकार ने सिमी पर प्रतिबंध को सही ठहराया, सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा

सिमी की वित्तीय स्थिति अच्छी
MHA की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि सिमी का लक्ष्य इस्लाम के प्रचार-प्रसार में छात्र/युवाओं को जुटाना और जेहाद के लिए समर्थन प्राप्त करना है। सिमी “इस्लामी इंकलाब” के माध्यम से “शरीयत” आधारित इस्लामी शासन का गठन करना चाहता है। ये संगठन राष्ट्र-राज्य या भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति पर विश्वास नहीं करता है। यह मूर्ति पूजा को पाप मानता है और ऐसी प्रथाओं को समाप्त करने के अपने ‘कर्तव्य’ का प्रचार करता है। सिमी की वित्तीय स्थिति अच्छी बताई जाती है। वहीं, इसके संसाधन दान, सदस्यता शुल्क और खाड़ी देशों के समर्थकों द्वारा समय-समय पर प्रदान की जाने वाली अन्य वित्तीय सहायता आदि के माध्यम से हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आतंकवादी संगठन सिमी कैडर में घुसने में सफल
MHA की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि सिमी अपने सदस्यों के माध्यम से पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सऊदी अरब, बांग्लादेश और नेपाल के संपर्क में है। छात्रों/युवाओं के लिए एक संगठन होने के नाते, सिमी का अन्य बातों के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर राज्य से संचालित विभिन्न कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादी संगठनों द्वारा प्रभावित और उपयोग किया जाता है। हिज्ब-उल-मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठन अपने राष्ट्र-विरोधी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सिमी कैडरों में घुसने में सफल रहे हैं। सिमी आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सक्रिय रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सिमी की हरकतें देश में शांति बिगाड़ने में सक्षम
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि 27 सितंबर, 2001 से प्रतिबंधित होने के बावजूद, बीच की एक संक्षिप्त अवधि को छोड़कर, सिमी कार्यकर्ता मिल रहे हैं। बैठक कर रहे हैं। साजिश कर रहे हैं। हथियार और गोला-बारूद प्राप्त कर रहे हैं और ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं, जो विघटनकारी हैं। भारत की अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालने में सक्षम हैं। वे अन्य देशों में स्थित अपने सहयोगियों और आकाओं के नियमित संपर्क में हैं। उनकी हरकतें देश में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने में सक्षम हैं।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।