छात्र एवं युवा कवि नवीन गौड़ की तीन लघु कविताएं, प्रेमिका, प्रेम पथिक व संकट
प्रेमिका
कैसे लिखूँ , तुझे शब्दों में।
कैसे तुझे बयाँ करूँ।
अविरल, अभिलाषा है तेरी।
कैसे प्रेम का रस पान करूँ।
मन में तेरा ही चिन्तन।
हर पल तेरा ही ध्यान ।
कैसे लिखूँ मैं शब्दों में, जीवन तेरे नाम।
तेरे सुन्दर स्वरुप पे, जब भी शब्द पिरोता हूँ।
मन में मन के भाव से हर- पल तुझे सजाता हूँ।
बेजान सी ज़िन्दगी में, जान तब आती है।
जब कागज के टुकड़ों पर,
तेरे साथ अपना नाम पाता हूँ।
सपने तो बहुत देखे मैंने, तेरे साथ रहने के।
पर अपनी बंधिश से मैं हर-पल जकडा रहता हूँ।
कैसे लिखूँ शब्दों में, कैसे तुझे बयाँ करूँ।
प्रेम पथिक
अपने मन के भाव से ,तस्वीर तेरी बना रहा हूँ।
हर गीत तुझ पे गा रहा हूँ,हर शब्द में तुझे पा रहा हूँ।
कलम की हर धार ,से तस्वीर तेरी बना रहा हूँ।
मन में मन के भाव सें,कभी हँसा रहा हूँ कभी रुला रहा हूँ।
चिंता मुझे सता रही हैं ,मिलन की घटी आ रही।
पल-पल के इंतजार से,खुद से खुद को मना रहा हूँ।
काँटे बिछे जिस रहा पर, आश एक लगा रहा हूँ।
अपने मन के भाव से ,तस्वीर तेरी बना रहा हूँ ।
संकट
खुद पर हो विश्वास अगर, पत्थर पानी बन जाए।
मेहनत का नशा हो जग में,जीवन सफल बन जाए।
शिक्षित सुयोग्य हो जीवन, हर वृक्ष पुष्पित हो जाए।
मन में हो श्याम अगर, प्रेम सुगंध से भर आए।
राह अगर अम्बर तक हो,काँटे पुष्प बन जाए।
चाह अगर जीने की हो, पल पल से क्यों घबराए।
संकट के इस मौसम में, सेवा भाव में हाथ बढायें।
तन मन संयम धैर्य, सर्मपण का दीप जलायें ।
कवि का परिचय
नाम-नवीन गौड़ (रिंकेश)
निवासी- नन्दा धाम (कुरूड़)
विकासखंड घाट, जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड
शिक्षा-श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय गोपेश्वर चमोली में बीए द्वितीय वर्ष के छात्र।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।