एक घंटे के मौन उपवास पर रहे पूर्व सीएम हरीश रावत,जोशीमठ में त्वरित कार्रवाई की सरकार से मांग

इस अवसर पर हरीश रावत ने कहा कि जोशीमठ हमारी सभ्यता का केंद्र है। जहां जगतगुरु शंकराचार्य ने तपस्या की थी। आज वह देवभूमि हमारी गलतियों और हमारी लापरवाहियों के कारण संकट में है। लोगों के घर धंस रहे हैं, जीवन खतरे में है, कब कहां धंसाव पैदा हो जाए किसी को कुछ अनुमान नहीं है। ऐसे में जोशीमठ को बचाने की एक बहुत बड़ी चुनौतीपूर्ण समस्या है। उन्होंने कहा कि हुक्मरान देहरादून में और दिल्ली में किसी अनहोनी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जहां सारे एक्सपर्ट भेज कर व अध्ययन कर संकट की स्थिति में बचाव के सब उपाय यथा स्थिति किए जाने चाहिए थे, वहां केवल औपचारिकताएं हो रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि जोशीमठ में कुछ भाई-बहन बाहर ठंड में भी अपने सामान्य वस्त्रों के साथ टिन के बरामदों में सो रहे हैं। उनके साथ अपनी भावनात्मक एकात्मकता जाहिर करने के लिए ही आज मैं गांधी पार्क देहरादून में 1 घंटा मैं मौन ध्यान लगा रहा हूँ। सामान्य वस्त्रों में गांधी पार्क में बैठ कर भगवान से प्रार्थना करूंगा कि देहरादून से दिल्ली तक लोग जोशीमठ बचाओ, हमारे संस्कृति के देवस्थल को बचाओ। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से जोशीमठ की जनता इस भूधसाव पर आवज उठा रही थी, परंतु सरकार ने इस पर गौर करने की आवश्यकता नहीं समझी। यहाँ तक कि आपदा सचिव भी अब सर्वेक्षण के लिए जा रहें है। उन्होंने यह भी जोड़ा की क्या टनलें ही इस सभी का कारण है। या कुछ और इसका कारण हैं, इस का भी पता चलना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व विधायक मनोज रावत, पृथ्वीपाल चौहान, आचार्य नरेशानंद नौटियाल, महेंद्र नेगी गुरु जी, ओम प्रकाश सती बब्बन, सुशील राठी, श्याम सिंह चौहान, रितेश छेत्री, संजय थापा, वीरेंद्र पोखरियाल, कमल रावत, लखपत बुटोला, प्रकाश रावत, अमित रावत, मनीष नागपाल, मोहन काला, आयुष, मनमोहन शर्मा, मदन लाल, गुल मोहम्मद, सूरज छेत्री, मुकेश गैरोला, वीर सिंह, पीयूष जोशी, शकील मंसूरी आदि भी उपस्थित थे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।