युवा कवि गोलेन्द्र पटेल की कविता-ट्रांसजेंडर संतान का दुःख
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क्या कोई रोक पाया है कभी
आँखों से पकी पीड़ा का टपकना
माथे पर श्रम की बूँद का अंकुरित होना
देह में दर्द का खिलना
फिर कैसे रोक पायेगा
कभी कोई
ट्रांसजेंडर संतान का दुःख!
सुख में
पत्थर पर उग जाती है प्रसन्नता
जैसे
रेत में रोती हुई दूब,
जहाँ मर्द और औरत के बीच
नदी
किन्नर का संचित
आँसू है
जो अपने आप में धाँसू है!
कवि का परिचय
नाम-गोलेन्द्र पटेल
ग्राम-खजूरगाँव, पोस्ट-साहुपुरी, जिला-चंदौली, उत्तर प्रदेश,
मोबाइल-8429249326, ईमेल : corojivi@gmail.com
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।