राहुल की यात्रा से भाजपा और आरएसएस परेशान, कन्या कुमारी से राजस्थान तक आम जनमानस में कांग्रेस के प्रति झुकावः धस्माना

धस्माना ने कहा कि जब राहुल गांधी ने इस यात्रा की योजना का ऐलान किया, तब भाजपा ने उनका मखौल उड़ाते हुए कहा कि राहुल गांधी को सबसे पहले कांग्रेस को जोड़ना चाहिए फिर देश जोड़ें। इन लोगों के इस विलाप में कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी अपने सुर मिलाए, लेकिन राहुल गांधी ने बिना किसी निंदा की परवाह किये अपने प्लान को जमीन पर उतारा। उन्होंने कन्या कुमारी से जब यात्रा शुरू की तो फिर केरल रहा हो, या तमिल नाडु, कर्नाटका रहा हो या तेलंगाना, आंध्रप्रदेश रहा हो या महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और फिर अब राजस्थान। लाखों लाख लोगों का हुजूम राहुल के साथ हर जगह जुड़ता गया। बच्चे बुड्ढे जवान पत्रकार साहित्यकार, शिक्षक, अर्थशास्त्री, सिविल सोसाइटी हर वर्ग के लोग राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में सहयात्री बनते गए। यही कारण है भाजपा व आरएसएस घबराने लगी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह रही कि राहुल गांधी इस यात्रा के दौरान आत्मविश्वास से भर गए हैं। लोगों से, प्रेस से, किसानों से, युवाओं से बात कर रहे हैं। जगह जगह सांस्कृतिक समूहों के साथ उनके नृत्यों में खुल कर प्रतिभाग कर रहे हैं। उनकी वेशभूषा को धारण भी करते दिखाई पड़ रहे हैं। रघुरामराजन जैसे अर्थशास्त्री के साथ देश की अर्थव्यवस्था व रोजगार जैसे विषयों पर चर्चा करते दिखाई दे रहे हैं। उससे भाजपा व आरएसएस की ओर से पिछले एक दशक में हज़ारों करोड़ रुपए खर्च कर जो राहुल गांधी की इमेज पप्पू वाली गढ़ी थी वो अब ध्वस्त होती नज़र आ रही है। यही उनकी घबराहट का कारण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा पर भाजपा के छुटभैय्या नेताओं से लेकर बड़े बड़े नेताओं, मंत्रियों ने हल्की टिप्पणियों की। उनकी टी शर्ट, उनके जूते, उनके रहने की व्यवस्था पर की गई टिप्पणी उनको उल्टी ही पड़ी। जनता में यही संदेश गया कि अगर राहुल गांधी की पदयात्रा से कोई फर्क नहीं पड़ रहा तो भाजपाई इतनी पावर के चश्मे लगा कर उनको क्यों निहार रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि वाताव में भाजपा, आरएसएस व पीएम मोदी को यह पता है कि राहुल गांधी की यात्रा ने जैसा वातावरण कन्या कुमारी से कश्मीर तक पैदा कर दिया है, उससे उनके द्वारा देशभर में जो साम्प्रदायिक माहौल तैयार किया गया है, उसकी उम्र ज्यादा नहीं है। अन्तोगत्वा देश की जनता महंगाई, बेरोजगारी, ध्वस्त अर्थव्यवस्था पर सरकार से जवाब मांगेंगे। जब ऐसा होगा तब इनके पास कोई जवाब नहीं होगा।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।