उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस, हां तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे, भूल गए प्रथम सीएम नित्यानंद स्वामी कोः योगेश अग्रवाल

देवभूमि उत्तरांचल में ईमानदारी, निष्ठा से काम करने वाले, प्रथम मास से राज्य कर्मियों को वेतन प्रदान करवाने वाले, मात्र छः माह में ही राज्य को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा प्रदान करवाने वाले, मुख्यमंत्री पद की शपथ के बाद सरकारी आवास का त्याग कर अपने दो कमरों में ही रहने वाले नित्यानंद स्वामी ने सर्वप्रथम मित्र पुलिस की अवधारणा को राज्य में धरातल पर उतारने का ऐतिहासिक कार्य किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने मात्र ग्यारह माह बीस दिन के कार्यकाल में पर्वतीय क्षेत्रों से पेयजल, स्वास्थ्य और शिक्षा का कार्य प्रारंभ करने तथा 15 नए डिग्री कालेज तथा 50 से भी अधिक स्कूलों का उच्चीकरण का कार्य किया। सभी के लिए सुलभ मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी का आज राज्य की स्थापना के मौके पर कोई नाम तक नहीं लेता, इससे असंख्य उत्तराखंड वासियों में रोष व्याप्त है। एक ओर देवभूमि उत्तराखंड राज्य आंदोलन का बलिदानी संघर्षशील इतिहास पढ़ाना राज्य हित में है, वहीं राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री ईमानदारी, निष्ठावान समर्पित समाजसेवी, प्रख्यात विधि विशेषज्ञ नित्यानंद स्वामी जी यूं भूला पाना किसी भी प्रकार से राज्य वासियों के गले नहीं उतरता। किसी भी प्रकार की प्रगति सही मायने में वह प्रगति नहीं होती, जो अपनी विरासत को ही भूला दे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रस्तुतकर्ताः योगेश अग्रवाल
ढाकपट्टी राजपुर देहरादून, उत्तराखंड
योगेश अग्रवाल पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी जी की अंतिम सांस तक उनके साथ उनके विशेष कार्याधिकारी के रूप में कार्यरत रहे। उन्होंने दुखित मन से उक्त उद्गार मीडिया के माध्यम से सर्वसमाज के समक्ष प्रस्तुत किये।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।