बदल रहा है मौसम, तापमान में बदलाव फ्लू बुखार को दे रहा न्योता, कोरोना भी गया नहीं, इन बातों का रखें ध्यानः डॉ. संतोष

इस तरह हो रहा है वायरल का हमला
रात को जब आर्यन सोया तो वह स्वस्थ था। कहीं किसी बीमारी के लक्षण नहीं थे। गर्मी लगी तो उसने हल्की स्पीड में पंखा चला दिया। गहरी नींद आई और इसके साथ ही रात को तापमान गिरने लगा। सुबह जब वह उठा तो उसके हाथ, पैर, सिर, कमर यानि कि शरीर के हर अंग में दर्द होने लगा। घर में अन्य सदस्यों में भी किसी ने कमर और हाथ की अंगुलियों में दर्द की शिकायत की, तो किसी ने हाथ और सिर दर्द की शिकायत की। बदन टूट रहा है और समझ नहीं आ रहा है कि ये अचानक कैसे हुआ। हो सकता है कि इसी तरह के लक्षण आपके साथ भी हो रहे हों। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डेंगू का हमला हो रहा कमजोर
कुछ दिन पहले तक डेगू का सीजन था। जुलाई से लेकर अक्टूबर तक जब मौसम में ज्यादा आद्रता रहती है, बरसात का मौसम होता है, तब किसी को बुखार आता है, जाड़ा लगता है तो माना जाएगा कि गर्मी वाली बरसात में उसे डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। डेंगू एक जगह पर एकत्र साफ पानी से हो सकता है। अब जैसे ही मौसम बदलाव आने लगा और आद्रता की जगह सर्दी लेने लगी है। तापमान धीरे धीरे कम होने लग रहा है। ऐसे में डेंगू के केस में अचानक कम होने लगेंगे। जैसे ही तापमान में बदलाव होता है तो ये ही बुखार फ्लू में बदल जाएगा। बाहर के मौसम में चेंज होने से शरीर के अंदर में तापमान में फर्क नहीं पड़ता है। बाडी टेंपरेचर समान रहता है, लेकिन वातावरण में वायरस एक्टिवेट हो जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वायरस की गतिविधियां बढ़ने से होने लगी है परेशानी
डॉ. संतोष कुमार के मुताबिक, मौसम में बदलाव और तापमान में गिरावट के साथ ही फ्लू वायरस, एंफ्लूंजा वायरस सक्रिय होने लगते हैं। ऐसे में मौसमी बुखार इस समय ज्यादा से ज्यादा लोगों को होगा। गर्मी कम होगी, आद्रता कम होगी, लेकिन बुखार के लक्षण बढ़ जाएंगे। अब लोगों को सचेत होना पड़ेगा। जो दमा के रोगी हैं। मौसम बदलने से दमा बढ़ जाता है। इस समय पर वातावरण में फ्लू वायरस की गतिविधियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में सावधान रहना चाहिए। हार्ट मरीज, क्रोनिक डिजीज वालों को सतर्क रहें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोविड गया नहीं है, इसलिए रहें सतर्क
डॉ. संतोष कुमार के मुताबिक, जब भी मौसम बदलेगा, इससे प्रकृति में चेंज होने से वैक्टीरिया और वायरस की प्रकृति में बदलाव आने लगता है। अभी जैसे ही सर्दी की तरफ बढ़ेंगे, इंफ्लूंजा वायरस की भरमार होगी। ध्यान रखें कोविड अभी पूर्णत नहीं गया और कहीं इसकी समाप्ति की घोषणा नहीं हुई। ऐसे में हमें विशेष ध्यान देना होगा। बहुत ज्यादा खांसी, बुखार, हाथ पैर और जोड़ों में दर्द की परेशानी हो रही है तो ये फ्लू के लक्षण हो सकते हैं। साथ ही कोविड भी हो सकता है। इसलिए सावधानी बरतें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन बातों का रखें ख्याल
-रात को जबरदस्ती पंखा ना चलाएं। मौसम बदल रहा है। ज्यादा कोल्ड होने से शरीर में जोड़ों में दर्द हो सकता है। खांसी हो सकती है।
-एसी या कूलर का प्रयोग कम से कम करें। वातावरण के अनुकूल चलें।
-गर्मी के कपड़ें निकालने पर ध्यान दें और सर्दी के कपड़े सुबह और शाम को पहने जा सकते हैं। भले की शरीर का तापमान कम नहीं हो रहा है, लेकिन यदि शरीर संकेत दे रहा हो तो कपड़ों में भी बदलाव जरूरी है।
-इस समस्या को नजर अंदाज न करें। संतुलित आहार लें। खूब पानी पिएं। गर्म पानी भी पिया जा सकता है।
-बुखार आने पर या बदन दर्द की स्थिति में शरीर को आराम दें। बगैर दवा खाए आप एक दो दिन में आसानी से स्वस्थ हो सकते हैं।
-बुखार, हाथ पैरों में दर्द की स्थिति में एंटीबायोटिक्स का सेवन ना करें।
-बगैर चिकित्सक की सलाह के आप बुखार की स्थिति में पैरासिटामोल ले सकते हैं, लेकिन एंटीबायोटिक्स ना लें। वायरल फीवर में कोई भी एंटीबायोटिक्स की सलाह नहीं दी जाती।
-कोरोनाकाल में हम मास्क लगाते थे। ऐसे में उन दिनों वायरल फीवर से भी लोग बचे हुए थे। अब लोगों ने मास्क लगाना छोड़ दिया है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि जब भी सार्वजनिक स्थान पर जाएं या किसी ऐसे व्यक्ति से मिलें, जिसे खांसी, बुखार, जुकाम आदि हो तो आप खुद भी मास्क जरूर लगाएं।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।