केदारनाथ में निर्माण कार्यों का पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये किया निरीक्षण

गौरतलब है कि केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण और बदरीनाथ धाम महायोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट हैं। केदारपुरी में तीन चरणों में पुनर्निर्माण कार्य होने हैं। प्रथम चरण के कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि, द्वितीय चरण के कार्य हो रहे हैं। इसके तहत केदारनाथ में मंदिर समिति के भवन का निर्माण, मुख्य पुजारी आवास व चिकित्सालय का निर्माण, तीर्थ पुरोहितों के भवनों का निर्माण, रामबाड़ा से केदारनाथ तक पैदल मार्ग का निर्माण, आस्था पथ का निर्माण, हाट बाजार का निर्माण, सरस्वती नदी पर पुल का निर्माण, इशाणेश्वर मंदिर का निर्माण, मंदाकिनी व सरस्वती नदी पर सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य चल रहा है। वहीं, बदरीनाथ महायोजना के पहले चरण में वन वे लूप रोड, अराइवल प्लाजा, लेक फ्रंट डेवलपमेंट, हास्पिटल एक्सटेंशन, बाईपास सड़क, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट शेष नेत्र आदि कार्य प्रस्तावित हैं।
कार्यों की प्रगति की ली जानकारी
समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बद्रीनाथ एवं केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में केदारनाथ एवं बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ेगी। केदारनाथ निकटवर्ती स्थानों को भी आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने होंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए आस-पास के एरिया के डेवलपमेंट की दिशा में प्रयास करने होंगे। रामबाड़ा और केदारनाथ के बीच श्रद्धालुओं को ठहरने एवं कौन सी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं, इस ओर भी ध्यान दिया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वासुकिताल, गरूड़ चट्टी, लिंचोली और उनके आस-पास श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक दृष्टि से क्या किया जा सकता है, इसका पूरा प्लान तैयार किया जाए।
आसपास के क्षेत्र को मॉडल के रूप में करें विकसित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बद्रीनाथ के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भी योजना बनाई जाए। माणा गांव एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों को रूरल टूररिज्म के लिए विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए। इनमें स्थानीय कल्चर एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर ईकोनॉमी का अच्छा मॉडल बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केदारनाथ एवं बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सेवकों एवं डॉक्टरों से भी अधिक से अधिक सहयोग लिया जाए। सरकारी व्यवस्थाओं के साथ जन सहयोग भी जरूरी है।
सीएम धामी ने दी ये जानकारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में बद्रीनाथ एवं केदारनाथ में पुनर्निमाण के कार्य तेजी से चल रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत रात-दिन कार्य प्रगति पर है। दिसम्बर 2023 तक सभी कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल अभी तक 35 लाख से अधिक पंजीकृत श्रद्धालु चारधाम यात्रा में आ चुके हैं।
मुख्य सचिव ने रखा विवरण
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु ने केदारनाथ एवं बद्रीनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में प्रथम चरण के पुननिर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं। द्वितीय चरण में 188 करोड़ रूपये के 21 कार्य किये जा रहे हैं। जिनमें से 03 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, 06 कार्य दिसम्बर 2022 तक पूर्ण हो जायेंगे। अवशेष 12 कार्यों को जुलाई 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। गौरीकुण्ड में गेट का निर्माण किया जा चुका है। संगम घाट का कार्य जून 2023 तक पूर्ण किया जायेगा। ईशानेश्वर टेम्पल का कार्य भी एक माह में पूर्ण हो जायेगा। मास्टर प्लान के अनुसार सभी कार्य दिसम्बर 2023 तक पूर्ण किये जायेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि बद्रीनाथ में भी मास्टर प्लान के अनुसार तेजी से कार्य हो रहे हैं। शीश नेत्र लेक एवं बद्रीश लेक का कार्य 03 माह में पूर्ण हो जायेगा। रिवर डेवलपमेंट प्रोजक्ट का कार्य जून 2023 तक पूर्ण हो जायेगा।
संस्कृति सचिव ने दिया प्रस्तुतीकरण
सचिव संस्कृति, भारत सरकार गोविन्द मोहन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी कि केदारनाथ के लिए संस्कृति मंत्रालय के तहत चार प्रकार के कार्य होने हैं। जो जल्द शुरू किये जायेंगे। सोनप्रयाग में ओरिएंटेशन सेंटर की स्थापना, रामबाड़ा, छोटी लिंचोली, बड़ी लिंचोली एवं चन्नी कैंप में चिन्तन स्थल (ध्यान स्थल), केदारनाथ में शिव उद्यान एवं केदारनाथ में केदार गाथा म्यूजियम का निर्माण किया जायेगा। इन सभी कार्यों की पूरी योजना बनाकर तैयारी कर ली गई है।
ये भी रहे समीक्षा बैठक में उपस्थित
समीक्षा बैठक में विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग भाष्कर खुल्बे, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे वर्चुअल माध्यम से सचिव संस्कृति भारत सरकार गोविन्द मोहन, संयुक्त सचिव भारत सरकार रोहित यादव, उप सचिव भारत सरकार मंगेश घिल्डियाल भी उपस्थित थे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।