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August 5, 2025

उत्तराखंड में हर दिन खुल रहा है एक भर्ती घोटाला, पूर्व शिक्षा मंत्री का नाम भी जुड़ा, अग्रवाल दिल्ली तलब, कैबिनेट में हो सकता है फेरबदल

उत्तराखंड में अधिनस्थ चयन सेवा आयोग में पेपर लीक और नकल कराकर परीक्षा पास कराने के मामले का पर्दाफाश होने और इस मामले में 30 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब तो हर दिन विभिन्न विभागों में नौकरी के घोटाले सामने आ रहे हैं। इन घोटालों में कितनी सच्चाई है, ये उच्च स्तरीय जांच से ही पता चलेगा, लेकिन ये भी सच है कि फिलहाल उत्तराखंड में मीडिया में इन दिनों सरकारी नौकरी के प्रकरण ही सुर्खियों में बने हैं। इसमें बीजेपी के नेता, मंत्रियों पर आरोप लग रहे हैं, वहीं, बीजेपी भी कांग्रेस शासनकाल में ऐसे प्रकरणों को सामने लाकर अपना पल्ला झाड़ने और ध्यान बंटाने की कोशिश में है। बहरहाल, एक के बाद एक बड़े भर्ती व अन्य घोटालों के सामने आने और कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी के दिग्गजों समेत कई मंत्रियों के नाम उछलने से केंद्रीय खुफिया एजेंसीज की रिपोर्ट लगातार केंद्र और पीएमओ को एचएम को पहुंच रही हैं। लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं। ऐसे में बीजेपी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। कांग्रेस ने भी भर्ती घोटाले को मुद्दा बनाया हुआ है। वहीं, उत्तराखंड क्रांति दल के युवा कार्यकर्ता पूरी भर्तियों की सीबीआइ से जांच कराने की मांग को लेकर देहरादून में धरना दे रहे हैं।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और कुंजवाल पर भी लगे आरोप
विधानसभा में बैकडोर से नौकरी देने के आरोप बीजेपी नेता एवं कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर लगने से उत्तराखंड भाजपा असहज हो गई है। प्रेमचंद अग्रवाल वर्तमान में वित्त और शहरी विकास-आवास मंत्री हैं। उन पर आरोप है कि पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने विधानसभा में अपने चहेतों को नौकरी बांट दी। इस पर उनका तर्क है कि पहले वालों ने भी ऐसा ही किया, जो मैंने किया। इसमें अलग क्या कर दिया। वहीं, कांग्रेस शासनकाल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल ने कहा कि मैंने डेढ़ सौ लोगों को विधानसभा में नौकरी दी। अपने बेटे-बहु को नहीं दे सकता क्या? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अग्रवाल दिल्ली तलब, मंत्रिमंडल में हो सकता है फेरबदल
नौकरी मामलों में किरकिरी होने पर अब संभावना है कि कुछ विवादित मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है। हालत ये है कि कल तक मंत्रिमंडल विस्तार को ले के चर्चा होती थी, आज मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट शुरू हो रही है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को दिल्ली तलब किया है। नियुक्ति के मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी घेरे में आ गया है। उत्तराखंड विधानसभा में मिली नियुक्तियों के रूप में आरएसएस की एंट्री भी देखी गई है। आरोप है कि ऐसे कई नाम हैं जो संघ से जुड़े हैं और उन्हें बिना प्रतियोगी परीक्षा के विधानसभा में नौकरी दे दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके अलावा बीजेपी विधायक और मंत्रियों को रिश्तेदारों की उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से नौकरियां दी गई है। उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर के भर्तियां करने का मामला विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में किया गया था, जो वर्तमान में उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री है। वहीं, दूसरी तरफ प्रेमचंद अग्रवाल के स्टाफ ने उन सभी खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा गया है कि प्रेमचंद अग्रवाल को पार्टी हाईकमान की तरफ से तलब किया गया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के स्टाफ की माने तो उन्हें दिल्ली से कोई बुलावा नहीं आया है। हालांकि प्रेमचंद्र अग्रवाल को 2 सितंबर को दिल्ली जाना है, लेकिन उसकी वजह मंत्री परिषद की वह बैठक है, जिसे प्रधानमंत्री लेने जा रहे हैं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रतिनिधि के रूप में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल इस बैठक में शामिल होने जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब पूर्व शिक्षा मंत्री पर भी लगे अपने रिश्तेदारों को नौकरी देने के आरोप
उत्तराखंड में सरकारी भर्तियों में धांधली और बंदरबांट को लेकर हर रोज नये खुलासे हो रहे हैं। जिससे बीजेपी सरकार जहां बैकफुट पर है। वहीं, इसको लेकर प्रदेश की सियासत जोरों पर है। ताजा मामला पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के रिश्तेदारों को नौकरी देने के आरोप से जुड़ा है। इस संबंध में सोशल मीडिया में एक लिस्ट जारी की जा रही है। इसमें आठ नाम हैं और इन लोगों के पूर्व मंत्री से संबंध का खुलासा किया गया है। साथ ही बताया गया है कि किस व्यक्ति को कहां नियुक्ति दी गई है। दावा किया जा रहा है कि शित्रा मंत्री रहते हुए अरविंद पांडे ने विभाग में कई रिश्तेदारों को नौकरी पर लगाया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है प्रकरण
गौरतलब है कि उत्तराखंड में उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की पिछले साल हुई स्नातक स्तर की परीक्षा में स्नातक स्तर की परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले छह युवकों को हाल ही में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया। ये गिरफ्तारी अलग-अलग जगहों से की गई है। इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। इस मामले में बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में हुई थी। इसमें अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर युवाओं ने कार्रवाई की मांग की थी। इस मामले में अब तक कुल 30 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसके बाद अब हर दिन किसी ना किसी विभाग में भर्ती घोटाला उजागर हो रहा है।

Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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