शिक्षक एवं कवि रामचंद्र नौटियाल की कविता-तिरंगा
हम सब की जान है तिरंगा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा जागे जिससे भारत सारा
जालियांवाला बाग की गोली
आजादी के दीवानों
ने खेली खून की होली
वन्देमातरम् की बोली जा रही थी बोली जा रही थी
एक के बाद दूसरी टोली
भगत सिंह ने गुलामी की रोटी छोड़
कर आजादी का एक नया इतिहास रचाया
गांधी का आगमन
करे विश्व नमन
जम्मू कश्मीर अटल हिमालय शीष है जिसका
भारत माता तुझे नमन।
भारत मां की आन बान शान…
फांसी के फन्दे को गले लगाया
झांसी की रानी ने सन सतावन्
तब जा कर आजादी को बचाया,
मंगल पाण्डे की ललकार
सुभाष का जयहिन्द का नारा
जाग उठे भारत सारा
खिले आजादी का चमन
कन्याकुमारी चरण
भारत माता तुझे नमन,
भारत माता तुझे नमन!
कवि का परिचय
रामचन्द्र नौटियाल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गड़थ विकासखंड चिन्यालीसौड, उत्तरकाशी में भाषा के अध्यापक हैं। वह गांव जिब्या पट्टी दशगी जिला उत्तरकाशी उत्तराखंड के निवासी हैं। रामचन्द्र नौटियाल जब हाईस्कूल में ही पढ़ते थे, तब से ही लेखन व सृजन कार्य शुरू कर दिया था। जनपद उत्तरकाशी मे कई साहित्यिक मंचों पर अपनी प्रस्तुतियां दे चुके हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।