ग्राफिक एरा में परिधान प्रदर्शनी उत्तरागम 22 का आगाज, प्रकृति संरक्षण का संदेश प्रस्तुत करने की पहल
देहरादून में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में आज फैशन विभाग के छात्र छात्राओं की ओर से डिजाइन किये परिधानों की प्रदर्शनी 'उत्तरागम 22' का आगाज हुआ।
देहरादून में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में आज फैशन विभाग के छात्र छात्राओं की ओर से डिजाइन किये परिधानों की प्रदर्शनी ‘उत्तरागम 22’ का आगाज हुआ। विश्वविद्यालय के ओपन ऑडी में लगी इस प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं ने अपनी सृजनता और सामाजिक सरोकार को ध्यान में रखकर परिधानों के डिजाइन की संकल्पना कर शानदार फैशन परिधानों का प्रदर्शन किया। सस्टेनेबिलिटी और क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों की थीम पर, पिघलते ग्लेशियर, जल प्रदूषण, लुप्त होती गौरैया व फॉरेस्ट फायर के प्रति जागरूकता के लिए परिधानों में रंगों और पैटर्न का खूबसूरती से संयोजन कर प्रकृति संरक्षण का संदेश प्रस्तुत करने की पहल की है।सस्टेनेबल फैशन की परिकल्पना के साथ-साथ कोविड के बाद उत्पन्न चुनौतियां से वस्त्र उद्योग से जुड़े कारीगरों की जीविका को ध्यान में रखकर, भारतीय पहनावे और वस्त्र परंपरा से इंस्पायर होकर परिधानों के डिजाइन तैयार किए गए हैं। फैशन विभाग के 109 छात्र छात्राओं ने अपने परिधानों के डिजाइन कोर्स प्रोजेक्ट के रूप में प्रस्तुत किए। दो दिनों की प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं ने खादी, सिल्क, कॉटन और भांग के रेशों से बने कपड़ों का इस्तेमाल कर, कुमाऊं के छोलिया नृत्य, पहाड़ों में दरवाजों पर की गई लिखाई की कला के साथ प्राकृतिक पुष्प हथ पंजा की अनुकृति से भी प्रेरणा लेकर अपने डिजाइन तैयार किए हैं।
विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ डिजाइन की डीन प्रोफेसर डॉ ज्योति छाबड़ा ने बताया कि फैशन विभाग के इस सालाना परिधानों की प्रस्तुति में छात्र-छात्राओं ने अपनी सृजनता का उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ समाज के प्रति अपनी सहभागिता का भी परिचय दिया है जिसकी झलक इनके डिजाइन और तैयार किए गए वस्त्रों में दिखती है। उन्होंने बताया कि कूड़े के अंबार यानी लैंडफिल में सबसे ज्यादा योगदान फटे पुराने वस्त्रों का रहता है। रीसाइकिलिंग को ध्यान में रखते हुए लैंडफिल थीम में फटे पुराने कपड़ों का इस्तेमाल कर रोचक और आकर्षित परिधान डिजाइन किए हैं।
फैशन से जुड़ी एकेडमिक और वस्त्र उद्योग के एक्सपर्ट की जूरी ने छात्र छात्राओं के परिधानों का बारीकी से मूल्यांकन किया। जूरी में हायर एजुकेशन अकादमी यू.के. की प्रिंसिपल फेलो डॉ मोना सूरी, फॉर्मर चेयरपर्सन नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, डॉ कुसुम चोपड़ा, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ होम इकोनॉमिक्स दिल्ली यूनिवर्सिटी की पूर्व प्रोफेसर शशि चैधरी, प्रोफेसर बेला कपूर, टैटसेट वेन्चर्स के फाउंडर डायरेक्टर राजेश जैन, गिन्नी फिलामेण्टस् के बिजनेस हेड, राजीव पांडे शामिल रहे।





