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November 16, 2024

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेः कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को हटाया, रिपोर्ट देने में दो दिन का समय, दोबारा सर्वे पर कल सुनवाई

यूपी के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे मामले में वाराणसी कोर्ट ने चीफ एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र को हटा दिया है। उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।

यूपी के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे मामले में वाराणसी कोर्ट ने चीफ एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र को हटा दिया है। उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। कोर्ट ने बाकी दो कमिश्नरों को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिन की मोहलत भी दे दी है। विशेष कमिश्नर विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह अब दो दिन में सर्वे रिपोर्ट पूरी कर रिपोर्ट दाखिल करेंगे। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए एक दिन की मोहलत दे दी है। मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी। वहीं दोबारा सर्वे कराने की मांग संबंधित याचिका पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई होगी।
कोर्ट ने बाक़ी दो अर्ज़ियों पर (शौचालय, पानी के पाइप, और मछलियों के स्थानांतरण) और शिवलिंग की ऊंचाई, लंबाई नापने वाली याचिका पर कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगी। शिवलिंग की पैमाइश के मसले पर मुस्लिम पक्ष से आपत्ति मांगी गई है, जबकि टॉयलेट औऱ पानी के पाइप आदि को लेकर हिंदू पक्ष से आपत्ति मांगी गई है। कहा जा रहा है कि अदालत ने यह पाया कि अजय मिश्र ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए प्राइवेट वीडियोग्राफर रखा था और वो लगातार मीडिया में केस से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रख रहे थे। इस कारण उन्हें कार्यमुक्त करने का फैसला लिया गया। वहीं, कोर्ट ने साफ किया था कि सर्वे की रिपोर्ट गोपनीय होगी।
विशेष कमिश्नर विशाल सिंह ने ही यह शिकायत की थी कि अजय मिश्रा ने जो प्राइवेट वीडियोग्राफर रखा रहा है और वो लगातार मीडिया में खबरें लीक कर रहे हैं। गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले में यूपी की कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस तालाब को सील करने का आदेश दिया था, जहां कथित तौर पर “शिवलिंग” पाया गया था। ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के दौरान मस्जिद के ऊपरी हिस्से में जहां नमाज पढ़ी जाती है, उसके पास वजू के स्थान पर एक छोटा तालाब है। इसी में शिवलिंग मिलने की बात कही जा रही है। वहीं, दूसरा पक्ष उसे फव्वारा बता रहा है।
इस तालाब के बीचोंबीच शिवलिंग मिलने का दावा हिंदू पक्ष की ओर से किया जा रहा है। शिवलिंग मिलने के बाद हिंदू पक्ष जिला अदालत पहुंचा था, साथ ही इसको संरक्षित करने की बात कही गई। बनारस कोर्ट ने आदेश दिया था कि जिस जगह शिवलिंग मिला है, उसे सील किया जाए। कोर्ट ने वाराणसी जिला प्रशासन को ये आदेश दिया है। कोर्ट ने शिवलिंग मिलने वाली जगह पर किसी के भी आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था।
हिंदू याचिकाकर्ता के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि हम लोगों ने आपत्ति दर्ज़ कराई थी। हम लोग वजू खाने का पानी सुखा कर देखना चाहते थे। हमने देखा कि वहां शिवलिंग है। हमने ये बात बाहर बोलकर या कोर्ट को बताकर कोई अवमानना नहीं की है। हमने तो कोर्ट में मांग रखी थी कि उस तालाब को सील किया जाए। हमें लग रहा था कोई छेड़छाड़ कर सकता है। हमने जो किया वो कोर्ट के माध्यम से किया। मुस्लिम पक्ष स्वतंत्र है कोर्ट जाने के लिए।
ज्ञानवापी मस्जिद का फिर सर्वे करवाने की अर्ज़ी पर कल सुनवाई
ज्ञानवापी मस्जिद का फिर से सर्वे करवाने की अर्ज़ी वाराणसी कोर्ट में दाखिल की गई है। इस पर बनारस कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगी। दरअसल, मंगलवार को सुनवाई में उस वक्त अहम मोड़ आ गया, जब कोर्ट ने विशेष कमिश्नर के खिलाफ मीडिाय में बयानबाजी करने और प्राइवेट कैमरामैन रखने के आरोपों का संज्ञान लिया और उन्हें हटाने का फैसला किया। बनारस की अदालत इसके साथ ही शिवलिंग की पैमाइश और वजूखाने के लिए सुविधाओं को लेकर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष की अलग-अलग याचिकाओं पर भी बुधवार को सुनवाई करेगा।
कुंए में मिला शिवलिंग
कोर्ट में हिंदू महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने दावा किया है कि मस्जिद परिसर के अंदर तालाब में एक शिवलिंग मिला है। वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि तालाब का इस्तेमाल शुद्धिकरण के लिए किया जाता था। वहीं, मुस्लिम पक्ष इसे नकार रहा है। मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है। जिसे शिवलिंग कहकर प्रचारित किया जा रहा है, उसके ऊपरी हिस्से में कई कट लगे हैं। दावा किया जा रहा है कि ये पानी निलकने के लिए छिद्र बनाए गए हैं।
महिलाओं ने दायर की थी याचिका
उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है। स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह की ओर से इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है। रविवार को जिलाधिकारी शर्मा ने कहा था कि सोमवार का सर्वे कार्य सुबह आठ बजे से शुरू होगा और इस दौरान सभी पक्षों को मस्जिद परिसर में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है।
इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने बीते शुक्रवार को सर्वेक्षण पर यथास्थिति का अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, शीर्ष अदालत सर्वेक्षण के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की एक याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हुई है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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