चारधाम यात्राः अब तक 23 लोगों की मौत, पीएमओ ने मांगी रिपोर्ट, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप, एडवाइजरी जारी
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी सवाल उठने लगे हैं। कारण ये है कि यात्रा शुरू होने से लेकर अब तक 23 लोगों की यात्रा के दौरान मौत हो चुकी है। हालांकि इनमें 22 लोगों में ज्यादातर लोग हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज व अन्य बीमारियों से ग्रसित थे।

उत्तराखंड में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीय के दिन तीन मई को खुले थे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो गया था। छह मई को केदारनाथ धाम और आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा परवान में चढ़ने लगी। हजारों लोग हर दिन धामों की तरफ रुख कर रहे हैं। इसमें दुखद बात ये है कि गंगोत्री और यमुनोत्री में अब तक 14, केदारनाथ में सात और बदरीनाथ धाम में एक श्रद्धालु की मौत हो चुकी है। इसके अलावा एक तीर्थ यात्री की केदारनाथ में खाई में गिरने से मौत हुई।
मंगलवार को भी केदारनाथ यात्रा पर आए दो यात्रियों की हुई मौत
केदारनाथ यात्रा पर आए दो यात्रियों की मंगलवार को मौत हो गई। अब तक केदारनाथ में सात यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हुई, जबकि एक ही खाई में गिरने से मौत हुई है। कुल आठ की मौत हुई हैं।
पंजीकरण की क्षमता बढ़ाई
चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के भारी संख्या में आने के कारण सरकार ने प्रत्येक धाम में प्रतिदिन की पंजीकरण क्षमता एक-एक हजार बढ़ाने का निर्णय लिया है। अभी तक बदरीनाथ में 15000, केदारनाथ में 12000, गंगोत्री में 7000 और यमुनोत्री में 4000 यात्रियों का प्रतिदिन पंजीकरण कराने के व्यवस्था है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थ यात्रियों से यात्रा से पहले अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराने की अपील की है।
जारी की गई एडवाइजरी
चारधाम में 20 यात्रियों की मौत के बाद स्वास्थ्य महकमा भी अब नींद से जागा है। अब यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि उत्तराखंड में समस्त तीर्थस्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं। इनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मीटर से भी अधिक है। इन स्थानों पर श्रद्धालु अत्यधिक सर्दी, कम आद्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव, कम ऑक्सीजन से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा के लिए ये दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
ये जारी किए गए हैं निर्देश
-स्वात्थ्य परीक्षण के उपरांत ही यात्रा के लिए प्रस्थान करें।
-पूर्व से बीमार व्यक्ति अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का संपर्क नम्बर, एवं चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवाईयां अपने साथ रखें।
-आति वृद्ध एव बीमार व्यक्तियों एवं पूर्व में कोविड से ग्रसित व्यक्तियों के लिए यात्रा पर ना जाना या कुछ समय के लिए स्थगित करना उचित होगा।
-तीर्थेस्थल पर पहुँचने से पूर्व मार्ग में एक दिन का विश्राम करना उचित होगा।
-गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में अवश्य रखें।
-हदय रोग, श्वास रोग, मधुमेह, उच्य रक्तचाप से ग्रस्त रोगी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरतें।
-लक्षण जैसे- सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट का होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ- पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सांस फूलना, खॉसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे एवं 104 हैल्पलाईन नम्बर पर संपर्क करें।
-धूम्रपान व अन्य मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करें।
-सन स्क्रीन एसपीएफ 50 का उपयोग अपनी त्वचा को तेज धूप से बचाने के लिए करें।
-युवी किरणों से अपनी आंखों के बचाव के लिए सन ग्लासेस का उपयोग करें।
-यात्रा के दौरान पानी पीते रहें और भूखे पेट ना रहें।
-लम्बी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करें।
-ऊचाई वाले क्षेत्रों में व्यायाम से बचें ।
-किसी भी स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी के लिए 104 एवं एम्बुलेंस के लिए 108 हैल्पलाईन नम्बर सम्पर्क करें।
स्वास्थ्य सचिव ने बैठक कर ली व्यवस्थाओं की समीक्षा
उत्तराखंड की महत्वपूर्ण चारधाम को लेकर स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने यात्रा से संबंधित व्यवस्थाओं
की समीक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस महत्वपूर्ण बैठक में यात्रा से
संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने
वीडिया कान्फ्रेसिंग के माध्यम से भाग लिया।
सचिव स्वास्थ्य झा ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वह मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ यात्रा व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी करें। प्रतिदिन रिव्यू कर यात्रा को सुचारु रूप से संचालित कराएं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गयी हैं। पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ को तैनात किया गया है, लेकिन यात्रा ड्यूटी में शिथिलता एवं अनुपस्थित चिकित्सक एवं कार्मिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने आपात स्थिति में यात्री को समय पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराए जाने तथा रिस्पांस टाईम को कम करने के लिए जिलाधिकारियों को आनरूट मोबाईल एम्बुलेंस की व्यवस्था प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर चारधाम यात्रियों विषेशकर सीनियर सिटीजन, अन्य बीमारियों से ग्रसित अथवा लाग-कोविड से प्रभावित यात्रियों को यात्रा आरम्भ करने से पूर्व नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाने की आवश्यकता एवं यात्रा में स्वास्थ्य देखभाल को लेकर हैल्थ एडवाईजरी जारी की गयी।
जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह पर्यटन विभाग के माध्यम से हैल्थ एडवाईजरी का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिष्चित कराएं। यात्रा में आपदा एवं आकस्मिक परिस्थितियों के अन्तर्गत मरीजों अथवा प्रभावित तीर्थ यात्रियों को त्वरित राहत के लिए एयर एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के निर्देष दिए गए। सचिव ने कहा कि संबंधित जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभावित मरीज/तीर्थयात्री को एयर लिफ्ट कर एम्स ऋशिकेष तक उपचार के लिए तुरन्त ले जाने के लिए एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था करायेगें।
स्वास्थ्य सचिव ने जिलाधिकारी चमोली के अनुरोध पर तुरन्त 01 फिजीशियन को जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में तैनात करने के निर्देश महानिदेषक स्वास्थ्य को दिए। साथ ही मेडिकल कॉलेज दून के प्रधानाचार्य को 15-15 दिनों के लिए रोस्टर के आधार पर चिकित्सकों की तैनाती चारधाम यात्रा के दौरान किए जाने के लिए कहा।
चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने स्वास्थ्य महानिदेशालय में तैनात निदेषक डॉ. विनीता शाह को उत्तरकाशी, डॉ. सरोज नैथानी को रूद्रप्रयाग तथा डॉ. भारती राणा को चमोली जनपद के लिए नोडल अधिकारी नामित कर यात्रा व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी के लिए निर्देशित किया।
समीक्षा बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य सोनिका, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट, दून मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ आरसीएस सयाना, उप सचिव डॉ. मुकेश कुमार राय, अपर निदेषक डॉ. उमाशंकर कण्डवाल, डॉ. राजन अरोड़ा, जेसी पाण्डेय एवं एसडीआरएफ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।