पीएम की बैठक के बाद हरकत में आई मशीनरी, सचिवों को 16 सूत्रीय संदेश, खाली पदों को तुरंत भरने को कहा
हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी की सचिवों के साथ हुई बैठक के बाद सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी सचिवों को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 16 सूत्रीय निर्देशों से अवगत कराया है।
पीएम ने कहा कि आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार फैसिलिटेटर और कैटेलिक एजेंट का काम करें। मैन्युफैक्चरिंग और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए सरकार निजी क्षेत्र का पूरा साथ दें। भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर सफल होने में सरकार मदद करें। पीएम मोदी ने वैश्विक सूचकांकों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह हमें एक अवसर देते हैं कि हम स्वयं को उनके समकक्ष खड़ा कर सकें, अपनी कमियों को दूर कर सकें और आवश्यक सुधार कर सकें।
पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि राज्य स्तर पर वित्तीय अनुशासन के महत्व के बारे में संवाद बेहद आवश्यक है। इस बारे में नीतिगत निर्णयों तथा कदमों का विश्लेषण होना चाहिए और राज्य सरकारों के साथ इन्हें साझा करना चाहिए।इस बैठक में कुछ सचिवों ने मुफ्तखोरी की बढ़ती प्रवृत्ति पर एतराज किया था और यहां तक कह दिया था कि कुछ राज्यों के चुनावी वादों के कारण उनकी स्थिति श्रीलंका जैसी हो सकती है।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि दीर्घ अवधि के लिए निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हर क्षेत्र को संभावनाएं तलाशनी चाहिए और इसके लिए अवसरों का लाभ लेने के वास्ते नीतियां बनानी चाहिए। साथ ही पीएम मोदी ने नगण्य अपराधों को डिक्रिमिनालाइज करने का काम मिशन मोड करने का आग्रह किया है। ऐसे सभी कदमों को एक समयबद्ध ढंग से पूरा करने को कहा गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दों को सरकार की संपूर्णता को ध्यान में रखते हुए हल करने की आवश्यकता है। सभी हितधारकों से चर्चा होनी चाहिए और अलग-अलग खांचों में काम करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। इस पत्र में यह भी कहा गया है कि मौजूदा विजन 2047 को समय बद्ध ढंग से पूरा करने की आवश्यकता है. बजट में घोषित किए गए वायब्रेंट बॉर्डर विलेज पहल को पूरा करने के लिए सभी मंत्रालय और विभाग आपस में मिल कर काम करें। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हर जिले में मनरेगा के तहत 15 अगस्त 2022 तक 75 तालाब बनाने का काम पूरा किया जाए। ऑटोनामस संस्थाओं में कटौती की सिफारिशों को युद्ध स्तर पर पूरा किया जाए तथा ऐसी और संस्थाओं की पहचान का काम किया जाए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।