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September 21, 2024

उत्तराखंड में गर्मी ने दिखाना शुरू किया अपना रंग, तोड़े रिकॉर्ड, जंगलों की आग को लेकर चेतावनी, हिमस्खलन का भी खतरा

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उत्तराखंड में अब गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, अब गर्मी और सताएगी। धीरे धीरे तापमान में वृद्धि होती जाएगी।

उत्तराखंड में अब गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, अब गर्मी और सताएगी। धीरे धीरे तापमान में वृद्धि होती जाएगी। ऐसे में आगामी दो अप्रैल तक और अधिक गर्मी की संभावना है। इसे लेकर मौसम विभाग ने एडवाइजरी भी जारी की है। मार्च माह में गर्मी ने पिछले 32 साल तक के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अभी गर्मी और अधिक बढ़ने की संभावना है। इससे जंगलों में आग के प्रति भी सचेत किया गया है। साथ ही पहाड़ों में तेजी से बर्फ पिघलने से हिमस्खलन का भी खतरा बना हुआ है।
हालांकि एक दिन पहले गुरुवार को मौसम ने कुछ स्थानों पर मेहरबानी जरूर दिखाई और मसूरी सहित कई पर्वतीय स्थानों में तेज हवाओं के साथ झमाझम ओले गिरे। इसके बाद तापमान में गिरावट आने से हल्की ठंड भी महसूस की गई। मैदानी इलाकों में उमसभरी गर्मी महसूस की गई। दून में अधिकतम पारा 34.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा भी कई अन्य इलाकों में पारा सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक अधिक बना हुआ है। एक दो दिन के बाद इसमें वृद्धि की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, उत्तराखंड के ज्यादातर इलाकों में शुक्रवार से अगले कुछ दिन तक मौसम शुष्क रह सकता है। ज्यादातर इलाकों में तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक अधिक रह सकता है। दो अप्रैल तक मौसम शुष्क रहने से गर्मी में भी इजाफा होगा।
बारिश और तापमान की स्थिति
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, मार्च माह अधिकतम और न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि हुई है। मार्च 2022 के मध्य से कई स्थानों पर सामान्य से 4-7 डिग्री सेल्सियस ऊपर पहुंच गया। पिछले 32 वर्ष के दौरान (1991 से 2022 तक) वर्षा के आंकड़े यह देखा गया है कि इस साल मार्च में वर्षा शून्य थी (-100% 2004 में लंबी अवधि के औसत से प्रस्थान)। 1994 में 1 मिमी (-98%) बारिश हुई और 2009 में 2 मिमी (-96%) बारिश हुई। इस साल अब तक बारिश 2 मिमी (-96%) हुई है। 20 मार्च 2004 को मुक्तेश्वर वेधशाला में अधिकतम तापमान 28.5°C रिकॉर्ड किया गया। देहरादून वेधशाला में 28 मार्च 1892 को 37.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और 30 मार्च 2017 को पंतनगर वेधशाला 36.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
दो अप्रैल तक मौसम शुष्क रहने का अनुमान
उत्तराखंड में उत्तर-पश्चिमी, पश्चिमी शुष्क हवाओं के प्रसार से अनुमान है कि 2 अप्रैल 2022 तक प्रदेश के मैदानी और निचले इलाकों में अधिकांश क्षेत्रों में शुष्क मौसम की प्रबल संभावना है। इस अवधि के दौरान उत्तराखंड के में तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। अधिकतम तापमान सामान्य से 7°C से 9°C तक पहुंचने की संभावना है। वहीं, कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से 5 से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक पहुंच गया है। मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 37-38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। 27 मार्च 2022 के बाद उत्तराखंड की पहाड़ियों (लगभग 2000 मीटर) पर 26-28 डिग्री सेल्सियस तापमान रहने की संभावना है।
इसके बाद 02 अप्रैल 2022 तक अधिकतम तापमान में बड़ा बदलाव। इनके कारण अधिकतम तापमान और अधिक बढ़ने की संभावना है।
इस दिन हो सकती है छिटपुट बारीश
30 मार्च 2022 को मौसम में हल्का बदलाव देखा जा सकता है। पहाड़ी इलाकों में छिटपुट स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश गरज के साथ होगी। इस दौरान कुछ इलाकों में बौछारें पड़ने की संभावना है।
जंगलों में आग की घटनाओं से सतर्क रहने की जरूरत
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने शुष्क मौसम की स्थिति और वायुमंडलीय स्थिरता के कारण 27 मार्च से अधिकतम तापमान में वृद्धि की संभावना जताई है। साथ ही जंगल की आग से सतर्क रहने की सलाह दी है। इससे निपटने के लिए फायरब्रेक स्थापित करने और संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई है।
हिमस्खलन का भी खतरा
राज्य मौसम विभाग ने पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतम तापमान में वृद्धि की आशंका के साथ ही पहाड़ों में बर्फ के तेजी से पिघलने और उसके खतरों से भी आगाह किया। 27 मार्च के बाद उत्तरकाशी, चमोली के ऊंचे इलाकों (3500 मीटर से ऊपर) में अलग-अलग स्थान पर और रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में भी हिमस्खलन की चेतावनी दी है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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