Video: भारतीय छात्र बेजुबानों को भी करा रहे हैं यूक्रेन की सीमा पार, चार पैरों वाले दोस्त का मंत्री ने किया स्वागत

जनरल वीके सिंह उन केंद्रीय मंत्रियों में से एक हैं जो यूक्रेन से पड़ोसी देशों के माध्यम से भारतीयों की निकासी की देखरेख कर रहे हैं। वे बुधवार को पोलैंड के रेज़ज़ो हवाई अड्डे पर सी -17 ग्लोबमास्टर विमान के साथ मौजूद थे। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में उन्हें फ्लाइट में भारतीय छात्रों का स्वागत करते हुए देखा गया।
Some of the evacuees brought their four legged best friends as well.
Good to have all of our #IndianStudents aboard on the @IAF_MCC C-17 Globemaster ready to return to the safety of our motherland.#OperationGanga #NoIndianLeftBehind@PMOIndia @narendramodi pic.twitter.com/XprDh0p57K
— General Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) March 2, 2022
जैसे ही खारकिव में लड़ाई तेज हुई, भारत ने बुधवार को अपने नागरिकों को यूक्रेन के इस दूसरे सबसे बड़े शहर से पास के तीन स्थानों पर छोड़ने के लिए कहा, जबकि रूस ने संघर्ष क्षेत्रों से भारतीयों को निकालने के लिए “मानवीय गलियारा” बनाने का वादा किया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार की रात में यूक्रेन संकट पर एक और उच्च स्तरीय बैठक की। साथ ही उन्होंने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात भी की थी। उधर यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजे गए चार केंद्रीय मंत्रियों ने भारतीय वायु सेना और वाणिज्यिक विमानों के जरिये भारतीयों को निकालने के प्रयास तेज कर दिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ब्रीफिंग में कहा कि अब हम अनुमान लगाते हैं कि हमारी एडवायजरी जारी होने के बाद से लगभग 17,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन की सीमाओं को छोड़ चुके हैं। इसमें निश्चित रूप से कुछ ऐसे भारतीय भी शामिल हैं जिन्होंने पहले दूतावास में पंजीकरण नहीं कराया था। इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि जब रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ने लगा था और भारत ने फरवरी के मध्य में पहली एडवाइजरी जारी की थी, तब 20,000 भारतीय यूक्रेन में थे। निकासी मिशन के बारे में बागची ने कहा कि ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत उड़ानें तेजी से बढ़ी हैं और पिछले 24 घंटों में छह उड़ानें भारत में उतरी हैं, जिससे उड़ानों की कुल संख्या 15 हो गई हैष उन्होंने कहा कि इन उड़ानों से लौटने वाले भारतीयों की कुल संख्या 3,352 है। इनमें से 1,796 को रोमानिया, 430 को पोलैंड और 1126 को हंगरी के जरिए निकाला गया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।